केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (MoS) राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट में बीते बुधवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का यह कहकर मजाक उड़ाया कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भारत से बेहतर है। इस्लामाबाद में इंटरनेशनल चैंबर्स समिट 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था कि उनके देश की आर्थिक स्थिति अभी भी क्षेत्र के कई देशों, खासकर भारत से बेहतर है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में तेल की कीमतें अभी भी अन्य देशों की तुलना में कम हैं।
इमरान खान को उन्हीं के शब्दों में दिया जवाब
उनके इस तथ्य पर निशाना साधते हुए, राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट में कहा, “हां क्योंकि आपके पास सिद्धू हैं और हमारे पास सबसे तेज अर्थव्यवस्था, सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न और FDI है।” अगर इसको मोटे तौर पर समझते तो “हां, आपके पास सिद्धू (कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू) हैं, लेकिन हमारे पास सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (भारत), अधिकांश यूनिकॉर्न कंपनियां (1 बिलियन से अधिक टर्नओवर वाली कंपनी) और उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।”
Yes bcoz aapke paas Sidhu hain, aur hamare paas sirf fastest growng economy, sabze jyaada unicorn aur FDI hai 🤷🏻♂️🤷🏻♂️ #ImranKaMathematics https://t.co/UBJBmMYyxj
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) January 12, 2022
दरअसल, राजीव चंद्रशेखर अपने ट्वीट के माध्यम से नवजोत सिंह सिद्धू और इमरान खान के बीच मित्रता की बात कर रहे थे। दोनों पूर्व क्रिकेटर काफी अच्छे दोस्त रहे हैं। 2019 में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करते वक्त इमरान खान विश्व में बदनाम होकर भी नवजोत सिंह सिद्धू को ढूंढ रहे थे। सिद्धू के पाकिस्तान समर्थक रुख के कारण उनके पूर्व सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें देशद्रोही करार दिया। वहीं, इमरान खान की सस्ती अर्थव्यवस्था वाली टिप्पणी सच्चाई से परे है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान अपने 70 साल में सबसे अधिक महंगाई का सामना कर रहा है। वर्तमान में, यह महंगाई 9 प्रतिशत से अधिक है और इसने कई लोगों को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है। पाकिस्तान में घी, चीनी, पेट्रोल, मुर्गी पालन, बिजली सभी में न्यूनतम 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो विभिन्न क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से अधिक है। इस बीच, देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब देश में आम जनसंख्या बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण बुरी तरह पीड़ित है।
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डगमगा रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
हालांकि, कई रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है क्योंकि देश का व्यापार घाटा बढ़ रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है और सरकार को IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की कुछ मांगों को पूरा करने हेतु करों में बढ़ोतरी के लिए मिनी बजट लाना पड़ा। सत्तारूढ़ PTI सरकार की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) द्वारा आलोचना की गई है। वहीं, कुछ नेताओं ने इमरान खान से इस्तीफा देने की भी मांग की है। जब कर्ज चुकाने की बात आती है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान की साख सबसे कम रही है। शायद ही आपको कोई अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण संस्थान मिलेगा, जिसने इस्लामी राष्ट्र को ऋण प्रदान नहीं किया हो।
वर्ष 2022 में, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से $1 बिलियन के सशर्त ऋण की उम्मीद कर रहा है। अमेरिकियों द्वारा पाकिस्तान को वित्त पोषण करने से थक जाने के बाद, चीन पाकिस्तान के लिए नया जरिया बन गया है। चीन अपने ऋण-जाल कूटनीति के माध्यम से पाकिस्तान को पहले से ही खोखला कर रहा है। ऐसे में, इमरान खान को सोचना चाहिए कि जब आप खुद इतनी अस्थिरता से घिरे हों, तो आपको खुद को ‘सबसे सस्ता राष्ट्र’ कहने से बचना चाहिए।