पंजाब के दौरे पर जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के बाद फिरोजपुर में निर्धारित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया, जिसमें उन्हें 42,750 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखनी थी और एक रैली को भी संबोधित करना था। इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने सुरक्षा का संज्ञान लेते हुए इस चूक के लिए पंजाब सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और उसे ‘इस चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने’ के लिए कहा है।
वहीं, अब धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है कि फिरोजपुर में पीएम मोदी के काफिले को रोकने में पंजाब पुलिस सक्रिय रूप से शामिल थी। पंजाब के फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला के पास 5 जनवरी 2022 को पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक से जुड़ा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पंजाब पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ चाय-पीती नजर आ रही है। कुछ वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कई तथाकथित प्रदर्शनकारी पीएम के काफिले के आस-पास हैं।
CM चन्नी क्यों बदल रहे हैं अपना बयान
यह पूरी घटना देश के सबसे सुरक्षित और उच्च पदाधिकारी की सुरक्षा में हुई एक गंभीर चूक को प्रदर्शित करती है। वहीं, आश्चर्यजनक बात यह है कि जिन लोगों को PM मोदी के काफिले के लिए सुरक्षित मार्गों को तैयार करना था, वे सभी उन प्रदर्शनकारियों के साथ चाय समारोह में व्यस्त थे, जिन्होंने फ्लाईओवर पर जाम लगा रखा था, जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले को उसी फ्लाईओवर से वापस लौटना पड़ा। इस सन्दर्भ में सवाल उठाता है कि क्या यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत हुआ? पंजाब के CM चरणजीत सिंह चन्नी लगातार अपने बयानों में बदलाव कर इसे नकारते रहे। उन्होंने अपने बयान में कहा कि “फिरोजपुर रैली में 70,000 कुर्सियां थीं लेकिन 700 लोग ही आए इसलिए भाजपा ने रैली को रद्द कर दिया।”
और पढ़ें: PM मोदी के साथ जो हुआ वो ‘चूक’ नहीं, ‘हत्या का प्रयास’ था
फिर अपने बयान में बदलाव करते हुए उन्होंने घटना को ‘स्वाभाविक’ बताया। उन्होंने कहा, “हमने PMO से खराब मौसम की स्थिति और विरोध के कारण यात्रा बंद करने के लिए कहा था। हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की अचानक मार्ग परिवर्तन करने की कोई सूचना नहीं थी। पीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई।” उन्होंने आगे कहा कि वह खुद देर रात तक पीएम मोदी के दौरे के सुरक्षा इंतजामों पर नजर रख रहे थे। वहीं, पंजाब के डिप्टी CM सुखजिंदर सिंह रंधावा ने माना है कि “CM चन्नी के बयान के उलट पीएम मोदी की सुरक्षा से वाकई चूक हुई है।” CM चन्नी का यह भी कहना है कि “कुछ कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के कारण उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया और वो पीएम मोदी का स्वागत करने नहीं पहुंच पाए।”
हमने उनसे (पीएमओ) खराब मौसम की स्थिति और विरोध के कारण यात्रा बंद करने के लिए कहा था। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की अचानक मार्ग परिवर्तन करने की कोई सूचना नहीं थी। पीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 5, 2022
CM चन्नी के पास थी प्रदर्शनकारियों की जानकारी
कांग्रेस नेता दोपहर से ही खाली कुर्सियों की तस्वीरें साझा करते हुए दावा कर रहे थे कि PM मोदी ने भीड़ की कमी के कारण अपनी रैली रद्द कर दी थी जबकि भाजपा नेताओं ने तस्वीरें और वीडियो जारी करते हुए दिखाया कि लोग अधिक संख्या में सुबह से ही पीएम मोदी को सुनने के लिए फिरोजपुर रैली स्थल पर पहुंच चुके थे। BJP IT सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा कि “चीफ सेक्रेटरी और DGP को पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले के साथ जाना चाहिए था लेकिन इस समय वे दोनों गायब थे।” अमित मालवीय ने पंजाब सरकार पर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया।
चन्नी इतना झूठ क्यों बोल रहे हैं?
खबरों के अनुसार, पुलिस महानिदेशक कार्यालय के मौखिक आदेश को पुलिस पर उठाए गए सवालों को दूर करने के लिए रद्द कर दिया गया था। इसी तरह पहले भी मीडिया में ऐसी खबरें चलाई गई कि इस घटना के बाद फिरोजपुर के SSP को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन CM चन्नी ने इस खबर को खारिज कर दिया। अंत में चन्नी यह भी मानने लगे हैं कि उन्हें पीएम मोदी के रास्ते पर चल रहे प्रदर्शनकारियों की जानकारी थी। यहां CM चन्नी का झूठ साफ-साफ नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि मीडिया के सामने प्रदर्शनकारी यह स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि उन्हें पीएम मोदी के रूट की पूरी जानकारी थी। अब यहां सवाल उठता है कि जब यह सूचना सिर्फ पंजाब पुलिस के पास थी तो प्रदर्शनकारियों तक कैसे पहुंची? घटना स्थल पर मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में तोड़फोड़ की और भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक थी और कुछ भी हो सकता था। हालांकि, इन सबके लिए कौन जिम्मेदार है?
सेंधमारी के लिए CM चन्नी को लेनी होगी जिम्मेदारी
बताते चलें कि भारतीय किसान संघ (क्रांतिकारी) ने स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को उसके कार्यकर्ताओं ने रोक दिया था। टाइम्स नाउ से बात करते हुए, भारतीय किसान संघ (BKU) के प्रमुख सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि “12-13 किसान संगठनों ने विरोध करने का फैसला किया क्योंकि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कोई समिति नहीं बनाई थी।” उन्होंने आगे कहा कि, “दोपहर के करीब, हमें पता चला कि पीएम बठिंडा से सड़क मार्ग से आ रहे हैं। रैली के पास एक बड़ा हेलीपैड था और पुलिस ने कहा कि वह सड़क मार्ग से आ रहे हैं। इसलिए हमने सोचा कि पुलिस झूठ बोल रही है और पीएम हवाई मार्ग से आ रहे हैं। इसलिए हमने रास्ता साफ नहीं किया। हमने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं।”
और पढ़ें: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उड़ाई CM चन्नी के खोखले दावों की धज्जियां
ऐसे में, प्रधानमंत्री मोदी एक असुरक्षित माहौल में फिरोजपुर फ्लाईओवर पर फंसे हुए थे। वहीं, 15 से 20 किलोमीटर दूर पाकिस्तान का बॉर्डर है और किसी भी तरीके से हमला करके दो मिनट में सबकुछ तबाह किया जा सकता था। फ्लाईओवर के आस-पास किसी भी घर की छत पर बैठा स्नाइपर PM मोदी को हानि पहुंचा सकता था। शासन-प्रशासन के झूठ को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई सेंधमारी के लिए चन्नी जिम्मेदार हैं क्योंकि अंत में प्रशासनिक जिम्मेदारी चन्नी के द्वारा ही नियंत्रित होती है। अंततः ऐसा करके CM चन्नी ने कांग्रेस पार्टी की प्रधानमंत्री मोदी के प्रति बढ़ती नफरती भावनाओं को एक मूर्त रूप दिया है!