‘फ्रॉड’ होते हैं आपको अमीर बनाने का सपना दिखाने वाले ऑनलाइन मार्केट गुरु

ग्रेटर फूल थ्योरी नहीं समझते लोग!

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भारत में आपको तरह-तरह के स्कीम देखने को मिल जाएंगे। यहां 15 दिनों में पैसा डबल करने के लिए लक्ष्मी चिटफंड जैसी स्किम है, तो दूसरी ओर ड्रीम-11 पर पैसा डबल करने वाले लोगों की भी कमी नहीं है। मानव के मन मस्तिष्क में अक्सर कम मेहनत में ज्यादा पैसे कमाने का विचार आता रहता है। आप भी सोच रहे होंगे कि यह बात हम आपको क्यों बता रहे हैं। दरअसल, भारत में पिछले कुछ दिनों से हर भारतीय वॉरेन बफेट या फिर मार्क क्यूबन बनने की कोशिश में लगा हुआ है। यह भारत में नई बीमारी के समान है!

शेयरखान, ग्रो जैसे पचासों एप्पलीकेशन इस समय शेयर मार्केट के वर्चुअल दलाल बनाकर घूम रहे हैं! यह भारत में लूटमारी का दौर है, इन जैसे पचासों एप्स के साथ सैकड़ों युट्यूबर ज्ञान भी देने को तैयार हैं। हर ज्ञानी यह बताने में व्यस्त है कि लाखों से करोड़ों का स्कीम कैसे बनाया जा सकता है।

लेकिन, क्या आपको लगता है कि यह लोक लुभावन दुनिया सही में है? इसका उत्तर आपको जमीन पर उतरने के बाद ही मिलेगा। आप ऐसे सौ लोगों से मिलिए, जिन्होंने कुछ पैसा निवेश किया है। उनसे आप बस यह पूछिये कि पिछले दो सालों में उन्होंने कितना पैसा कमाया है, आपको लाख से करोड़ बनाने का सपना दिखाने वाली इस लोक लुभावन दुनिया की हकीकत का पता चल जाएगा। अधिकतर लोग यह बोलते हुए मिलेंगे कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है, बल्कि समय के साथ उन्होंने अपना पैसा खोया है। तो आखिर क्या हकीकत है युट्यूब के ज्ञानियों के ऐसे दावों की?

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ग्रेटर फूल थ्योरी नहीं समझते लोग

भारत में हर व्यक्ति जिसके पास मोबाइल फोन है और फोन में निवेश करने के लिए कोई एप्प है, वो अर्थशास्त्र का ज्ञानी नहीं हो सकता है। यह बात शत प्रतिशत सत्य हैं। सामान्य रूप से देश की बड़ी आबादी को यह मालूम नहीं है कि बाजार कैसे चलता है। अगर हम पेटीएम के IPO से समझें, तो Paytm का IPO आते ही बाजार में हल्ला हो गया। अब तक के सबसे महंगे IPO का दावा करने वाली Paytm का शेयर, लिस्टिंग से पहले महंगे कीमत में बिका और जब लिस्टिंग हुई तो पैसे का बड़ा हिस्सा डूब गया। यह क्यों हुआ? क्योंकि इसी को ग्रेटर फूल थ्योरी कहते हैं।

ग्रेटर फूल थ्योरी के अनुसार, कीमतें बढ़ती हैं, क्योंकि लोग “अधिक मूर्ख” लोगों को अधिक मूल्यवान प्रतिभूतियां बेचने में सक्षम हो जाते हैं, चाहे वे अधिक मूल्यवान हों या नहीं। बेशक, यह चक्र तब खत्म होता है, जब बड़ा मूर्ख सबसे बड़ा मूर्ख बन जाता है, जो अधिक मूल्य वाली संपत्ति के लिए शीर्ष मूल्य का भुगतान करता है और अब उसे उच्च कीमत पर भुगतान करने के लिए कोई अन्य खरीदार नहीं मिल सकता है।

