TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब में आप का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार

    पंजाब में आप का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ बन सकता है हथियार

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    कर्नाटक सरकार का रोहित वेमुला बिल खड़े कर रहा कई बड़े सवाल, दो और राज्यों में लागू करने की तैयारी]

    कर्नाटक सरकार का रोहित वेमुला बिल खड़े कर रहा कई बड़े सवाल, दो और राज्यों में लागू करने की तैयारी

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट 'विष्णु', तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट ‘विष्णु’, तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों (चित्र: सोशल मीडिया)

    फ्रांस की सबसे बड़ी अदालत में पहुंचा मैक्रों की पत्नी के ‘पुरुष’ होने से जुड़ा मामला

    शुक्ला जी की जगह दलित को भेजने की बारी थी, यह क्या बोल गए कांग्रेस नेता उदित राज

    शुभांशु शुक्ला की जगह किसी दलित या OBC को स्पेस में भेजा जाना चाहिए था: कांग्रेस नेता की मांग

    भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे (Photo: X/@Naveen_Odisha)

    कनाडा में हिंदू आस्था पर फिर हमला: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे, सख्त हुआ भारत

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब में आप का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार

    पंजाब में आप का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ बन सकता है हथियार

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    कर्नाटक सरकार का रोहित वेमुला बिल खड़े कर रहा कई बड़े सवाल, दो और राज्यों में लागू करने की तैयारी]

    कर्नाटक सरकार का रोहित वेमुला बिल खड़े कर रहा कई बड़े सवाल, दो और राज्यों में लागू करने की तैयारी

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट 'विष्णु', तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट ‘विष्णु’, तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों (चित्र: सोशल मीडिया)

    फ्रांस की सबसे बड़ी अदालत में पहुंचा मैक्रों की पत्नी के ‘पुरुष’ होने से जुड़ा मामला

    शुक्ला जी की जगह दलित को भेजने की बारी थी, यह क्या बोल गए कांग्रेस नेता उदित राज

    शुभांशु शुक्ला की जगह किसी दलित या OBC को स्पेस में भेजा जाना चाहिए था: कांग्रेस नेता की मांग

    भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे (Photo: X/@Naveen_Odisha)

    कनाडा में हिंदू आस्था पर फिर हमला: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे, सख्त हुआ भारत

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

The Tashkent Declaration: एक ऐसा समझौता जो आज भी भारत को ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से परेशान करता है

कुछ घाव समय के साथ भी नहीं भरते!

Shikhar Srivastava द्वारा Shikhar Srivastava
10 January 2022
in इतिहास
Tashkent Declaration

Source- Google

Share on FacebookShare on X

10 जनवरी 1966, भारत और पाकिस्तान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन ताशकंद में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल मोहम्मद अयूब खान ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया था। ताशकंद समझौते को भारत की कूटनीतिक हार माना जाता है, क्योंकि अपनी सैन्य शक्ति के बल पर मिली विजय को भारत ने कूटनीतिक मंच पर स्वयं ही पराजय के रूप में बदल दिया था। यहां तक कि उस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले तत्कालीन लाल बहादुर शास्त्री की धर्मपत्नी ललिता शास्त्री भी समझौते की शर्तों को सुनकर अपने पति से नाराज हो गई थी। इस समझौते के अगले दिन 11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर 1965 के युद्ध के बाद हुए समझौते में भारत ने क्या गंवाया और कैसे यह जख्म आज भी भारत को परेशान करता है।

और पढ़ें: 1965 भारत-पाक युद्ध: चाविंडा की वह लड़ाई जो भुला दी गयी

संबंधितपोस्ट

हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

जब राजनीति ने विज्ञान से सीखा… लाल बहादुर शास्त्री और मेरी क्युरी, जेल की दीवारों के बीच देशसेवा वाला कनेक्शन

जब नेहरू वाली गलती दोहराने वाले थे लालबहादुर शास्त्री….

और लोड करें

1965 युद्ध : पाकिस्तान के दंभ का परिणाम

वर्ष 1962 में चीन के हाथों मिली पराजय के बाद भारतीय सेना का मनोबल गिर चुका था। भारतीय सेना परिवर्तन के दौर से गुजर रही थी, जबकि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में अमेरिका का सबसे विश्वसनीय सहयोगी बन चुका था और बगदाद पैक्ट का हिस्सा था। बगदाद पैक्ट के कारण पाकिस्तान को अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार, लड़ाकू विमान, टैंक आदि मिल चुके थे और पाकिस्तान को उसी बल पर अपनी विजय सुनिश्चित दिख रही थी।

दरअसल, वर्ष 1965 में कश्मीर में अस्थिरता बढ़ रही थी और पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाने के उद्देश्य से भारत पर हमला किया। 1 सितंबर 1965 को कश्मीर पर हमला हुआ। भारत इस हमले से अचंभित रह गया और शुरुआती 5 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान की फौज भारत पर भारी पड़ी। किंतु 6 सितंबर को भारत ने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पर हमला किया और युद्ध का रुख बदल गया। पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी कि भारत पंजाब की ओर से हमला करेगा, क्योंकि यह हिस्सा कभी विवादित क्षेत्र नहीं रहा था, जबकि कश्मीर को दुनिया विवादित मानती थी। किन्तु तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री ने यह साहसिक निर्णय किया। जिसके बाद कुछ ही दिनों में भारतीय फौज लाहौर, सियालकोट तक पहुंच गई, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव में दोनों पक्षों ने सीजफायर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

