प्रथम पंचवर्षीय योजना
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जिनमें पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भी थी. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने प्रथम पंचवर्षीय योजना को संसद के समक्ष 8 दिसंबर 1951 को रखा था. यह योजना हॅरोड- डोमर योजना पर आधारित थी. प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य कृषि क्षेत्र था. जिसके अंतर्गत बाँध व सिंचाई मुख्य बिंदु थे. स्वतंत्रता के बाद बँटवारे के कारण कृषि क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित था अतः उस पर ध्यान देना प्रथम वरीयता का कार्य था.
प्रथम पंचवर्षीय योजना के लिए कुल प्रस्तावित राशि 2069 करोड़ रुपये थी. जिसे 7 व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया गया था. उन्होंने उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया था. इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान पाँच इस्पात संयंत्रों की नींव रखी गई. अधिकतर पंचवर्षीय योजनाओं में किसी न किसी क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई.
लक्ष्य विकास दर 2.1% की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास था, हासिल की गई विकास दर 3.6% थी. शुद्ध घरेलू उत्पाद 15% से ऊपर चला गया. मानसून अच्छा था और वहाँ अपेक्षाकृत फसल की पैदावार उच्च हुई, उत्पाद भंडार बढ़ाने और प्रति व्यक्ति आय, जिसमे 8% की वृद्धि हुई.
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राष्ट्रीय आय तेजी से जनसंख्या वृद्घि के कारण प्रति व्यक्ति आय से अधिक वृद्धि हुई है. भाखडा नांगल बांध और हीराकुंड बांध सहित कई सिंचाई परियोजनाएं इस अवधि के दौरान शुरू की गई थी.1956 में योजना अवधि के अंत में पांच भारतीय प्रौद्योगिकी (आईआईटी) संस्थान को प्रमुख तकनीकी संस्थानों के रूप में शुरू किया गया.
किन 7 व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया गया था-
सिंचाई व ऊर्जा, कृषि व सामुदायिक विकास ,भूमि पुनः सुधार ,यातायात व संचार ,उद्योग ,सामाजिक सेवा ,अन्य क्षेत्र व सेवाएँ
प्रथम पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य –
• शरणार्थियों का पुनर्वास
• खाद्यान्नों के मामले में कम से कम सम्भव अवधि में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना.
• इसके साथ- साथ इस योजना में सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया आरम्भ की गयी, जिससे राष्ट्रीय आय के लगातार बढ़ने का आश्वासन दिया जा सके.
• इस योजना में कृषि को प्राथमिकता दी गयी.
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वास्तविकता व आँकड़े
1. जीडीपी व एनडीपी
प्रथम पंचवर्षीय योजना लक्षित सकल घरेलू उत्पाद 2.1 प्रतिशत अनुमानित था जबकि वास्तविक आँकड़े बताते है की सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिशत 3.6 प्रतिशत था. वहीं एनडीपी में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी.
2. प्रति व्यक्ति आय
प्रस्तुत वर्ष में अपेक्षाकृत भारी वर्षा तथा अन्य सहायक तत्वों ने उत्पादन में भारी वृद्धि दर्ज की थी. जिससे प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई. जो लगभग 8 प्रतिशत था. वहीं राष्ट्रीय आय में 18 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई जो की प्रतिव्यक्ति आय से ज़्यादा थी. जिसका कारण उन वर्षों में लगातार जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होना था.
3. प्रथम पंचवर्षीय योजना के दौरान होने वाले नये कार्यक्रम
इस योजना के दौरान कई सिंचाई कार्यक्रमों की शुरुआत हुई. हर 5 वर्ष के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश के लोगो के लिए आर्थिक और सामजिक विकास के लिए शुरू की जाती है . पंचवर्षीय योजनायें केंद्रीकृत और एकीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम हैं.
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