गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार बंगाल की झांकी नहीं होगी। यह फैसला गणतंत्र दिवस पर चीजों को आयोजित कराने वाले समिति ने ले लिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वह इस फैसले से “गंभीर रूप से स्तब्ध” हैं क्योंकि गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को “बिना कोई कारण या औचित्य बताए खारिज कर दिया गया है।”
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके INA के 125वें जयंती वर्ष पर उनके योगदान की स्मृति में लगाई गई थी।
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ममता बनर्जी का यह दुःख तब सबके सामने आया, जब सरकार ने अभी तक सार्वजनिक रूप से परेड के लिए अंतिम चयनित झांकी की घोषणा भी नहीं की है। सूत्रों के अनुसार इन वर्ष गणतंत्र परेड में 21 झांकियां होंगी, जिसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार या स्वतंत्र संस्थानों के नौ विभागों की झांकिया होंगी।
राज्य के अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल एकमात्र राज्य नहीं है जिसकी झांकी को खारिज कर दिया गया है। श्री नारायण गुरु की केरल की प्रस्तावित झांकी को भी चयनित नहीं किया गया है।
ममता का बिलबिलाना सिर्फ राजनीति है-
ममता बनर्जी नियम-कानून सब जानती है। बस वो नौटंकी जानबूझकर कर रही है कि कहीं से कोई ध्यान दे दे। यह पब्लिसिटी स्टंट से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इतने वर्षों से राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद भी क्या ममता बनर्जी को समझ नहीं है कि परेड में क्या होता है और क्या नहीं होता है?
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी, जो परेड के लिए जिम्मेदार है और झांकी के लिए समन्वय निकाय का कहना है कि झांकियों का चयन एक विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाता है और इसमें कोई राजनीतिक भागीदारी नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने 16 सितंबर को 80 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने सचिवों और चुनाव आयोग और नीति आयोग को पत्र लिखकर भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि यह गणतंत्र दिवस परेड में “भाग लेने के लिए झांकी प्रस्तावों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करता है।”
प्रस्तावों को 27 सितंबर तक जमा करना था, और प्रस्तावों की शॉर्टलिस्टिंग अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में शुरू भी हो गई थी। प्रतिभागियों को अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश/विभाग से संबंधित तत्वों को व्यापक विषय के भीतर प्रदर्शित करना होगा। इस वर्ष प्रतिभागियों को दी गई थीम ‘भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष’ थी। सरकार ने इच्छुक प्रतिभागियों को बताया कि भारत@75 – स्वतंत्रता संग्राम, विचार @ 75, उपलब्धियां @ 75, कार्य @ 75 और संकल्प @75 के अंदर ही झांकी बननी चाहिए।
रक्षा मंत्रालय बुनियादी दिशा-निर्देशों को भी साझा करता है कि सभी झांकियों में क्या शामिल होना चाहिए और क्या शामिल नहीं होगा।
नियम के अनुसार भाग लेने वाली झांकियो को “प्रसिद्ध संस्थानों के युवा योग्य डिजाइनरों”, छवियों या सामग्री के उज्ज्वल प्रदर्शन के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले वॉल, रोबोटिक्स या मेक्ट्रोनिक्स का उपयोग करने वाले तत्वों को स्थानांतरित करना चाहिए।
नियमतः कुछ तत्वों के लिए 3 डी प्रिंटिंग का उपयोग किया जा सकता है। दो अलग-अलग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां एक जैसी नहीं हो सकतीं, क्योंकि झांकियां मिलकर देश की विविधता को प्रदर्शित करती हैं।
Defence minister Rajnath Singh wrote to West Bengal Chief Minister over exclusion of the state's tableaux for Republic Day celebrations
In a letter, the defence minister wrote, "West Bengal's tableau has been selected for participation in R-Day during 2016, 2017,2019, & 2021." pic.twitter.com/7KiAcQjpzm
— ANI (@ANI) January 18, 2022
प्रधानमंत्री भी इसमें कुछ नहीं कर सकते-
ऊपर बताये गए नियम कानूनों में प्रधानमंत्री का कोई रोल नहीं है और फिर भी अगर हस्तक्षेप करने की बात की जा रही है तो यह सिर्फ जनता के सामने भोला बनने की नौटंकी है।
घोषणा के तुरंत बाद, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपने राज्यों की झांकियों को खारिज करने पर पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का मांग किया, जबकि दोनों को यह बात मालूम है कि प्रधानमंत्री भी इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं।
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गणतंत्र दिवस परेड 2022 से पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित झांकी को बाहर करने पर विवाद के बीच, केंद्र ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं के तर्क का मुकाबला करने के लिए एक तस्वीर-प्रूफ जारी किया है। इसमें बताया गया है कि झांकी में क्या-क्या कमी है।
बंगाल की जनता भावुकतापूर्ण व्यवहार से उनका मत पाने के लिए ममता ने लिखा कि झांकी में “इस देश के कुछ सबसे शानदार बेटों और बेटियों के चित्र हैं। ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर, बिरसा मुंडा और कई देशभक्तों के चित्र होंगे।”
नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को केंद्र सरकार द्वारा खारिज किए जाने के विवाद के बीच, राज्य सरकार ने कोलकाता में गणतंत्र दिवस मनाते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर इसी तरह की झांकी निकालने का फैसला किया है।
अब अजीब सी स्थिति है। यह सांत्वना लेने के चक्कर में की जा रही नौटंकी है वरना सबको मालूम है कि जरूरी नहीं है कि हर साल सभी राज्य की झांकी, गणतंत्र दिवस परेड में हो ही। नियम कानून भी इस संदर्भ में स्पष्ट है और अगर फिर भी यह नौटंकी हो रही है तो यह सिर्फ भावनात्मक रूप से खेला जा रहा खेल है।