और पढ़ें: 1965: हाजी पीर पास का वो युद्ध जो भारत जमीन पर जीत कर भी टेबल पर हार गया

युद्ध लंबा चलता तो भारत एकतरफा विजयी होता

भारतीय पक्ष और विश्व के अधिकांश मिलिट्री विशेषज्ञ यह मानते हैं कि यह युद्ध कुछ दिन और चलता तो भारत निर्णायक रूप से पाकिस्तान पर विजय प्राप्त कर सकता था। भारत के पूर्व एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह ने वर्ष 2015 में अपने एक इंटरव्यू में यह बात कही थी कि “राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान 1965 के युद्ध में जीत का दावा करता है। मेरी राय में, युद्ध एक प्रकार के गतिरोध में समाप्त हुआ। हम ताकत की स्थिति में थे, यदि युद्ध कुछ और दिन चलता तो हमें निर्णायक विजय प्राप्त होती। मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को युद्धविराम के लिए सहमत न होने की सलाह दी थी। लेकिन मुझे लगता है कि उन पर संयुक्त राष्ट्र और कुछ देशों का दबाव था।”

भारत द्वारा सीजफायर स्वीकार करने का एक कारण आर्मी चीफ जयंतो नाथ चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री को दी गई गलत जानकारी थी। जब लाल बहादुर शास्त्री ने आर्मी चीफ से यह पूछा कि भारत अभी कितने दिन युद्ध और लड़ सकता है, तो उन्होंने बताया कि भारत के पास अभी अधिक गोला बारूद नहीं बचा है। जबकि वास्तविकता यह थी कि भारत ने अपने पूरे आयुध सामग्री का केवल 14 से 20% का प्रयोग किया था, जबकि पाकिस्तान 80% आयुध सामग्री प्रयोग कर चुका था। ऐसे में कुछ दिनों की लड़ाई में भारत आसानी से पाकिस्तानी पंजाब का एक बड़ा हिस्सा जीत सकता था।

और पढ़ें: JFR Jacob – भारत के वो शूरवीर जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के पराजय की पटकथा रची

सोवियत संघ ने नहीं दिया था साथ

वर्ष 1965 के युद्ध के बाद भारत ने कश्मीर में जितने हिस्से पाकिस्तान के हाथों गंवाए थे, उसका 3 गुना हिस्सा भारतीय सेना ने पाकिस्तानी पंजाब में जीत लिया था। किंतु भारत में समझौते के समय अपनी सैन्य उपलब्धि का सही प्रयोग नहीं किया। भारत सरकार चाहती, तो पाकिस्तान पर दबाव बनाकर न्यू वार क्लॉज पर पाकिस्तान को सहमत कर सकती थी, अर्थात् पाकिस्तान यह स्वीकार करता कि वह कभी भी युद्ध का पहल नहीं करेगा। गौरतलब है कि भारत के लिए कश्मीर का जितना सामरिक और आर्थिक महत्व है, उससे बहुत अधिक महत्व पाकिस्तानी पंजाब का पाकिस्तान के लिए है। ऐसे में भारत चाहता, तो इस बात पर अड़ सकता था कि पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर को खाली करे, तभी उसे पाकिस्तानी पंजाब के हिस्से वापस मिलेंगे। किन्तु भारत कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल नहीं कर सका।

ध्यान देने वाली बात है कि निश्चित रूप से लाल बहादुर शास्त्री ने बहुत विपरीत परिस्थितियों में भारत का नेतृत्व किया था। उस समय पाकिस्तान के पास अमेरिका जैसा सहयोगी था, जबकि भारत कूटनीतिक स्तर पर अकेले खड़ा था। नेहरू अपने पूरे शासन में सोवियत रूस के प्रवक्ता बने रहे, किंतु सोवियत रूस ने वर्ष 1965 में कूटनीतिक स्तर पर भारत की कोई सहायता नहीं की। दूसरी ओर चीन को पाकिस्तान का सहयोग भी प्राप्त था। ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री अत्यधिक दबाव में निर्णय ले रहे थे। संभवत: यही कारण था कि भारत ने अपनी सैन्य उपलब्धि को कॉन्फ्रेंस टेबल पर अपनी पराजय में स्वयं ही बदल दिया!

और पढ़ें: विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बोले डर था, भारत हमला न कर दे इसलिए अभिनंदन को लौटाना पड़ा

Tags: जयंतो नाथ चौधरीताशकंद समझौतालाल बहादुर शास्त्री
शेयर100ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सोनू सूद की बहन मालविका पंजाब कांग्रेस से लड़ेंगी 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव

अगली पोस्ट

भारत के अनुरोध से पाकिस्तान पर शस्त्र प्रतिबंध लगा सकता है फ्रांस

संबंधित पोस्ट

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य
इतिहास

नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

13 July 2025

एक हज़ार साल से भी पहले, जब दुनिया का ज़्यादातर हिस्सा अंधकार में डूबा हुआ था, तमिल हृदयभूमि का एक शक्तिशाली सम्राट समुद्र पर राज...

मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)
इतिहास

खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

12 July 2025

हाल ही में, ऑनलाइन शिक्षक खान सर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

00:07:33

Bhima Koregaon Won’t Be Repeated; Maharashtra’s Special Act to Wipe Out Urban Naxals.

00:06:06

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

00:07:47

How UPI went global? Why Namibia Adopted It?

00:07:20

Stalin’s DMK Faces Heat Over Brutal Custodial Killings in Tamil Nadu

00:08:06
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited