धर्मविरोधी देवदत्त पटनायक सरकारी कार्यक्रम में ‘गणमान्य अतिथि’? सवाल उठना स्वाभाविक है

गाली-गलौज करने वाले Youth Icon कब से होने लगे?

लेखक देवदत्त पटनायक
मुख्य बिंदु

भारत के गालीबाज इतिहाकर और लेखक देवदत्त पटनायक सोशल मीडिया विशेष तौर पर ट्विटर पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, खुलकर गाली-गलौज करते हैं। उन्हें हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया, जिसको लेकर कई लोगों ने केंद्र सरकार का विरोध किया। वहीं, इस तरह के निर्णय से केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का वैचारिक आधार कई बार संदेह का पात्र बन जाता है।

लेखक देवदत्त पटनायक के आमंत्रण पर दिखा लोगों का गुस्सा

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन ‘आजादी का अमृत महोत्सव 2022’ का आयोजन कराया जा रहा है, जिसे ‘राष्ट्रीय युवा महोत्सव’ भी कहा जाता है। इस कार्यक्रम में ऐसी विभिन्न चर्चित हस्तियों को निमंत्रण दिया गया है, जो देश की युवा पीढ़ी को सकारात्मक दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। इसी क्रम में युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने लेखक देवदत्त पटनायक को दो दिवसीय राष्ट्रीय युवा महोत्सव के लिए वक्ता के रूप में आमंत्रित किया।

देवदत्त के अलावा, अभिनेता रणदीप हुड्डा, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा, लेखक हर्ष मधुसूदन और कई अन्य लोगों सहित कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां को भी आमंत्रित किया गया था। राष्ट्रीय युवा महोत्सव की आधिकारिक वेबसाइट ने आभासी सम्मेलन कक्षों को सूचीबद्ध किया था, जिनका नाम देश की विभिन्न नदियों गंगा, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा और कृष्णा के नाम पर रखा गया है।

वहीं, लेखक देवदत्त पटनायक को दोपहर 12-1 बजे के टाइम स्लॉट में वर्चुअल कॉन्फ्रेंस रूम में बोलना था और उनका विषय था ‘स्वदेशी और प्राचीन ज्ञान।’ पटनायक को श्रीमद्भगवद् गीता से प्राप्त नेतृत्व के सबक पर चर्चा करनी थी। यह सब शुरू होता कि उससे पहले जो बवाल मचा उसमें भाजपा समर्थक स्वयं भाजपा को घेरने लगे।

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गालीबाज इतिहासकार के विरोध में छिड़ा ट्विटर पर वार

लेखक और स्तंभकार शेफाली वैद्य ने मंत्री अनुराग ठाकुर को टैग किया और कहा, “लेखक देवदत्त पटनायक के साथ समस्या यह नहीं है कि वह एक साधारण व्यक्ति हैं, जो संस्कृत के बुनियादी ज्ञान के बिना हमारे शास्त्रों को पूरी तरह से विकृत कर देते हैं। वह निरपेक्ष गंदगी है, जो लोगों की माताओं को गाली देना पसंद करता है। इस आदमी की ‘महान दिमाग’ के रूप में प्रशंसा करना वास्तव में बीमारी है!”

वहीं, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा, “खेल विभाग MYAS और अनुराग ठाकुर इस अपमानजनक मानसिक व्यक्ति को ‘राष्ट्रीय युवा महोत्सव’ कार्यक्रम में युवाओं को प्रेरित करने के लिए कैसे आमंत्रित कर सकते हैं? अगर इस तरह के लोग हमारे युवाओं को प्रेरणा दे रहे हैं, तो केवल भगवान ही इस देश और सभ्यता को बचा सकते हैं। बहुत शर्मनाक।” नेटिज़न्स ने सोशल मीडिया पर प्रदर्शित पटनायक के नियमित रूप से अपमानजनक और अप्रिय व्यवहार के कारण उन्हें पैनल से हटाने की मांग की।

नहीं हो पाया देवदत्त पटनायक के सत्र का प्रसारण

नेटिज़न्स ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सूचना प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय को टैग किया और उनसे नाराजगी का संज्ञान लेने की मांग की और साथ ही उनसे पूछा कि देवदत्त जैसा व्यक्ति, जो सोशल मीडिया पर अक्सर सेक्सिस्ट, मिसोगिनिस्ट और यौन शोषण करता है, वह महोत्सव में देश के युवाओं को संबोधित करने के लिए आमंत्रित कैसे किया जा सकता है? एक यूजर ने लिखा, “खेल मंत्री @ianuragthakur को वास्तव में आत्ममंथन की जरूरत है। राष्ट्रीय युवा उत्सव के लिए देवदत्त पटनायक जैसे एक पैथोलॉजिकल हिंदू नफरत करने वाले और महिला पर गाली गलौज करने वाले को क्यों आमंत्रित करें?”

हालांकि, मामले की गम्भीरता एवं लोगों का विरोध देखकर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने एक ट्वीट जारी कर लेखक देवदत्त पटनायक के सत्र के लिए वेबसाइट के सामने आने वाली तकनीकी कठिनाइयों को स्वीकार किया। उन्होंने ट्वीट किया, “अप्रत्याशित तकनीकी मुद्दों के कारण, #राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह में देवदत्त पटनायक के सत्र का प्रसारण नहीं किया जा सका। प्रतिनिधियों और देखने वालों से अनुरोध है कि वे चल रहे अन्य सत्रों में शामिल हों।”

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ऐसे में, केंद्र सरकार ने भले लीपापोती कर के मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की है, लेकिन हकीकत यह है कि ऐसे गालीबाज इतिहासकार को आमंत्रित कर हिंदुओं के प्रति घृणा को बढ़ावा देने की कोशिश की गई।

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