कुछ लोगों और दलों को अभिव्यक्ति की आजादी तभी तक प्रिय होती है, जब तक वह सिर्फ उनके उपदेश देने तक सीमित हो। जब खुद पर बात आए, तो इस बात की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती हैं, ये कांग्रेस से बेहतर कोई नहीं बता सकता। हाल ही में कांग्रेस ने एक OTT फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, विशेषकर महाराष्ट्र में। परंतु इस फिल्म में ऐसा भी क्या है, जिसके पीछे एक राजनीतिक पार्टी इतना हाथ धोके पड़ी हुई है? असल में इस फिल्म का नाम है ‘Why I Killed Gandhi’, जो 30 जनवरी को Limelight नामक OTT एप पर प्रदर्शित होगी।
“Why I Killed Gandhi” मोहनदास करमचंद गांधी के मृत्यु और उसके पश्चात उन्हें मारने वाले नाथूराम गोडसे के मुकदमे पर आधारित है, जिनकी भूमिका निभा रहे हैं प्रख्यात अभिनेता अमोल कोल्हे l अब नाथूराम गोडसे का उल्लेख मात्र ही कांग्रेस के लिए किसी अक्षम्य अपराध से कम नहीं है, और यहाँ तो उनके मुकदमे के ऊपर ही पूरी फिल्म बनाई गई है।
हाल ही में पीएम मोदी के लिए अपशब्द का प्रयोग करने पर विवादों के घेरे में आए कांग्रेसी नेता नाना पटोले ने अपने बयान में कहा कि ये अस्वीकार्य है कि महात्मा गांधी के हत्यारे को एक नायक की भांति दिखाया गया है। पटोले के अनुसार, “देश गांधी और उनकी अहिंसा के विचारधारा से जाना जाता है। कांग्रेस इस फिल्म के रिलीज का विरोध करेगी और मुख्यमंत्री से इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेगी।”
लेकिन नाना पटोले अकेले नहीं थे। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स असोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए अनुरोध किया कि फिल्म “Why I Killed Gandhi” पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि यह एक ‘गद्दार को महिमामंडित’ करती है, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की है।
मजे की बात तो यह है कि Why I Killed Gandhi फिल्म के प्रमुख अभिनेता हैं अमोल कोल्हे, जो सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी के प्रमुख दल एनसीपी यानि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सांसद है। अमोल मराठी संस्करण में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका को निभाने के लिए काफी चर्चा में रहे हैं और हाल ही में कुछ समय पूर्व वीर संभाजी की भूमिका को भी निभा चुके हैं। लेकिन उन्ही की फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग कर कांग्रेस ने एक बार फिर ये सिद्ध किया है कि वह अपने विचारधारा के विरुद्ध एक शब्द नहीं सुन सकती।
लेकिन अमोल कोल्हे भी दस कदम आगे निकले। उन्होंने अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए बोला, “एक कलाकार के रूप में मुझे चुनौतियाँ काफी पसंद हैं। मैंने इसी उद्देश्य से एक कलाकार के रूप में नाथूराम गोडसे नामक चुनौती को चुना। इसमें मैंने क्या गलत किया?” उनका समर्थन करते हुए प्रख्यात अभिनेता नाना पाटेकर ने अपना अनुभव साझा किया, जब एक ब्रिटिश सीरीज़ के लिए उन्होंने इस भूमिका को आत्मसात किया। नाना पाटेकर के अनुसार, “एक किरदार के विचारों को समर्थन देना पर वाद विवाद अलग बात है, परंतु उसे निभाना तो हमारे लिए जीवनयापन का प्रश्न है। यदि [अमोल कोल्हे] ऐसा किया तो क्या गलत किया?”
अब एक OTT फिल्म पर कांग्रेस की ऐसी हालत हो चुकी है, अब सोचिए जब महेश मांजरेकर वास्तव में नाथूराम गोडसे पर अपनी फिल्म ‘गोडसे’ लेकर जनता के समक्ष आएंगे, तो क्या बवाल होगा? नाथूराम गोडसे ने गांधी को मारकर सही किया या नहीं ये लंबी चर्चा का विषय है, परंतु उनके उल्लेख को भी अपराध से कम न मानना लोकतंत्र का नहीं, तानाशाही का प्रतिबिंब है।