सऊदी अरब और UAE ने राणा अय्यूब को ‘आतंकियों का हमदर्द’ घोषित किया

सऊदी ने सिखाया राणा अय्यूब को सबक!

राणा अय्यूब सऊदी

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राणा अय्यूब याद हैं? हां वही ‘गुजरात फाइल्स’ वाली! आजकल ये वामपंथी पत्रकार फिर से सुर्खियों में हैं और इस बार भी गलत कारणों से ही। दुनिया में ऐसा कोई विषय नहीं है, जिसपर राणा अय्यूब की राय न हो। अपने आप को बहुत बड़ी पत्रकार बताने वाली राणा अय्यूब का करियर विवादों से घिरा रहा है या यूं कहें कि अय्यूब और विवाद एक दूसरे के समानार्थी हैं! भारत में उनकी प्रो इस्लाम पत्रकारिता से देश के हिन्दू अच्छी तरह से परिचित हैं। अपने आप को पत्रकार बताते हुए गिने-चुने लोग और गिनी-चुनी चयनात्मक आलोचना के अलावा राणा अय्यूब के पास कुछ नही है! अपनी कुत्सित मानसिकता और नैरेटिव सेट करने वाले फर्जी खबरों तथा आतंकियों के समर्थन वाले ट्वीट को लेकर आये दिन उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ता है! इस बार राणा अय्यूब के एक ट्वीट पर उन्हें सऊदी अरब के लोगों द्वारा फटकार लगाई जा रही है। जी हां, वही सऊदी अरब जहां से अय्यूब की जमात के कई अन्य पत्रकारों का घर चल रहा है, उसी सऊदी ने अब राणा अय्यूब को सबक सिखाया है!

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राणा अय्यूब के ट्वीट पर बवाल

बीते शनिवार को राणा अय्यूब ने यमन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के लिए सऊदी अरब की आलोचना करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट पोस्ट किया। उसके जवाब में अब ट्विटर पर सऊदी नेटिज़न्स द्वारा उन पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए हमला किया जा रहा है। अयूब ने अपने ट्वीट में लिखा था कि “यमन में खून बह रहा है और खून के प्यासे सऊदी को रोकने वाला कोई नहीं है।”

राणा अय्यूब की यह टिप्पणी यमन में हौथी विद्रोही समूह द्वारा संचालित एक अस्थायी जेल पर सऊदी के नेतृत्व वाले हवाई हमलों के बाद आई है। दरअसल, हाल ही में हौथी लड़ाकों ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पर एक घातक ड्रोन हमला किया था। इस हमले के बाद सऊदी सरकार की ओर से हमले तेज हो गए है। जवाब में हौथी समूह भी सऊदी अरब में मिसाइल और ड्रोन हमले करता रहा है। राजनीतिक नियंत्रण के हिसाब से हौथी लड़ाके उत्तरी यमन में एक बड़े क्षेत्र को नियंत्रित करते हैं और सऊदी के नेतृत्व वाला गठबंधन इस आतंकी समूह से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमन सरकार का समर्थन कर रहा है। सऊदी गठबंधन यमन में अब्दराबुह मंसूर हादी सरकार का समर्थन कर रहा है।

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इस मामले पर राणा के ट्वीट ने आग में घी का काम किया। सऊदी नागरिक यह देखकर आश्चर्य में पड़ गए कि भारतीय पत्रकार हौथियों का विरोध न कर उनकी ही आलोचना कर रही है। राणा अय्यूब ने पूरे ट्वीट में सऊदी नागरिकों को गैर मुस्लिम तक ठहरा दिया था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा,“यमन में खून बह रहा है और खून के प्यासे सऊदी को रोकने वाला कोई नहीं है। ये वो लोग हैं जो खुद को इस्लाम के रखवाले कहते हैं। एक मुसलमान होने के नाते मुझे शर्म आती है कि ये दरिंदे पवित्र मस्जिद के रखवाले हैं। इस नरसंहार पर दुनिया चुप नहीं रह सकती #YemenUnderAttack”

सऊदी से मिला करारा जवाब

राणा अय्यूब द्वारा ट्वीट पोस्ट किए जाने के बाद, कई सऊदी नेटिज़न्स ने उनका जवाब देते हुए कहा कि सऊदी सरकार एक मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन कर रही है, जबकि अय्यूब उस सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे एक इस्लामी आतंकवादी समूह का समर्थन कर रही हैं। एक सऊदी इंजीनियर गैसन ने उनके ट्वीट को फर्जी खबर की कैटेगरी में डाल दिया और अपने ट्वीट में लिखा कि सऊदी अरब ने यमन की वैध सरकार के सीधे अनुरोध के जवाब में दस से अधिक देशों के गठबंधन के हिस्से के रूप में यमन में सैन्य अभियान शुरू किया है। “हम वैध सरकार का समर्थन करते हैं और आप आतंकवादियों का समर्थन करती हैं।”

एक अन्य सऊदी नागरिक ने अय्यूब पर हमला बोलते हुए कहा कि “वो मीडिया अभिजात्य पाखंडियों में से हैं, जो आतंकवादी हौथियों का समर्थन करती हैं। वह हौथी संगठन जो बाल सैनिकों का उपयोग करते हैं और यमन में पीड़ा का मुख्य कारण हैं।” वहीं, ग्रीस के एक यूजर ने कहा कि राणा अय्यूब हौथी जैसे आतंकवादियों का समर्थन कर रही हैं, जो बाल सैनिकों का इस्तेमाल करते हैं, यमन के लोगों को मारते हैं, गाली देते हैं और लगभग हर रोज ड्रोन से दूसरे देशों पर हमला करते हैं।

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एक अन्य ट्विटर यूजर ने राणा अय्यूब को मुस्लिम होने के बावजूद अपने बालों और चेहरे को नहीं ढकने के लिए फटकार लगाई। साथ ही एक अमीराती व्यवसायी हसन सजवानी ने कहा, “राणा अय्यूब की पसंद सबसे बड़े ‘अपराधी’ हैं। “मानवतावादी आवाज” के धुंए के पीछे राणा अय्यूब लगातार हौथिस, हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड गठबंधन समूहों का समर्थन करती हैं। राणा भूल गई हैं कि हौथियों ने पिछले सप्ताह अबू धाबी में दो निर्दोष भारतीयों (उनके देशवासियों) को मार डाला। शर्म करो!”

अपनी घटिया बयानबाजी और इस ट्वीट को लेकर ट्रोल हुई राणा अय्यूब को कुछ और नहीं मिला, तो इसके लिए भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा दिया है। इस आलोचना के कुछ देर बाद राणा अय्यूब ने फिर ट्वीट किया और लिखा कि “भारत में मोदी समर्थकों द्वारा सऊदी ट्रोल्स का उत्साहवर्धन किया जा रहा है।”

इस पूरे प्रकरण से यह तो साफ हो गया है कि राणा अय्यूब न घर की रही, न घाट की रही। चली थी ज्ञान देने लेकिन सऊदी की जनता ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया है।

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