चीन को एक समय विश्व की उभरती महाशक्तियों में गिना जाता था, लेकिन अब वह उतना ही महाशक्ति कहलाने योग्य हैं, जितना राजदीप सरदेसाई पत्रकार कहलाने योग्य हैं और अखिलेश यादव राजनीतिज्ञ कहलाने योग्य हैं! कोरोना वायरस के अभूतपूर्व योगदान को अगर साइड में रख दें, तो भी चीन के पास विश्व को दिखाने के लिए अविश्वसनीय उपलब्धियां हैं, जैसे अभूतपूर्व रियल एस्टेट घोटाले, प्रचंड ऊर्जा संकट और बेजोड़ क्वालिटी के घटिया प्रोपेगेंडा फैलाने वाले लोग। लेकिन चीन की वास्तविक बौखलाहट को मापना है तो तनिक तिब्बत पर उनके वर्तमान विचारों की ओर भी दृष्टि डालिए। 22 दिसंबर को तिब्बत से संबंधित एक समारोह में कई भारतीय सांसदों ने भाग लिया। असल में यह समारोह तिब्बत के निर्वासित संसद ने आयोजित किया, जिसमें राजीव चंद्रशेखर, सुजीत कुमार, मेनका गांधी जैसे कई सांसद शामिल हुए।
अब तिब्बत का उल्लेख मात्र भी चीन के लिए अक्षम्य माना जाता है, ऐसे में इस मामले को लेकर चीनी दूतावास ने भारतीय सांसदों को क्रोध से भरा पत्र लिखा, जिसमें चीनी राजनीतिक काउंसलर Zhou Yongsheng ने भारतीय सांसदों को धमकाने का प्रयास किया। इस पत्र में तिब्बत को चीन का अभिन्न भाग बताते हुए Zhou ने भारतीय सांसदों को अपनी मर्यादा पार न करने की ‘चेतावनी’ देने का प्रयास किया। लेकिन भारत भी इस बार चुप नहीं बैठा, क्योंकि जब गलवान में PLA को हमारे शूरवीरों ने धूल चटाई हो, तो देश कुछ कूटनीतिज्ञों की खोखली धमकियां क्यों सुने?
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सांसद सुजीत कुमार ने बोला जोरदार हमला
इसके प्रत्युत्तर में बीजू जनता दल के सांसद सुजीत कुमार ने उलटे चीन को ललकारते हुए कहा, “चीनी दूतावास का राजनीतिक सहायक हमें बताना वाला कौन होता है कि हमें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं? हम क्यों माने कि तिब्बत चीन का हिस्सा है? चीन को लगता है कि वह धमका भी लेगा और संसार के समक्ष सयाना भी बन जाएगा, ऐसे नहीं चलता! इनका साहस कैसे हुआ हमें इस तरह के पत्र भेजने का? विदेश मंत्रालय को तुरंत एक्शन लेना चाहिए!”
Who is China to tell us what to do and what not to do? How dare China send letters to Indian MPs? India should take a strong stand and rethink the One China Policy. If India wants respect from China, we will have to be strong and face it: Sujeet Kumar, BJD MP pic.twitter.com/XxwUS70kIE
— ANI (@ANI) December 31, 2021
परंतु यह तो कुछ भी नहीं है। गलवान घाटी को लेकर चीनियों ने हाल ही में एक नई वीडियो निकाली है, जहां उन्होंने अपने झंडे के साथ शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास किया है। इस पर कई ‘विपक्षी नेताओं’ ने अपनी चिंता ज़ाहिर की, जिनमें स्वाभाविक तौर पर राहुल गांधी का नाम आना ही था, उन्होंने पीएम मोदी से एक्शन लेने का अनुरोध किया।
चीनी प्रोपेगेंडा की निकली हवा
परंतु जैसे पूर्व में सूर्योदय और मृत्यु प्रकृति का शाश्वत सत्य है, वैसे ही एक शाश्वत सत्य ये भी है, जब राहुल गांधी किसी विषय पर अपनी चिंता जताएं, तो ज्यादातर मामला लगभग उल्टा ही होता है। दूसरी ओर चीन के इस खोखले प्रोपेगेंडा को उजागर होने में 48 घंटे भी नहीं लगे, क्योंकि जब अति उत्साही चीनी कुछ ऐसे फोटो शेयर करने लगे, जिनमें कथित तौर पर चीनी सैनिक ‘भारतीय सैनिकों’ से माफी मँगवा रहे थे, तो उसमें स्पष्ट दिख रहा था कि उन सैनिकों के बाल आवश्यकता से अधिक लंबे थे, और वहां की स्थिति भी LAC के अनुकूल नहीं लग रही थी। पत्रकार शिव अरूर ने इसी संबंध में ट्वीट करते हुए कहा, “जो वीडियो अभी आया है, वो चीनी क्षेत्र से ही है। चीनियों ने इस तरह से फिल्माया है कि हमें भड़काया जा सके, क्योंकि प्रोपेगेंडा को फ़िल्माना चीनियों को आता है और अभी ऐसा और भी आएगा।”
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Chinese video from #GalwanValley is from well inside Chinese side of LAC near their base camp. As usual filmed from angles designed to poke & taunt, because propaganda is an instrument that China has employed, let's face it, very effectively. Expect much more.
— Shiv Aroor (@ShivAroor) January 3, 2022
वहीं, मेजर मधन कुमार नामक यूजर ने इस मामले पर ट्वीट किया और कहा कि “चीन और पाक के अनेक ट्विटर हैंडल और हमारे कुछ विशेष प्रजाति के महानुभाव चीन के प्रोपेगेंडा वीडियो को ट्रेंड करा रहे हैं। ये उनके प्रोपेगेंडा युद्ध नीति का हिस्सा है, आप भ्रमित मत होइए!”
#GalwanValley – Chinese ,Pak handles along with some good PPL of our nation are trending #Chinese proboganda video. This is part of their probaganda warfare. Don't fall for it.#GoodMorningEveryone
— Major Madhan Kumar 🇮🇳 (@major_madhan) January 3, 2022
हालांकि, कुल मिलाकर बात यही है कि चीन के पास अब भारत से भिड़ने के लिए न कोई तर्क है और न ही कोई अस्त्र, इसलिए ऐसे हास्यास्पद प्रोपेगेंडा की आड़ में वह अपने जनता की नजर में अपने आप को श्रेष्ठतम सिद्ध करना चाहता है, जबकि उनकी वास्तविक स्थिति तो वहीं है कि ये न घर के रहें और न ही घाट के!
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