Netflix के स्टॉक में 22% गिरावट, भारतीयों को नहीं पसंद आई इसकी सामग्री

भारत में Netflix कुछ नहीं उखाड़ सकता!

मुख्य बिंदु

लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग और प्रोडक्शन कंपनी Netflix ने हाल ही में अपने ग्राहक आधार की वृद्धि में भारी गिरावट दर्ज की है। तत्कालीन आकड़ों के अनुसार, 21 जनवरी, 2022 तक Netflix के शेयर मूल्य में 21.79% की गिरावट आई है। रिपोर्टों के अनुसार, Netflix के निवेशकों को बाजार में $45 बिलियन का भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान को लेकर बाजार में यह धारणा बन रही है कि कंपनी धीमी गति से वृद्धि कर रही है। आंकड़े भी इस स्थिति को दर्शाते रहे हैं। वर्ष 2021 में कंपनी केवल 18.2 मिलियन ग्राहक जोड़ पाई  है, जोकि 2020 की तुलना में 50% कम थी।

Netflix की ग्रोथ में आई गिरावट

Netflix की ग्रोथ में मौजूदा गिरावट दूसरी तिमाही तक जारी रहने की संभावना है। कंपनी उन प्रमुख मुद्दों की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने वृद्धि को प्रभावित किया है। वहीं, इस बात पर चिंतन मनन करते हुए Netflix के CEO ने अपनी हताशा व्यक्त की है। उनकी यह हताशा भारत से जुड़ी हुई है। दरअसल, बीते गुरुवार को Netflix के सह-संस्थापक और CEO रीड हेस्टिंग्स ने भारतीय बाजार में वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी की धीमी वृद्धि पर कंपनी के निवेशकों से बात करते हुए  अपनी हताशा व्यक्त की।

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उन्होंने कहा, “ब्राजील में हमारे अनुभव के अनुसार, यह पहले कुछ वर्षों के लिए क्रूर था। हमने सोचा था कि हम कभी टूटेंगे भी नहीं। मुझे पता है कि हमारे पास यह महान व्यवसाय है। अच्छी खबर यह है कि हर एक बड़े बाजार में, हमें बढ़त मिल गई है।” उन्होंने यह भी कहा, “जो चीज हमें निराश करती हैं, वह यह है कि हम भारत में अधिक सफल क्यों नहीं हो पाए।”

CEO रीड हेस्टिंग्स ने भारतीय बाजार में Netflix की धीमी वृद्धि पर निराशा व्यक्त करने के बाद इसका कारण टीवी केबल को बताया। हेस्टिंग्स ने कहा, “भारत के बारे में जो यूनिक है वह केबल है। यह प्रति परिवार लगभग $3 (223 रुपये) प्रति माह है, जो कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में मौलिक रूप से अलग है और यह उपभोक्ता अपेक्षाओं को प्रभावित करता है।” खैर ये CEO रीड हेस्टिंग्स का मानना है किन्तु एक भारतीय होने के नाते हम आपको Netflix की विफलता के कारण बता देते हैं।

मूल्य निर्धारण में विफल रहा है Netflix 

दरअसल, एक ओर भारत दुनिया के बड़े बाजारों में से एक है, जिस कारण कंपनियां विभिन्न देशों के लिए समान मूल्य निर्धारण मॉडल का उपयोग नहीं करती हैं। एक समय जब Netflix के अमेरिका में 3 प्लान थे-बेसिक, स्टैंडर्ड, प्रीमियम, तब वह क्रमशः $7.99, $9.99, और $11.99 में मिलता था। जब 64 रुपया एक डॉलर हुआ करता था तब भारतीय कीमत क्रमशः ₹512, ₹640, और ₹768 थी। इसका मतलब यह है कि प्रीमियम विकल्प के लिए एक परिवार को ~$150, या उनकी वार्षिक आय का 0.25% खर्च करना होगा। ऐसे में, एक औसत भारतीय अपने अमेरिकी समकक्षोंकी तुलना में Netflix पर अपनी वार्षिक आय का 8% खर्च करेगा। लिहाजा, कुछ ही भारतीय इस स्ट्रीमिंग सेवा का खर्च उठा सकते हैं।

