जब दिन खराब होता है, तो ऊंट पर भी कुत्ता काट लेता है। हिंदी बेल्ट की इस कहावत का मतलब है कि जब परिस्थितियां अनुकूल नहीं होती, तो बहुत कुछ होने की सम्भावनाएं रहती हैं। अब पाकिस्तान को ले लीजिए। इमरान खान इस समय वो ढोल हैं, जिनको कोई भी, कभी भी बजा दे रहा है। खैर, बाहरी बजाए तो एक बार समझ भी आता है, पर पाकिस्तान के लोग ही उनको लताड़ रहे हैं, जिससे इमरान खान बिलबिला उठे हैं। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने पद के लिए कम और नादान, बचकानी तथा बेबुनियाद कमेंट के लिए ज्यादा जाने जाते हैं! पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने नकली चुनाव कराने और एक “कठपुतली” प्रधानमंत्री स्थापित करने के लिए इमरान खान और सेना के खिलाफ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) नामक गठबंधन बनाया है।
इमरान खान की धमकी
दरअसल, महंगाई में बेतहाशा वृद्धि और बुनियादी सामान की अनुपलब्धता को देखते हुए इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से का फायदा उठाते हुए विपक्षी दल प्रधानमंत्री की जल्द से जल्द बर्खास्तगी सुनिश्चित करना चाहते हैं, जिनके कार्यकाल में अभी भी डेढ़ साल बाकी है। विपक्षी दलों ने इमरान खान सरकार को अक्षम और नाकारा बताकर उनसे इस्तीफे की मांग की है।
हालांकि, इमरान खान हार मानने को तैयार नहीं हैं। इसी मामले पर इमरान खान ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए कहा कि अगर मैं सड़कों पर उतरता हूं, तो आपको (विपक्षी दलों को) छिपने के लिए कोई जगह नहीं मिलेगी। अगर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो वह और अधिक खतरनाक हो जायेंगे।
इमरान खान ने यह भी कहा कि वो विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ से नहीं मिलेंगे, जो विभिन्न मौजूदा मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से समय मांग रहे हैं। इमरान खान ने कहा,“शहबाज से न मिलने के कारण मेरी आलोचना की जाती है, क्योंकि वह विपक्ष के नेता हैं। लेकिन, मैं उन्हें देश के अपराधी के रूप में देखता हूं।” पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज नेता नवाज शरीफ की संभावित वापसी के मामले पर इमरान खान ने कहा,“कृपया वापस आएं, हम सभी आपका इंतजार कर रहे हैं लेकिन हम जानते है कि आप वापस नहीं आएंगे, क्योंकि आपको पैसे से प्यार है।”
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मरियम नवाज ने बोला हमला
खुद को एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित करने वाली नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने इस गैर जिम्मेदाराना बयान के लिए इमरान खान की खिंचाई की। मरियम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, “खान एक ऐसे व्यक्ति की तरह लगते हैं जो न केवल हार गया है, बल्कि अपनी हार भी स्वीकार कर ली है। सरकार में 4 साल बीत गए और वो अभी भी केवल रो रहे हैं। आप जिस ‘कार्टेल’ के बारे में शिकायत कर रहे हैं, वह आपके दाएं और बाएं हैं, जिन्होंने 220 मिलियन लूटे हैं और जो आपकी रसोई चलाते हैं।”
IK sounds like a person who is not only defeated but has also accepted his defeat. 4 years into the govt & he is still only whining. The ‘cartels’ you are complaining about are the MAFIAS on your right & left who have fleeced 220 million & who run your kitchen.
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) January 23, 2022
उन्होंने कहा,‘आपने शरीफ और पीएमएल-एन के खिलाफ जो मामले उछाले, वे झूठे और मनगढ़ंत थे। उनका अंजाम तय है। अब जबकि आपकी सच्चाई दुनिया के सामने आ गई है, तो आप न्यायपालिका को दोष न दें। आपके पास दोष देने के लिए केवल आपका प्रतिशोध है।’
The cases you made against Sharifs and PMLN were false & fabricated and were bound to meet the fate they have met. Now that your reality has dawned on the world, do not blame the judiciary. You have only your vindictiveness & revengefulness to blame.
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) January 23, 2022
पाकिस्तान में रिकार्डतोड़ महंगाई
गौरतलब है कि पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है, जो पिछले 70 सालों में सबसे ज्यादा है। वर्तमान में मुद्रास्फीति 9 प्रतिशत से अधिक है और इसने कई लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित किया है। घी, चीनी, पेट्रोल, मुर्गी पालन, बिजली सभी में न्यूनतम 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से भी अधिक है। जब कर्ज चुकाने की बात आती है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान की साख सबसे कम रही है। शायद ही कोई अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण संस्थान है, जिसने इस इस्लामी राष्ट्र को ऋण प्रदान किया हो और पैसा वापस मिल गया हो। वर्ष 2022 में, पाकिस्तान अभी भी अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष से $1 बिलियन के सशर्त ऋण की उम्मीद कर रहा है।
जैसा कि टीएफआई द्वारा रिपोर्ट किया गया है कि इमरान खान सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार पैदा करने के अपने वादे के दम पर सत्ता में आई पर वह ठीक विपरीत रास्ते पर चल रही है। पाक सरकार ने तालिबान के साथ अपने जुड़ाव को दोगुना कर दिया है और भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। वहीं, दूसरी ओर अब तालिबान भी इमरान खान को कठपुतली कहकर पाकिस्तान की निंदा कर रहा है। तालिबान के साथ अपने संबंधों के कारण इमरान खान की लोकप्रियता में भारी गिरावट देखी गई है और देश में विभिन्न हिंसक और अहिंसक ताकतें उनकी कमर तोड़ने की कगार पर हैं। पाकिस्तान में जैसे-जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हैं, वैसे ही विपक्षी दलों ने इमरान खान के खिलाफ सभी मोर्चे खोल दिए हैं। अगर सेना अपना समर्थन वापस ले लेती है, तो पाक प्रधानमंत्री को रोने गाने के बावजूद इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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