आंध्र प्रदेश: जिन्ना टावर पर तिरंगा फहराने की कोशिश करने वाले हिंदू युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

जगन के राज में तिरंगा फहराना भी अपराध है?

जिन्ना टावर

PC: Google

क्या भारत के ही किसी भाग में तिरंगा फहराना अपराध है? क्या इसके लिए आपको गिरफ्तार किया जा सकता है? ऐसी ही एक शर्मनाक घटना आंध्र प्रदेश में हुई है l आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर के कोथापेट इलाके में बीते बुधवार गणतंत्र दिवस पर मोहम्मद अली जिन्ना नामक एक टावर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश करने पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद हिन्दू संगठनों का रोष और अन्य सभी लोगों की प्रतिक्रियाएं चारों ओर चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं।

दरअसल, बुधवार को कोथापेट इलाके में तनाव प्रसारित हो गया क्योंकि हिंदू वाहिनी संगठन से होने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने शहर के जिन्ना टावर सेंटर तक मार्च करने और तिरंगा फहराने की कोशिश की, यहां तक ​​​​कि उन्हें रोकने के लिए वहां बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। पिछले कुछ समय से, भाजपा और अन्य हिंदू संगठन मांग कर रहे हैं कि गुंटूर में स्वतंत्रता-पूर्व स्मारक ‘जिन्ना टावर’ का नाम बदल दिया जाए।

यह अचंभे की बात है कि देश में आज भी देश को तोड़ने और दो भागों में भागीकृत करने वाली मुस्लिम लीग से पनपे मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर आज भी ऐसे स्थल मौजूद हैं। ये तो हिन्दू वाहिनी संगठन के कार्यकर्ताओं के रोष और तिरंगा फहराने के बाद देश में हर ओर लोगों को पता चल पाया कि आज भी जिन्ना के नाम पर भारत में ही ऐसे स्थान बचे हुए हैं।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पूरे देश भर से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दर्ज़ की गईं, राजनीतिक संगठनों ने भी अपनी ओर से अपना वक्तव्य और जगमोहन रेड्डी सरकार का विरोध किया।

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हिन्दू वाहिनी ने गणतंत्र दिवस पर जिन्ना टावर पर तिरंगा फहराने का आह्वान किया था। इसके पीछे उद्देश्य केवल यह था कि इस घटना के बाद देश का विभाजन करने वाले जिन्ना के नाम पर रखे जिन्ना टावर के नाम को बदलने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके। संगठन से जुड़े कुछ युवकों ने अपनी ओर से तिरंगा फहराने के लिए भरसक प्रयास किए, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, उन्होंने कहा कि शांति भंग करने की कोशिश करने वाले युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

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अन्तोत्गत्व, जिस जुर्म में पुलिस और राज्य सरकार के दबाव में यह सब हुआ वह राज्य सरकार और शासन की संवेदनशून्यता को दर्शाता है। जिन्ना देश के हर व्यक्ति के लिए एक विभाजन का प्रतीक था, है और रहेगा, ऐसे में यदि देश के किसी भी कोने में उसके नाम पर कोई भी दार्शनिक या पर्यटक या अन्य कोई भी स्थल निर्मित है तो वो सभी के लिए शर्मनाक है। राज्य की रेड्डी सरकार इतनी भर्तस्ना सुनने के बाद भी यदि कान में रुई डाले बैठी रहती ही तो इसका प्रतिफल सत्तारूढ़ पार्टी और जगनमोहन रेड्डी को मिलेगा क्योंकि लोग अब जागरूक हो रहे हैं।

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