PM मोदी के साथ जो हुआ वो ‘चूक’ नहीं, ‘हत्या का प्रयास’ था

'इंदिरा ठोक दी, मोदी क्या चीज़ है'​, इस धमकी को सच करने की थी योजना!

मोदी सुरक्षा चूक

मोहनदास करमचंद गांधी, बलवंत राय मेहता, केबी सहाय, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, कृष्णानंद राय,प्रमोद महाजन में क्या सामान्य बात है? भारतीय राजनीति के यह वो चेहरे हैं, जिनकी हत्या की गई। एक नाम जो बाहर है, वह लालबहादुर शास्त्री का है लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई भी घोषणा नहीं हुई है इसलिए उनको इस सूची से बाहर रखा है। शेष जितने भी लोग हैं, उनकी हत्या हुई है। इसमें से दो नाम और स्पष्टता से लेते हैं। राजीव गांधी और इंदिरा गांधी, यह दो लोग वह हैं, जिनकी मृत्यु प्रधानमंत्री रहते हुए हुई है।

यह बात हम क्यों बता रहे हैं? क्योंकि कल इस सूची में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ सकता था। कोशिश तो ऐसी ही की गई थी। लेकिन प्रभु की कृपा और लोगों के आशीर्वाद के चलते कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई लेकिन कल जो हुआ, उससे पूरा देश शर्मसार अवश्य हुआ है। लोकतंत्र का रोना रोने वाली काँग्रेस ने कल केला गणराज्य यानी बनाना रिपब्लिक वाला कार्य किया है।

बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे। कथित किसान प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले का मार्ग तब अवरुद्ध कर दिया, जब वह पाकिस्तान के साथ लगने वाली हुसैनीवाला सीमा में राष्ट्रीय शहीद स्मारक की ओर जा रहे थे।

प्रधानमंत्री के फिरोजपुर में निर्धारित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया जिसमें उन्हें 42,750 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखनी थी और एक रैली को भी संबोधित करना था। इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने, PM मोदी की गंभीर सुरक्षा का संज्ञान लेते हुए इस चूक के लिए पंजाब सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और उसे ‘इस चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने’ के लिए कहा।

इतनी बड़ी घटना के बाद अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, “आज पंजाब में हुई घटना इस बात का ट्रेलर है कि कांग्रेस पार्टी कैसे सोचती है और काम करती है। लोगों द्वारा बार-बार ठुकराए जाने के बाद काँग्रेस पागलपन के रास्ते पर आ गई है। कांग्रेस के शीर्षस्थ लोगों ने जो किया उसके लिए भारत के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।”

स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री को अपनी जान बचने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना पड़ा। समाचार एजेंसी ANI ने बठिंडा से रिपोर्ट करते हुए बताया कि हवाई अड्डे पर अधिकारियों से प्रधानमंत्री ने कहा, “अपने सीएम को धन्यवाद कहना, की में बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट आया।”

क्या यह सिर्फ एक सुरक्षा चूक थी?

कोई भी इंसान, जिसका दिमाग चलता है, वह बता देगा कि ऐसे घटनाओं के पीछे हकीकत क्या हो सकती है लेकिन सारी घटना का सार अगर निकाला जाए तो वह यह है कि “कल्पना कीजिए, एक राज्य के CS और DGP प्रधानमंत्री के काफिले को एक निश्चित मार्ग का उपयोग करने के लिए आगे बढ़ाते हैं और प्रदर्शनकारियों को एक ही समय में उसी मार्ग तक पहुंचने की अनुमति देते हैं। कल पंजाब में यही हुआ है।”

भाजपा ने भी पंजाब में कांग्रेस और उसकी सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि काँग्रेस ऐसी स्थिति पैदा कर रही है जहां “प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाया जाए।”

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हम जानते हैं कि कांग्रेस मोदी से नफरत करती है। लेकिन आज उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। पंजाब की कानून-व्यवस्था इस कदर टूट गई है कि डीजीपी का दावा है कि वह PMO और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के ब्यौरे को ही सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थ हैं। पंजाब में प्रशासन की स्थिति ऐसी है कि एक  प्रोटोकॉल जिसका पालन राज्य को करना होता है, उसको ध्वस्त कर दिया गया ताकि प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाया जा सके।”

पुलिस ने खालिस्तानियों को क्यों बताया कि प्रधानमंत्री का रूट क्या है?

भारतीय किसान संघ (क्रांतिकारी) ने स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को उसके कार्यकर्ताओं ने रोक दिया था। टाइम्स नाउ से विशेष रूप से बात करते हुए, भारतीय किसान संघ (BKU) – क्रांतिकारी के प्रमुख सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि 12-13 किसान संगठनों ने विरोध करने का फैसला किया क्योंकि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कोई समिति नहीं बनाई थी।

उन्होने कहा कि, “दोपहर के करीब, हमें पता चला कि पीएम बठिंडा से सड़क मार्ग से आ रहे हैं। रैली के पास एक बड़ा हेलीपैड था और पुलिस ने कहा कि वह सड़क मार्ग से आ रहे हैं। इसलिए हमने सोचा कि पुलिस झूठ बोल रही है और पीएम हवाई मार्ग से आ रहे हैं। इसलिए हमने रास्ता साफ नहीं किया। हमने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं।”

आप समझिए कि प्रधानमंत्री उस फ्लाईओवर पर अटके हुए थे, जहां से 15 से 20 किलोमीटर दूर पाकिस्तान का बॉर्डर है और किसी भी तरीके से हमला करके दो मिनट में सबकुछ तबाह किया जा सकता था। फ्लाईओवर से किसी भी घर की छत से बैठा स्नाइपर PM मोदी को हानि पहुंचा सकता था। यह सारी जेम्स बॉन्ड किस्म की हरकतें कभी भी हसंते हुए देश को रुला सकती है।

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कल PM मोदी की सुरक्षा चूक घटना हुई और काँग्रेस के दलाल ट्विटर पर “हाऊ इज द जोश” पूछने लगे। खैर, भारत ने भी संयुक्त रूप से मिलकर जवाब दिया कि प्रधानमंत्री को ठीक हैं, लेकिन काँग्रेस अब ठीक नहीं रहेगी।

 

कल जो घटना हुई है, उससे सबसे ज्यादा बदनामी काँग्रेस की हुई और यह नुकसान के रूप में भी बदल सकता है। जिस पार्टी के दो प्रधानमंत्रियों की हत्या ऐसी आपातकालीन स्थिति में हुई हो, वह कैसे PM मोदी की सुरक्षा में चूक कर सकती है? क्या यह घटना काँग्रेस द्वारा प्रायोजित थी?

क्योंकि किसी भी स्थिति में जनता अब यह तो जान गई है कि काँग्रेस के बस में कुछ भी नहीं है। कल काँग्रेस के नकारेपन को पूरे देश ने देख लिया है।

पंजाब पर एक पुराना दाग भी है। यहां बात 1984 की हो रही है। यह वह वर्ष था जब एक और प्रधानमंत्री की हत्या हुई थी। खैर, चंद खालिस्तानियों की वजह से एक समुदाय को नफरत का पात्र बनना पड़ा था, अब इस बार इस गलती के लिए पंजाब किसी की नफरत नहीं लेगा और आने वाले चुनावों में काँग्रेस को जवाब मिलना तय है।

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