क्या आपने कभी गौर किया कि सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी से सबसे ज्यादा नफरत करने वाले लोग कौन हैं? निश्चित रुप से वामपंथी और कट्टरपंथी तो हैं ही, लेकिन कुछ समुदाय ऐसे भी हैं, जिनके हित में सरकार नई-नई योजनाएं लेकर सामने आती है और फिर भी ये लोग सोशल मीडिया पर सरकार को कोसते दिख जाते हैं। जी हां! सोशल मीडिया पर अनुसूचित जातियों के समूहों द्वारा मोदी सरकार के विरुद्ध बहुत ज्यादा नफरत देखने को मिलती है! यह असल जिंदगी का नफरत नहीं है, यह वह सत्य है जो आभासी दुनिया में ही चलती है। असल जिंदगी से इसका कोई लेना देना नहीं है। वास्तव में दलितों के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने जितना काम किया है, उतना किसी ने नहीं किया है। यह बातें सिर्फ बोलने के लिए नहीं है, तथ्य भी इस बात का पुरजोर समर्थन करते हैं।
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दलितों के लिए योगी सरकार ने किया है सबसे ज्यादा काम
ऑनलाइन दुनिया के इतर जमीनी स्तर पर हकीकत बिल्कुल अलग है। जमीन पर हर दलित हिंदू भाजपा का समर्थन इसीलिए करते हैं, क्योंकि उनको भाजपा में उम्मीद दिखती है और भाजपा ने उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हरसम्भव प्रयास भी किया है। उदाहरण के लिए वर्ष 2018 की रिपोर्ट देखिए, सत्ता में मात्र एक वर्ष बीतने के बाद ही अंतर दिख गया था। उस समय विपक्ष ने उसी आभासी दुनिया को आधार बनाकर भाजपा को घेरना चाहा। विपक्ष के बदनामी अभियान का जवाब देते हुए और दलित विरोधी होने के आरोपों का खंडन करते हुए, योगी सरकार ने उस समय दावा किया कि उसने पिछली किसी भी सरकार की तुलना में दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए अधिक कार्य किया है। सरकार ने अपनी इस दावे के समर्थन के लिए डेटा भी जारी किया था।
पिछली सपा सरकार की तुलना में वर्तमान शासन में प्रमुख पदों पर अधिक दलित अधिकारियों की नियुक्ति का दावा करने के एक हफ्ते बाद, अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद से, भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि आधिकारिक योजनाओं का लाभ दलितों को अधिक से अधिक मिले। रिपोर्ट में कहा गया कि “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 8.85 लाख घरों में से 6.50 लाख घर दलितों को दिए गए हैं। इसके अलावा 37 लाख दलितों को पहली बार राशन कार्ड जारी किया गया है। पिछली सरकार ने जहां अधिकांश पिछड़ा वर्ग बहुल 1,556 गांवों में कोई काम नहीं कराया, वहीं भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वहां सभी सुविधाएं पहुंचे। सौभाग्य योजना के तहत दलितों को 32 लाख बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़े आगे बताते हैं कि सरकार द्वारा बनाए गए 40 लाख शौचालयों में से 36 लाख दलितों के लिए हैं।”
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कर्ज माफी से दलितों को हुआ जबरदस्त फायदा
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि सरकार की कर्ज माफी योजना से भी दलितों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। बसपा को इस बात की चिंता है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा चुके ये लोग अपने परिवार सहित भाजपा की ओर रुख करेंगे इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दावा किया था कि किसी भी सरकार ने दलितों के लिए अधिक कुछ नहीं किया है, जबकि यूपी सरकार ने कहा कि 25 जिला मजिस्ट्रेट और सात संभागीय आयुक्त SC या OBC श्रेणियों से हैं, जो कुल पदों का क्रमशः 33 फीसदी और 39 फीसदी है। एक अधिकारी ने भी बताया कि इसी तरह, 25 शीर्ष पुलिस अधिकारी दलित समुदाय से हैं।
जमीनी हक़ीक़त यही बताती है कि भाजपा ने दलितों के लिए कार्य किया है और अगर आपके मन में सवाल है कि ऑनलाइन यह नफरत कहां से आती है? तो इसका सवाल कांग्रेस, आप और बसपा जैसे राजनीतिक दलों के आईटी सेल में छिपा हुआ है। जहां जानबूझकर भाजपा और दलितों के बीच यह विरोधी माहौल तैयार किया जाता है।