ISIS भर्ती रैकेट चलाती पकड़ी गई कांग्रेस के पूर्व विधायक की बहू

सभी देश विरोधी तत्वों का लिंक कांग्रेस से जुड़ना कोई संयोग नहीं है!

दीप्ति मारला

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कुछ खबरें आपकी अंतरात्मा को झकझोर देती है और यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि अगर कोई नेता अपने भाषण में नारा देता है कि ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो #@$ को’ तो इसमें गलत क्या है? देश से हम हैं, आप हैं, व्यवस्था है, स्कूल है, घर है, स्वतंत्रता है, सुरक्षा है, अधिकार है, अस्तित्व है और अगर हमारे अस्तित्व के लिए कोई खतरा बने, तो उस पर एक्शन क्यों न लिया जाये? अपने अस्तित्व के लिए जानवर भी लड़ते है, हम तो फिर भी इंसान है। यह खबर उसी अस्तित्व यानी हमारे देश के अंदर मौजूद खतरे का पर्दाफाश है। खबर ये है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस्लामिक स्टेट के एक मामले में मरियम उर्फ दीप्ति मारला को गिरफ्तार किया है।

दीप्ति मारला कर्नाटक कांग्रेस के पूर्व विधायक बीएम इदिनाबा के पोते अनस अब्दुल रहमान की पत्नी हैं। एनआईए ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए भारत से भर्ती के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है। उन्हें गिरफ्तार करने वाली एनआईए टीम में डीएसपी कृष्ण कुमार, इंस्पेक्टर अजय सिंह और मोनिका ढिकवाल शामिल थे। इस महिला आरोपी को सोमवार को मेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। यह मामला उस एक case  से संबंधित है, जिसमें Afghan- ISIS में शामिल होने के लिए कई लोगों को केरल से अफगानिस्तान भेजा गया था और वो सभी इस्लामिक स्टेट खुरासान शाखा में भर्ती हुए थे।

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ISIS की साजिश रचने वाले गिरोह की सरगना थी दीप्ति मारला

एनआईए की जांच में पता चला कि सीरिया व इराक में ISIS का नेटवर्क ढहने के बाद दीप्ति मारला व मोहम्मद अमीन ने जनवरी व मार्च 2020 में आईएसआई की गतिविधियों में मदद के लिए कश्मीर की यात्रा की थी। एनआईए ने जांच में यह भी पाया कि पूर्व कांग्रेस विधायक की बहू दीप्ति मारला, आतंकी मोहम्मद अमीन के साथ ISIS की ताबड़तोड़ साजिश रचने वाले गिरोह की सरगना थी।

दरअसल, केरल में हुई घटना के बाद पिछले साल एनआईए ने उल्लाल में छापेमारी की थी और इदिनाबा के पोते अनस अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था। खबरों के मुताबिक रहमान की भतीजी भी मुस्लिमों के उस समूह का हिस्सा थी, जो केरल से अफगानिस्तान के लिए रवाना हुए थे। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में एनआईए ने एक चार्जशीट दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि अनस अब्दुल रहमान की भतीजी, अजमला और उसके पति शिफास के. पी बेंगलुरु के रास्ते अफगानिस्तान के लिए रवाना हुए और नंगरहार प्रांत में इस्लामिक स्टेट के खोरासन शाखा में शामिल हो गए, जहां वर्ष 2018 में अजमला की हत्या कर दी गई थी।

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NIA ने मरियम से की थी दो दिनों तक पूछताछ

खबरों के मुताबिक छापेमारी के दौरान एनआईए ने मरियम से दो दिन तक पूछताछ की थी। हालांकि, उस वक्त उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, पर उनकी गतिविधियों और आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। अत्यधिक कट्टरपंथी बताई जाने वाली मरियम को मूल रूप से दीप्ति मारला के नाम से जाना जाता है। वो कर्नाटक के कोडागु जिले की रहने वाली है, जो बेंगलुरु से 240 किलोमीटर की दूरी पर है। डेरालाकट्टे में बीडीएस की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात अनस से हुई, जिसके बाद उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया। बताया जाता है कि इस्लाम धर्म अपनाने के बाद वह बहुत रूढ़िवादी और कट्टरपंथी हो गई थी। एनआईए का कहना है कि उनके आईएसआईएस के आतंकियों से संबंध थे। मरियम पर स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने का आरोप भी लगा है।

लंबे समय से जांच के घेरे में है इदिनाबा का परिवार

बताते चलें कि इदिनाबा का परिवार लंबे समय से एजेंसियों की जांच के घेरे में है। वर्ष 2021 में छापेमारी के दौरान एनआईए ने कश्मीर निवासी मधेशा एसपी उर्फ ​​अली मालवीय, उबैद हामिद और मुजम्मिल हसन भट्ट को भी इस संबंध में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने कहा कि ये लोग ISIS से हमदर्दी रखने वाले मोहम्मद अमीन याह्या से जुड़े हुए हैं। दरअसल, केरल के मल्लापुरम निवासी याह्या को 15 मार्च को सोशल मीडिया चैनलों पर ISIS की ओर से प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS में भर्ती करने का आरोप लगाया गया था।

एनआईए ने कोल्लम के मुहाब अन्वा और केरल के दंत चिकित्सक डॉ. रहीस राशिद को भी इस मामले गिरफ्तार किया था। एनआईए ने अपने वर्ष 2016 के आरोप पत्र में कहा कि भारत छोड़ने के बाद भी आरोपी भारत विरोधी गतिविधियों में लगे रहे। उन्होंने विभिन्न माध्यमों से ISIS की विचारधारा का प्रचार किया।

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मुख्य खबर ये नहीं है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ISIS का साथ देने के एक मामले में मरियम उर्फ ​​दीप्ति मारला को गिरफ्तार किया है, बल्कि खबर ये है कि भारत के एक जनप्रतिनिधि की बहू और उसके साथ उसका पूरा लाव लश्कर भारत के विरुद्ध षड़यंत्र रचने में पूरा योगदान देता है। आतंकियों का साथ देने के बावजूद भी NIA, उन्हें प्रथम बार में गिरफ्तार नहीं कर पाती। वो तो सरकार भाजपा की है, अन्यथा कार्रवाई भी नहीं होती। हालांकि, अब NIA ने सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। अतः देश रक्षकों और प्रशासकों के साथ खड़े रहिए, सतर्क रहिए और अपने वोट से देश को बचाते रहिए!

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