भारत में चीनी मोबाइल कंपनियों का वर्चस्व अब समाप्त होने जा रहा है। वर्ष 2015 में चीनी मोबाइल ब्रांड्स के पास स्मार्टफोन बाजार में 43 फीसदी हिस्सेदारी थी। वर्ष 2020 में यह बढ़कर 75 फीसदी तक पहुंच चुकी थी। हालांकि, अब इन्हें बड़ा झटका लगने वाला है। मशहूर चीनी मोबाइल ब्रांड Xiaomi और Oppo पर जुर्माना लगाए जाने की पूरी संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार चीनी मोबाइल दिग्गजों पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लग सकता है। आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित नियामकीय आदेश का पालन नहीं करने के लिए Xiaomi और Oppo पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ये दोनो ही ब्रांड संबद्ध उद्यमों के साथ लेनदेन के प्रकटीकरण के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
Income Tax Department carried out search & seizure operations pan-India on December 21 in the case of certain foreign-controlled mobile communication & mobile handset manufacturing companies and their associated persons: CBDT pic.twitter.com/AQZDHALj2Q
— ANI (@ANI) December 31, 2021
इन कंपनियों ने विदेश भेजे हैं 5500 करोड़ से अधिक रुपये
इससे पहले दिसंबर में IT विभाग ने पूरे देश में मोबाइल हैंडसेट निर्माण कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों के साथ-साथ विदेशी प्रभुत्व वाले कुछ मोबाइल संचार पर भी जब्ती अभियान चलाया। आईटी विभाग के मूल निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बताया कि “खोज कार्रवाई से पता चला है कि दो प्रमुख कंपनियों (ओप्पो और श्याओमी का जिक्र) ने 5,500 करोड़ रुपये से अधिक का रेमिटेंस किया है।” अर्थात् जांच में सामने आया है कि इन कंपनियों ने धोखा देकर 5500 करोड़ रुपये विदेश भेजे हैं। ये रुपये रॉयलटी के रूप में समूह कंपनियों को दिए गए हैं।
CBDT के बयान में कहा गया, “यह स्पष्ट होता है कि इन दोनों कंपनियों ने संबंधित उद्यमों के साथ लेनदेन के प्रकटीकरण के लिए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित नियामक आदेश का पालन नहीं किया था। इस तरह की चूक उन्हें आयकर अधिनियम, 1961 के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी बनाती है, जिसकी मात्रा 1,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।”
CBDT says two foreign-controlled mobile phone manufacturers could face penalties of more than Rs 1000 crores for not complying with the "regulatory mandate prescribed under the Income-Tax Act, 1961 for disclosure of transactions with associated enterprises" pic.twitter.com/OcrFao3yNU
— ANI (@ANI) December 31, 2021
खबरों के मुताबिक ये जानकारी भी सामने आई है कि इन कंपनियों ने मोबाइल हैंडसेट में काम आने वाले कलपुर्जों की खरीद में भी हेराफेरी की है। कार्रवाई के दौरान विभाग ने यह भी पाया है कि भारत में स्थित किसी अन्य ब्रांड की सेवाओं का उपयोग करने के बावजूद इन कंपनियों में से एक ने 1 अप्रैल, 2020 से शुरू किए गए स्रोत पर कर कटौती के प्रावधानों का पालन नहीं किया।
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21 दिसंबर को भी पड़ा था IT का छापा
हालांकि, विभाग की जांच में ये भी सामने आया है कि कुछ चीनी कंपनियां तो सिर्फ इसलिए स्थापित कर दी गई हैं, जिससे खर्च को दिखाया जा सके और फंड को बाहर निकालने में मदद मिल जाए। आयकर विभाग की मानें, तो कुछ फिनटेक और सॉफ्टवेयर कंपनियों को केवल देश से पैसा निकालकर विदेश भेजने के लिए स्थापित किया गया है। इस फर्जीवाड़े के लिए ऐसी कंपनियों ने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भुगतान किया।
एक अन्य मोबाइल कंपनी पर भी 21 दिसंबर को आईटी ने छापा मारा था, जिसके नाम का विभाग ने खुलासा नहीं किया है। विभाग ने बताया, “यह पता चला है कि कंपनी के मामलों का नियंत्रण एक पड़ोसी देश से काफी हद तक प्रबंधित किया गया था।” गौरतलब है कि चीनी मोबाइल ब्रांडों ने लंबे समय से भारतीय बाजार के जरिए भारी मुनाफा कमाया है। मौजूदा समय में अब ये पता चला है कि ये कंपनियां लाभ को भुनाने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल कर रही थी, ऐसे में अब इन्हें सबक सिखाना आवश्यक है।