लोगों ने इसलिए Paytm के IPO को खरीद लिया, क्योंकि किसी गुरु ने उन्हें यह बताया कि कैसे इससे करोड़ों कमाए जा सकते हैं! ग्रेटर फुल थ्योरी के अनुसार, निवेश का अर्थ है मूल्यांकन, आय रिपोर्ट और अन्य सभी डेटा की अनदेखी करना। बुनियादी बातों को नज़रअंदाज़ करने  का लोगों का फैसला जोखिम भरा होता है, लेकिन लोग ऐसा करते हैं और इसलिए बड़े मूर्ख सिद्धांत की सदस्यता लेने वाले लोग सुधार के बाद बैग पकड़े रह सकते हैं।

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क्या बाजार का असली सच जानते हैं लोग?

लोगों को बाजार का यह सच मालूम नहीं है कि बाजार सिर्फ एक दर्पण है, जो जमीन पर होने वाले खरीद बिक्री को बताता है। वर्ष 2021 में देश ने नए व्यापारियों और निवेशकों की रिकॉर्ड संख्या देखी है। हालिया सुधार के बाद, निफ्टी वर्ष के लिए 23% बढ़ा, इसलिए हम अभी भी बाजार में बहुत से बुल्स को देख रहे हैं। लेकिन क्या बुल होना सबकुछ है? नहीं! बाजार के बड़े प्रसिद्ध लोगों की मानें तो ऐसा बिल्कुल नहीं है।

इस मामले के विशेषज्ञ नितिन कामथ का कहना है कि “बाजारों में मैंने बहुत सारे बदलाव देखे हैं, लेकिन एक चीज जो कभी नहीं बदलती, वह है लालच। लंबे समय में, आसान पैसा बनाने के लिए शेयर बाजार शायद दुनिया का सबसे कठिन स्थान है। सोशल मीडिया के लिए धन्यवाद, जिससे अनगिनत लोगों को बाजारों में लुभाया जाता है, जो व्यापार के बारे में एक गुलाबी दृष्टिकोण रखते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि 1% से भी कम सक्रिय व्यापारी 3 साल की अवधि में बैंक सावधि जमा की तुलना में अधिक पैसा कमाते हैं। मैं लगभग 25 वर्षों से एक व्यापारी हूं। मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं, क्योंकि मुझे हजारों व्यापारियों के साथ बातचीत करने का मौका मिला है।”

गौरतलब है कि सोशल मीडिया में आये दिन ऐसे एप्स आपको एक ग्राफ दिखाते हैं और ग्राफ के मूल में होता है एक लालच! मात्र 10 हजार में कमाइए 1 करोड़! जनता वैसे ग्राफ के माया में फंस जाती है। भारत में तमाम ऐसी समस्याएं हैं। लोगों को प्राइम, सब प्राइम जैसे किसी चीज का ज्ञान नहीं है और न ही यह ज्ञान आपको कोई निवेश गुरु दे सकता है। इसके अलावा पचासों हजार करोड़ का खेल तो बस शॉर्टिंग से नियंत्रित होता है!

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समय किसके पास है भैया?

निवेश का मूल उद्देश्य अगर पैसा कमाना है, तो आपको अपने पैसों को बाजार में लंबे समय तक रखना होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि आप रखकर भूल गए। एक बार के लिए सरकारी या प्राइवेट नौकरियों में 10 के बदले 11 बजे जा सकते हैं, लेकिन निवेश किये गए पैसों पर आपकी नजर हर दिन बाजार खुलने से बंद तक होनी चाहिए। अब एक ऐसा व्यक्ति जो पैसा कमाता है, उसने बाजार में पैसे लगाए हैं, उसके पास क्या इतना समय होगा? नहीं! और यहीं से सारा खेल उल्टा हो जाता है। अगर आपके पास समय नहीं है, तो आपके पास करोड़ों रुपये क्यों न हो, शेयर मार्केट आपके लिए नहीं बना है। ऐसे में जरुरी है कि आप मार्केट गुरुओं के खेल को पहचानिए और अपने पैसे को डूबने से बचाइए!

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