मुख्य बिंदु
- LIC मार्च 2022 के मध्य तक अपना IPO ला सकती है
- IPO आने के बाद LIC भारत की बड़ी कंपनियों की लीग में शामिल हो जाएगी, जिसका बाजार पूंजीकरण खरबों में होगा
- इस क्रम में विनिवेश की सुविधा के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं
Life Inaurance Corporation (LIC) देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, जो आगामी मार्च 2022 के मध्य तक अपना IPO ला सकती है। वहीं, LIC का जो बाजार मूल्य है, वह इतना बड़ा है कि सरकार की कीमत पर अगर IPO लिस्टिंग हो जाती है तो LIC भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। यदि निवेशक सरकार द्वारा प्रस्तावित गणनाओं से सहमत हो जाते हैं तो LIC भारत की सबसे बड़ी कंपनियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड की लीग में शामिल हो जाएगी। इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण क्रमशः 17 लाख करोड़ रुपये और 14.3 करोड़ रुपये है। वहीं, भारत सरकार LIC का बाजार पूंजीकरण 15 लाख करोड़ रख रही है।
LIC के IPO को लेकर हुई समीक्षा बैठक
देश की सबसे बड़े बीमाकर्ता कंपनी के विनिवेश की सुविधा के लिए, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से विचार लेने के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में कुछ बदलाव किए हैं। मौजूदा FDI नीति के अनुसार बीमा क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट के तहत 74 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC ) पर लागू नहीं होते हैं, क्योंकि इसे एक अलग LIC अधिनियम के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। वर्तमान में सरकार LIC का वैल्युएशन का पता लगाने में जुटी हुई है। मालूम हो कि पिछले शुक्रवार (7 जनवरी) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और LIC के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए बहुप्रतिक्षित LIC के IPO की समीक्षा को लेकर एक बैठक की थी।
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman reviewed progress of the LIC IPO in New Delhi today in presence of @SecyDIPAM; Secretary @DFS_India and Senior Officials @LICIndiaForever and @FinMinIndia via VC. pic.twitter.com/UvQjKkuv3a
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 7, 2022
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देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO)
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में SEBI (Securities and Exchange Board Of India) के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक पेशकश के तहत FPI (Foreign Portfolio Investment) और FDI दोनों की अनुमति है। LIC का एम्बेडेड मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है और इसका बाजार मूल्य उस राशि से लगभग चार गुना हो सकता है। यदि निवेशक सरकार द्वारा प्रस्तावित गणनाओं से सहमत होते हैं, तो LIC भारत की सबसे बड़ी कंपनियों की लीग में शामिल हो जाएगी, जिसका बाजार पूंजीकरण खरबों में होगा। भारत अपने राज्य के स्वामित्व वाले बीमाकर्ता के लिए लगभग 15 लाख करोड़ रुपये (203 बिलियन डॉलर) के मूल्यांकन पर जोर दे रहा है, जो जल्द ही देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) होने की उम्मीद कर रहा है।
यह IPO प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास का हिस्सा है, जो नकदी को खत्म करने और एक बड़े बजट घाटे पर लगाम लगाने में मदद करेगा। यह घाटा महामारी के दौरान और बड़ा हो गया है। सरकार इसलिए मार्च के अंत से पहले कंपनी के 5% से 10% हिस्से को बेचने की योजना बना रही है। बता दें कि सरकार जो बाजार पूंजीकरण की कीमत चाह रही है, उस पर 5 फीसदी हिस्सेदारी से करीब 75 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। सरकार के लिए 2021-22 के 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य के करीब पहुंचने के लिए इस IPO की सफलता महत्वपूर्ण है। अभी तक PSU की हिस्सेदारी बिक्री के जरिए सिर्फ 9,330 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।