CRPF ने गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रण को लेकर फेक न्यूज फैलाने वाले इंडियन एक्सप्रेस की लगाई क्लास

इंडियन एक्सप्रेस के 'फेक' तंत्र का हुआ पर्दाफाश!

The Indian Express

Source- Google

द इंडियन एक्सप्रेस और ‘फेक न्यूज’ दिन प्रतिदिन एक दूसरे के पर्याय बनते जा रहे हैं! पिछले कुछ सालों में इस मीडिया हाउस ने कई ऐसी खबरें और भ्रामक रिपोर्ट प्रकाशित किए हैं, जो झूठे निकले और उसके लिए उन्हें जमकर लताड़ भी लग चुकी है। लेकिन इतना सब होने के बावजूद ये सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस मीडिया हाउस ने तय कर लिया है कि उसे हर हाल में लोगों तक भ्रामक खबरें ही पहुंचानी है और अपनी भद पिटवानी है! ताज़ा उदाहरण, द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से छपी एक रिपोर्ट का है, जिसमें दावा किया गया है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में कई केंद्रीय सशस्त्र बलों के महानिदेशकों को आमंत्रित नहीं किया गया था।

इस रिपोर्ट के छपते ही एक्शन का रिएक्शन आना तो स्वाभाविक ही था। इंडियन एक्सप्रेस में छपी यह खबर भ्रामक निकली और सत्य सामने आया कि सभी महानिदेशकों को न केवल ससम्मान आमंत्रित किया गया था, अपितु उनमें से कई इस गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे और उन्होंने अपनी उपस्थिति भी दर्ज़ कराई थी।

एक प्रख्यात कथन है कि झूठ के पैर नहीं होते, ऐसे में इंडियन एक्सप्रेस के इस झूठी रिपोर्ट का पर्दाफाश होने में भी ज्यादा समय नहीं लगा। रिपोर्ट छपते ही सभी बलों की ओर से साझा बयान सामने आने लगे कि उक्त सभी बलों के महानिदेशक आमंत्रित भी थे और अधिकांश अधिकारी गणतंत्र दिवस के दिन वहां पहुंचे भी थे। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) ने भी इस रिपोर्ट का खंडन किया और स्पष्ट किया है कि CAPF के प्रमुख अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था।

और पढ़ें: ‘तुम्हारी झूठी खबर ने चीन को फायदा पहुंचाया’, जनरल VK सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार की उड़ाई धज्जियां

द इंडियन एक्सप्रेस का ‘फेक’ तंत्र

द इंडियन एक्सप्रेस के इस भ्रामक और तथ्यहीन खबर पर सबसे पहले केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) का जवाब ट्वीट के माध्यम से सबके समक्ष आया। सीआरपीएफ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “सीआरपीएफ के महानिदेशक को गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित नहीं करने वाली इंडियन एक्सप्रेस की खबर न केवल गलत है, बल्कि ये पुलिस बल के प्रति प्रकट किया अनादर और अपमान भी है।”

इसके बाद अगला नंबर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का था। उन्होंने भी इंडियन एक्सप्रेस के झूठ का खंडन किया। ज्ञात हो कि अभी आईटीबीपी के डीजी संजय अरोड़ा के पास SSB का भी अतिरिक्त प्रभार है। SSB ने इंडियन एक्सप्रेस के प्रति अभी तक अपना बयान जारी नहीं किया है, पर निस्संदेह संजय अरोड़ा की उपस्थिति दोनों बलों के महानिदेशक के तौर पर दर्ज़ हुई थी। वहीं, CISF ने भी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट को गलत बताते हुए, उसे भ्रामक करार दिया है।

और पढ़ें: INX मामले में कोर्ट ने द इंडियन एक्सप्रेस और द हिंदू को लताड़ा, कहा, फैसले में नहीं हुआ कोई कॉपी पेस्ट’

इंडियन एक्सप्रेस ने मांगी माफी

यूं तो सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई मत सामने नहीं आया है, पर उक्त सभी CAPF बलों को मिले आमंत्रण से यह तो तय है कि बीएसएफ अछूता नहीं होगा। और यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि बीएसएफ के डीजी को भी आमंत्रित किया गया था।इन सभी बलों द्वारा इस रिपोर्ट को खारिज करने के तत्काल बाद इंडियन एक्सप्रेस ने अपने लेख से NOT INVITED सेक्शन को हटा दिया। इसमें एक संपादक का नोट जोड़ा गया, जिसमें कहा गया कि “इस लेख में NOT INVITED शीर्षक वाला अंतिम आइटम गलत था और उसे हटा दिया गया है। त्रुटि के लिए खेद है।”

ध्यान देने वाली बात है कि इंडियन एक्सप्रेस पर अनगिनत अवसरों पर फर्जी रिपोर्ट प्रसारित करने और गलत सूचना को बढ़ावा देने के आरोप लगते आए हैं। उसके बावजूद भी यह अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में देश में इंडियन एक्सप्रेस पढ़ने वाले पाठकों को अब यह सोचने की आवश्यकता है कि वो फेक कंटेंट पोषित अखबारों को यूं ही बढ़ावा देते रहेंगे या उन्हें उनकी औकात भी दिखाएंगे!

और पढ़ें: ममता बनर्जी ने बंगाल पुलिस से BSF को प्रतिबंधित करने को कहा

Exit mobile version