हिमंता और योगी की चेतावनी के बाद लिबरल ब्रिगेड की जलन देखते ही बनती है

योगी-हिमंता ने दिया झटका, लिबरल्स का अंग-अंग फड़का!

हिमंता तेलंगाना

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देश के 5 राज्यों में आने वाले कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से अपनी तैयारियों में लग गई है, साथ ही आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी शुरु हो चुके हैं। राजनीतिक पार्टियां जमकर अपनी तैयारियों में लगी है। भाजपा के नए चेहरों ने राजनीति में बवाल मचाना शुरु कर दिया है। नए चेहरे नए तेवर के साथ राजनीति कर रहे हैं। एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तो दूसरी ओर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा खुलकर बयानबाजियां कर रहे हैं। हाल ही में तेलंगाना में बेरोजगार युवाओं की ओर से आयोजित एक विरोध में शामिल हुए हिमंता बिस्वा सरमा के बयानों ने राजनीति का चेहरा ही बदल दिया है। जिसके बाद लिबरल ब्रिगेड बिलबिलाने लगा है।

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हमेशा के लिए भुला दिया जाएगा ओवैसी का नाम

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बीते दिन रविवार को कहा कि नए भारत में ओवैसी, औरंगजेब और बाबर के लिए कोई जगह नहीं होगी। नए भारत में लोग निजामों का इतिहास नहीं पढ़ेंगे, बल्कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, रानी रुद्रमा देवी और काकतीय वंश के शासकों के बारे में जानेंगे। तेलंगाना के वारंगल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने यह बात कही। उन्होंने कहा, “जिस तरह से अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ… यहां भी निजाम का नाम, ओवैसी का नाम हमेशा के लिए भुला दिया जाएगा… वह दिन बहुत दूर नहीं है।”

शिक्षकों और बेरोजगार युवाओं की ओर से आयोजित विरोध में शामिल हुए हिमंता ने कहा, “मुझे यहां फिर से आना होगा। 2023 में, जब तेलंगाना में बीजेपी सत्ता में आएगी, मैं फिर से आऊंगा। लोगों को विश्वास है कि पीएम मोदी के समर्थन से वे एक नया तेलंगाना बनाएंगे। केसीआर गारू अपना नौकरी देने का वादा भूल गए हैं। केसीआर गारू को केवल अपने परिवार की चिंता है, तेलंगाना के लोगों की नहीं।”

ओवैसी के गढ़ में मचाया गदर

हिमंता बिस्वा सरमा का यह बयान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के राजनीति के बाद आया है। ओवैसी आगामी चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने यूपी पुलिस के विरुद्ध टिप्पणी की थी, जिसे लेकर काफी बवाल मचा था और ओवैसी की जमकर आलोचना भी हुई थी। उन्होंने कहा था कि जब योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं होंगे, तो पुलिस को कौन बचाएगा।

जिसके बाद अब हिमंता बिस्वा सरमा ने उनके गढ़ में कहा है कि “राष्ट्र की आत्मा जाग गई है, भारत अब छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों या सांप्रदायिक राजनीति में लिप्त लोगों की भूमि नहीं है। लोग अब उन्हें बर्दाश्त नहीं करेंगे।” सरमा ने आगे कहा, “भारत का इतिहास कहता है कि बाबर, औरंगजेब और निजाम ज्यादा दिन नहीं रह सकते। मुझे विश्वास है कि निजाम की विरासत पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी और भारतीय सभ्यता पर आधारित एक नई संस्कृति का उदय होगा।”

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सीएम योगी भी नहीं हैं पीछे

वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में धार्मिक संरचना की ओर इशारा करते हुए कहा है कि “2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 80% बनाम 20% की लड़ाई में आगे बढ़ गया है।” हाल ही में एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में सीएम योगी से पूछा गया कि राज्य में ब्राह्मणों को भाजपा को वोट क्यों देना चाहिए। जिस पर सीएम योगी ने कहा कि यह लड़ाई वहां से पहले ही आगे बढ़ चुकी है। यह लड़ाई 80 बनाम 20 फीसदी की बन गई है।

उसके बाद जब एंकर ने सीएम के 20 फीसदी वाले बयान को लेकर संकेत दिया कि क्या उनका मतलब 19% मुसलमानों से है। तब उन्होंने कहा कि “80 फीसदी मतदाता, जो राष्ट्रवाद, सुशासन और विकास का समर्थन करते हैं, वे चुनाव में कमल का बटन दबाएंगे और जो राष्ट्रवाद, विकास और किसानों के खिलाफ हैं तथा माफिया और अपराधियों के समर्थक हैं, पेशेवर दंगाइयों और भ्रष्ट व्यक्तियों के समर्थक हैं, भारत विरोधी तत्वों को गले लगाते हैं, वे 15-20 प्रतिशत लोग एक अलग रास्ता चुनेंगे।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ’80 बनाम 20′ के इस चुनाव में ब्राह्मण ही नेतृत्व देंगे। अब योगी आदित्यनाथ के ऐसे बयान के बाद आग लगना तो तय था। लिबरलों ने सोशल मीडिया पर अपना रोना-धोना शुरू किया और साथ ही विपक्षी पार्टियां भी सीएम के बयान को लेकर बिलबिलाने लगी।

लिबरलों को लगी मिर्ची

एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का सामान्यीकरण। भारतीय राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तेलंगाना के वारंगल में एक सार्वजनिक रैली में मुसलमानों, उनके प्रतीकों और इतिहास को मिटाने और धर्मनिरपेक्षतावादी राजनीति के प्रति अनिच्छा के बारे में बात की है।”

https://twitter.com/Akhmakh_kaeshur/status/1480450673531629569?t=9R1mYnnqtGH2-wHzxkoWcQ&s=19

 

वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने भी ट्वीट कर रोना शुरू किया। उन्होंने कहा, “सीएम योगी का कहना है कि यूपी में चुनाव 80% बनाम 20% है। वो हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग क्या कर रहा है?”

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साथ ही एक न्यूज समूह ने दिग्विजय सिंह के हवाले से ट्वीट करते हुए कहा कि “यूपी चुनाव: ‘योगी की 80 बनाम 20 प्रतिशत टिप्पणी एमसीसी का उल्लंघन है।”

TRS नेता के ट्वीट पर हिमंता ने दिया जवाब

इस मामले में तड़का तो तब लगा, जब TRS की नेता ने हिमंता बिस्वा शर्मा पर हमला किया और उन्हें वैसा ही जवाब मिला। TRS नेता कविता राव ने ट्वीट किया, “हिमंता बिस्वा सरमा (@himantabiswa) जी, आपकी आज की टिप्पणी ने एक बार फिर तेलंगाना के गौरवशाली इतिहास को मिटाने की भाजपा की मंशा को फिर से दोहरा दिया। मुझे आश्चर्य है कि आप और आपकी पार्टी को एकता के विचार से इतना खतरा क्यों है? क्या आप 2018 के तेलंगाना के फैसले को भूल गए, जहां बीजेपी ने 107 सीटों पर अपनी जमानत खो दी थी।”

TRS नेता के इस ट्विट पर जवाब देते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “कविता गारु, आपको मैं भाषण का लिंक भेज रहा हूं। मैंने आधुनिक तेलंगाना को एकीकृत करने और इसे भारतवर्ष की महिमा से जोड़ने की बात कही है। साथ ही आपको याद दिला दूं कि कभी बीजेपी ने सिर्फ 2 लोकसभा सीटें जीती थी, लेकिन अब उदाहरण आपके सामने है।”

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