वर्ष 2014 में प्रचंड जीत के बाद जब से मोदी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से भारत की विदेश नीति एक नए स्तर पर पहुंच चुकी है। न सिर्फ भारत की स्थिति मजबूत हुई है बल्कि भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करने वालों को भी धराशाई कर दिया गया है। इस विदेश नीति की सबसे अहम बात यह है कि मध्य एशिया और मिडिल ईस्ट में भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। इसी का नमूना हमें तब देखने को मिला जब UAE ने पाकिस्तान के मंसूबे पर पानी फेरते हुए जम्मू-कश्मीर में एक विशाल शॉपिंग मॉल बनाने की घोषणा की।
पिछले कुछ वर्षों में UAE भारत के सबसे मजबूत सहयोगी के रूप में उभरा है। UAE और जम्मू-कश्मीर की सरकारों के बीच और अधिक परियोजनाओं को स्थापित करने और लोगों की सुविधा हेतु निवेश करने के लिए हस्ताक्षरित एक समझौते के अनुसार, Emaar group श्रीनगर में एक शॉपिंग मॉल बनाने जा रहा है। यह किसी से छुपा नहीं है कि पाकिस्तान का कश्मीर पर कब्जा करने का मकसद वहां कई परियोजनाओं को शुरू करना है। अब UAE ने पाकिस्तान को झटका देते हुए भारत सरकार के साथ समझौता कर जम्मू-कश्मीर में निवेश पर ध्यान दिया है, जिससे वहां विकास हो सके।
UAE बनेगा जम्मू-कश्मीर के विकास में सहयोगी
एक रिपोर्ट के अनुसार Emaar Group के अंतर्गत ‘मॉल ऑफ श्रीनगर’ का आकार लगभग 5,00,000 वर्ग फुट होगा। Emaar Group के संस्थापक मोहम्मद अलब्बार ने बताया कि “हम जम्मू-कश्मीर के निवासियों और पर्यटकों की आमद के लिए एक विश्व स्तरीय मॉल का अनुभव देना चाहते हैं। Emaar Group रियल एस्टेट, आतिथ्य और अन्य निवेशों पर भी विचार कर रहा है। जम्मू और श्रीनगर में मिश्रित उपयोग वाली वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाएं।”
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भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत डॉ अहमद अब्दुल रहमान अल्बन्ना ने कहा, “UAE और भारत व्यापक रणनीतिक साझेदार हैं और Emaar Group की यह परियोजना जम्मू-कश्मीर का एक मील का पत्थर होगी। मैं इस परियोजना के लिए Emaar Group और सभी भागीदारों को बधाई देना चाहता हूं और मुझे यकीन है कि हम निकट भविष्य में ऐसी कई परियोजनाएं देखेंगे। UAE और भारत की आर्थिक साझेदारी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और हम अन्य UAE निवेशकों को भी इस अवसर को देखने के लिए आमंत्रित करेंगे।”
दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. अमन पुरी ने भी कहा, “UAE सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार तेजी से निवेश पर नज़र रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और यह परियोजना दोनों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने की दृष्टि से गहराई से जुड़ी हुई है। देश। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने एक बहुत ही आकर्षक निवेश परिदृश्य बनाया है, और यह एफडीआई परियोजना संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच घनिष्ठ भाईचारे के संबंधों का प्रतिबिंब है। हम निकट भविष्य में कई परियोजनाओं की घोषणा और इस प्रक्रिया में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद कर रहे हैं।”
UAE ने पाकिस्तान को किया किनारे
बता दें कि UAE ने जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने के लिए भारत के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें औद्योगिक पार्क, एक मेडिकल कॉलेज, एक विशेष अस्पताल, लॉजिस्टिक्स केंद्र, IT और बहुउद्देश्यीय टावर शामिल हैं। इस समझौते के साथ, UAE जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद इस क्षेत्र में निवेश करने वाला पहला विदेशी सहयोगी बन गया है।
लिहाजा, जम्मू-कश्मीर में UAE के बुनियादी ढांचे को भारत की जीत के रूप में देखा जा सकता है। वहीं, जब अन्य देशों के साथ राजनयिक शर्तों की बात आती है तब OIC के साथी सदस्य, यानी पाकिस्तान को भारत के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए किनारे कर दिया जाता है। वहीं, पाकिस्तान अपने मुस्लिम साथियों के समर्थन पर भारत से कश्मीर पर कब्जे के सपने देखता था। अब उसके ही साथी देश भारत से दोस्ती बढ़ाने के लिए उसे किनारे कर रहे हैं।