पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
एक होते हैं नेता, फिर आते हैं अभिनेता और फिर प्रकट होते हैं विक्टिम कार्ड के प्रणेता। लॉजिक से इनका कोई सरोकार नहीं, व्यवहारिकता से इनका छत्तीस का आंकड़ा है और जब बात अपने एजेंडे के लिए लोगों को उल्लू बनाने की आती है तो ये पहले से ही वहां ...
राणा अय्यूब ED केस : व्यक्ति चाहे जितना समाज सेवा का ढोंग करता रहे लेकिन ढोंग का यह ढोल ज्यादा जोर से बजाने पर काफी जोर से फटता है। इसका नुकसान यह होता है कि संत होने का चोला ओढ़े इंसान की दैत्य वाली हरकतें कुछ ही पलों में सामने ...
देखो बंधु, सुबह का भूला यदि शाम को घर लौट आये तो उसे भूला नहीं कहते। बड़े-बड़े तुर्रम खान भटक गए, राणा अय्यूब किस खेत की मूली हैं? वैसे भटकना और भटकाना तो इनकी आदत में शुमार है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ था लेकिन इस बार अय्यूब ...
कट्टरता के उपासक और सामाजिक सौहार्द के सबसे बडे दुश्मन भारत के वामपंथी पोर्टल इन दिनों जिस व्यक्ति को अपने प्लेटफार्म में विष प्रसारित करने के लिए दे रहे हैं। उससे साफ़-साफ़ प्रतीत हो रहा है कि कैसे अपनी रोटी चलाने के लिए यह लिबरल गुट झूठ को ऐसे महिमामंडित ...
राणा अय्यूब की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही, एक बदनाम और एजेंडाधारी पत्रकार से लेकर एक फ्रॉड व्यक्ति होने तक, उनके ऊपर ना जाने कैसे-कैसे आरोप लग गए हैं। कई मामलें अभी भी न्यायालय में लंबित हैं। हाल ही में पैसों की अनियमितता के एक मामले के ...
देश की सबसे बड़ी शान क्या है? आप हैं, हम हैं, हम सभी हैं। राष्ट्र की सबसे बड़ी थाती, संपति और शान वहां के नागरिक होते हैं। पर, कभी कभी यही लोग देश के सबसे बड़े अपमान बन जाते हैं। हमारे डॉक्टर और इंजीनियर्स हमारे राष्ट्र के प्रथम राजदूत और ...
उदारवादी और 'वामपंथी' विचारधाराओं में विशेष रूप से कुछ गड़बड़ है। फटे कुर्ते पहनने की अनिवार्य के अलावा, एक अस्वास्थ्यकर जीवन स्तर बनाए रखना और में 40 वर्ष की आयु तक विश्वविद्यालयों में पड़े रहने के अलावा; उदारवादी और वामपंथी दिल के धोखेबाज भी हैं। वे बार-बार बिना सोचे निर्दोष ...
अमेरिकी समाचार पत्र द वाशिंगटन पोस्ट में कार्यरत राणा अय्यूब अपनी घटिया भारत विरोधी पत्रकारिता और दुष्प्रचार को लेकर सुर्ख़ियों में रहती है। वहीं, राणा अय्यूब अब एक कथित चैरिटी फंड घोटाले के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में आ गई है, जिसके बाद 'द वाशिंगटन पोस्ट' ...
राणा अय्यूब एक मानसिक ज़हर से भरी हुई कथाकथित पत्रकार है। आपको बतादें कि लगभग 12-13 साल पहले तक राणा अय्यूब वामपंथी विचारधारा में एक बड़ा नाम नहीं थी ,लेकिन साल 2011 में पत्रकारिता के लिए संस्कृति पुरस्कार मिलने के बाद अचानक वह सुर्खियों में आ गईं और लोकप्रिय हो ...
राणा अय्यूब याद हैं? हां वही ‘गुजरात फाइल्स’ वाली! आजकल ये वामपंथी पत्रकार फिर से सुर्खियों में हैं और इस बार भी गलत कारणों से ही। दुनिया में ऐसा कोई विषय नहीं है, जिसपर राणा अय्यूब की राय न हो। अपने आप को बहुत बड़ी पत्रकार बताने वाली राणा अय्यूब ...
देश के प्रत्येक मुद्दे पर झूठा एजेंडा चलाने में कुछ वामपंथी पत्रकारों ने महारत प्राप्त कर रखी है। भले ही मामला झूठ की बुनियाद पर गढ़ा गया हो लेकिन उसे सच बताकर भुनाने में वामपंथी ज्यादा वक्त नहीं लेते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम की पाकिस्तान के विरुद्ध T20 विश्व कप ...
हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करना और उन्हें निशाना बनाना हमारे वामपंथियों के लिए आम बात हो गयी थी, परन्तु अब इससे निपटने के लिए हिन्दू आईटी सेल का निर्माण किया गया। अब यही राणा अय्यूब जैसे पत्रकारों के लिए मुश्किलों का सबब बन गया है क्योंकि अब प्रवर्तन निदेशालय ...