दूसरी ओर Amazon के प्रतियोगी प्राइम वीडियो की कीमत अमेरिका में $119/वर्ष (~$10/माह) है लेकिन भारत में इसकी कीमत केवल ₹999/वर्ष ($14) है। Netflix एक अमेरिकी कंपनी है। Netflix ने वर्ष 2016 के बाद पहली बार दिसंबर में अपने मूल्य निर्धारण में कमी की है। कंपनी ने संभावित ग्राहकों के लिए अपनी पेशकशों को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में देश में मोबाइल सब्सक्रिप्शन प्लान की शुरुआत की है लेकिन इसकी कीमत ज्यादा है।

Netflix ने भारत के क्षेत्रीय बाजारों पर नहीं दिया अधिक ध्यान 

Netflix शुरू से ही बॉलीवुड पर फोकस कर रहा है। Netflix ने भारत के क्षेत्रीय बाजारों पर अधिक ध्यान नहीं दिया। वहीं, हॉटस्टार, प्राइम वीडियो और Zee5 जैसे अन्य OTT प्लेटफार्मों को भारतीय बाजार के महत्व के बारे में बहुत पहले पता चला और इस प्लेटफॉर्म पर मुख्य रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में फ़िल्म या वेब सीरीज निर्माण किया जा रहा है।

वहीं, Netflix पर खेल सामग्री की कमी है। खेल सामग्री के आधार पर हॉटस्टार को भारत में सबसे अधिक ग्राहक आधार प्राप्त है। यह आईसीसी टूर्नामेंट और आईपीएल सहित अधिकांश भारतीय क्रिकेट मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग करता है। Netflix बड़े डायरेक्टर्स को लेकर अमरीका की कहानी आधारित सीरीज अधिक बनाता है जिस कारण भारत के लोग उसे पसंद नहीं करते हैं। वहीं, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को आईना दिखाने के लिए नेटिज़न्स ने कारण बताया कि भारतीय समाज बहुत ज्यादा वोक नहीं है।

इसी क्रम में TFI की वरिष्ठ संपादक शुभांगी शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “इस बीच भारत में Netflix के शो: लीला एक डायस्टोपियन हिंदू समाज को दिखाती है। ‘कृष्णा और उनकी लीला’, वीर दास भारत पर निराधार जहर उगलता रहता है। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि Netflix इंडिया टीम को थोड़ा फेरबदल करने की जरूरत हो। यह हास्यास्पद है कि भारतीय लोगों के साथ उनकी सामग्री कितनी हटकर है। उन्हें बहिष्कार के आह्वान का भी सामना करना पड़ रहा है। भारतीय पहले से ही विकल्प रख रहे हैं। वोक एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए लुभाना, भारत इसके लिए आसान बाजार नहीं है।”

अपनी बढ़त को बरकरार रखने में नाकाम रहा है Netflix

इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई ने भारत में Netflix की विकास कहानी में गिरावट के लिए कंपनी की ‘हिंदू विरोधी’ सामग्री को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने ट्ववीट में लिखा कि “आप बहुसंख्यक भारतीयों का अपमान करते हैं, बढ़ने की उम्मीद है? अपने दर्शकों को सुनें।”

एक अन्य ट्विटर यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत अभी भी वोक कंटेंट के लिए काफी समझदार नहीं है, जिसे Netflix परोसने की कोशिश करता है। यहां तक ​​कि आपका नॉन-वोक कंटेंट भी कुलीन वर्ग के लिए होता है। Netflix के वोक-हेड्स ने कभी भी सांस्कृतिक रूप से संबंधित सामग्री को बढ़ावा नहीं दिया।”

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बताते चलें कि ब्लूमबर्ग के अनुसार, Netflix ने 2011 और 2021 के बीच स्टॉक मूल्य में 6000% से अधिक की वृद्धि हासिल की थी। उस अवधि के दौरान, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने 200 मिलियन से अधिक ग्राहकों का जोड़ा था। यह देखते हुए कि उत्तरी अमेरिका और यूरोप के बाजार संतृप्त हो गए हैं, कंपनी ने अपना ध्यान एशिया और अफ्रीका की ओर स्थानांतरित किया लेकिन अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण Netflix के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी बढ़त को बरकरार रखना मुश्किल हो गया है। वर्ष 2022 में इसकी बिक्री में $1 बिलियन का नुकसान होने की उम्मीद है।

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