यहाँ पढ़िए सम्पूर्ण करवा चौथ गणेश व्रत कथा हिंदी में

करवा चौथ गणेश व्रत कथा हिंदी में

हर त्योहार के पाछे उसकी मान्यता छिपी होती है. उस त्योहार के दिन आखिर क्या हुआ था,उसकी क्या कहानी है यह जानने की जिज्ञासा हम सबके मन में होती है.वहीं आपकों बताए कि ‘करवा चौथ’ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन महिलाओं के द्वारा पति के कल्याण, उनकी लंबी उम्र के लिए वर्त रखा जाता हैं. प्रस्तुत लेख में हम आपके लिए करवा चौथ गणेश जी कथा लेकर आये है, कृपया इसे अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें.

वहीं ‘करवा चौथ’ की गणेश जी की एक कथा है. जिसे स्त्रियाँ व्रत के दिन सुनती है. वैसे तो हमें करवा चौथ की कई कहानियां सुनने को मिल जाएंगी पर सबका मूल एक ही होता है.

करवा चौथ गणेश जी की कथा

करवा चौथ गणेश जी कथा की कथा की शुरुआत एक गांव में बुढ़िया और उसकी बहु से होती है वह बुढ़िया जो बहुत ही गरीब और अंधी थीं. उसका एक बेटा और बहू थी. वह बुढ़िया प्रतिदिन गणेश जी की पूजा – अर्चना किया करती थी. एक दिन उस बुढ़िया के भक्ति भाव से प्रसन्न होकर गणेश जी प्रकट हुए और उस बुढ़िया से बोले- कि‘मां! में तेरी भक्ती से काफी प्रसन्न हूं इसलिए तू जो चाहे सो मांग ले.’

बुढ़िया मां बोली- ‘मुझसे तो कुछ मांगना नहीं आता. कैसे और क्या मांगू?’. तब गणेशजी बोले – ‘अपने बहू-बेटे से पूछकर मांग लो.’

उनकी बात सुनकर बुढ़िया अपने बेटे के पास गई और अपने बेटे से कहा- बेटा ‘गणेशजी कहते हैं ‘तू कुछ मांग ले’ अब तू बता मैं क्या मांगू?’

तब पुत्र ने कहा- ‘मां! तू धन मांग ले.’ उसके बाद बुढ़िया ने बहू से पूछा तो बहू ने कहा- ‘नाती मांग लो.’

उनकी बात सुनकर बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बात कह रहे हैं. अत: उन दोनों से पूछने के बाद बुढ़िया ने अपने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा-

‘बुढ़िया मां! तू तो थोड़े दिन जीएगी, तो क्या धन का करेगी और क्या नाती का. इसलिए तू तो अपनी आंखों की रोशनी मांग ले, जिससे तेरी जिंदगी आराम से कट जाए.’ सबकी

बात सुनने के बाद बुढ़िया गणेश जी से बोली- ‘यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें,

आंखों की रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार को सुख दें और अंत में मोक्ष दें.’

यह सुनकर तब गणेशजी बोले- ‘बुढ़िया मां! तुमने तो हमें ठग लिया. फिर भी जो तुने मांगा है वह सब तुझे मिलेगा.’ और यह कहकर गणेशजी अंतर्धान हो गए. उधर बुढ़िया मां ने जो कुछ मांगा वह सबकुछ मिल गया. गणेश जी! जैसे बुढिया माँ को मांगे अनुसार आपने सब कुछ दिया वैसे ही सबको देना| और हमको भी देने की कृपा करना. आशा करते है कि करवा चौथ गणेश जी कथा की कथा पर यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर पेज फॉलो करें.

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