रामचंद्र पासवान
केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलासपासवान के भाई और समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रामचंद्र पासवान का जन्म खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में एक दलित परिवार में 1 जनवरी 1962 को हुआ था.
रामचंद्र पासवान की पत्नी सुनैयना कुमारी के साथ-साथ उनके परिवार में दो पुत्र एवं एक पुत्री भी हैं. 57 वर्षीय पासवान ने मैट्रिक तक की शिक्षा ग्रहण की थी. इसके बाद समाजसेवा को ही इन्होंने अपना प्रोफेशन बना लिया. भाई के सहारे राजनीति में कदम रखने वाले पासवान चौथी बार समस्तीपुर से सांसद चुने गए.
रामचंद्र पासवान की राजनीतिक शुरुआत
राम चंद्र पासवान ने 1998 में खगड़िया को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष पद के चुनाव के साथ रामचंद्र पासवान ने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी.वहीं 1999 में वह पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद 2004 में एक बार फिर वह जीते. हालांकि 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में एक बार फिर उन्होंने जीत हासिल की और इस बार भी समस्तीपुर सुरक्षित सीट से वह जीतने में सफल रहे.
रामचंद्र पासवान चार बार लोकसभा सांसद रहे. पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद होने के साथ-साथ दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे. साल 2019 में भी उन्होंने लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली थी. लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से एलजेपी उम्मीदवार पासवान ने कांग्रेस के अशोक कुमार को 1.5 लाख से अधिक वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी.
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संसद में उपस्थिति 80 परसेंट से अधिक
रामचंद्र पासवान देश के उन चुनिंदा सांसदों में से रहे हैं, जिनकी औसत उपस्थिति संसद में अस्सी प्रतिशत से अधिक रही है. ये संसद की विभिन्न कमेटियों के सदस्य रहे हैं.
मिलनसार और हंसमुख सांसद
राम चंद्र पासवान हंसमुख और मिलनसार थे. वे किसी से भी मिलते थे तो गर्मजोशी के साथ मिलते थे.उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी. क्षेत्र के लोग उनके इस मिलनसार एवं हंसमुख प्रवृति के कायल थे. कोई कार्यकर्ता कितने भी गुस्से में क्यों न हों, वे उन्हें अपनी बातों से तुरंत शांत कर देते थे. सभी के साथ मिलन-जुलना एवं लोगों की बातों को सुनना, यह उनका स्वभाव था.
रामचंद्र पासवान मृत्यु
बिहार के समस्तीपुर से सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पासवान की मृत्यु 21 जुलाई 2019 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई थी.आपको ता दें कि रामचंद्र पासवान को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने इलाज के दौरान दोपहर को आखिरी सांस ली. वह 56 वर्ष के थे. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर पेज फॉलो करें.