विपक्षियों का डर स्वाभाविक है लेकिन ये राकेश टिकैत राम मंदिर से क्यों डर रहे हैं?

बहरूपिए टिकैत की झल्लाहट देख रहा देश!

राकेश टिकैत टीवी

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टीवी डिबेट – राकेश टिकैत और हार्दिक पटेल में क्या समानता है? दोनों के दोनों भाजपा विरोधी हैं, इन दोनों को भाजपा और मोदी सरकार की परेशानियां बढ़ाने के लिए विपक्षी पार्टियों द्वारा तैयार किया गया था। लेकिन विपक्षियों के इस कारनामें का असर क्या हुआ, यह बताने की जरुरत नहीं है। जैसे हार्दिक पटेल ने अपनी गुंडई के बल पर भाजपा के लिए गुजरात में जीत सुनिश्चित की, अब स्पॉन्सर्ड किसान आंदोलन के कथित किसान नेता राकेश टिकैत अपनी झल्लाहट से उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत सुनिश्चित कर रहे हैं। भाजपा और मोदी सरकार की बुराई करते-करते उनका स्तर इतना नीचे गिर गया है कि अब वो हिंदुओं के आराध्य भगवान श्री राम पर भी सवाल उठाने से नहीं चूक रहे हैं।

दरअसल, Uttar Pradesh में आने वाले कुछ ही सप्ताह में चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां जोर शोर से अपनी तैयारियों में लगी हुई है, आरोप प्रत्यारोप के दौर शुरु हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। चुनावी मुद्दे पर टीवी डिबेट में भी इसकी गर्मी देखने को मिल रही है। डिबेट में राजनीतिक पार्टियों के नेता तो आपस में भीड़ ही रहे हैं, लेकिन राजनीति से प्रेरित किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत भी सरकार के प्रति अपनी कुंठा व्यक्त करते हुए दिख रहे हैं।

हाल ही में ऐसा नोकझोक वाला टीवी डिबेट बीते शनिवार को देखने को मिला, जहां राकेश टिकैत ने सारी मर्यादाएं लांघते हुए एक निजी टीवी शो में अपना उग्र रूप दिखाया। वो अपने अहंकारी और तेज आवाज में चिल्लाते हुए नजर आए। यही नहीं, उन्होंने चैनल वालों को धमकाया और दुर्व्यवहार करने लगे। जिस पर बिफरे एंकर ने टिकैत को लताड़ लगाते हुए उन्हें उनकी गरिमा की याद दिलाई।

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टिकैत को प्रभु श्रीराम और अयोध्या से परेशानी!

ध्यान देने वाली बात है कि राकेश टिकैत को अतिथि के रूप में आमंत्रित करना इंडिया टीवी को भारी पड़ गया। चुनावी चर्चा रूक गई और मामला हंगामा तक पहुंच गया। इंडिया टीवी के एंकर ने किसानों के मुद्दे पर बहस करते हुए सवाल पूछा कि किसान का मुख्यमंत्री कौन है। इस सवाल का जवाब देने में आनाकानी करने वाले टिकैत कुछ ही देर में शो के मंच पर जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगे। वो विषय के बजाय प्रोग्राम में लगी तस्वीर के बारे में बात करने लगे। दरअसल, मंच पर मंदिर-मस्जिद सहित प्रतीकों को चित्रित किया गया था।

आपको बता दें कि यह डिबेट लखनऊ में इंडिया टीवी द्वारा संचालित किया गया था, जहां ‘चुनाव मंच’ नाम के प्रोग्राम में मंदिरों और मस्जिदों की तस्वीरों पर राकेश टिकैत ने हंगामा शुरू कर दिया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए, टिकैत अचानक विषय से भटक गए और मंच की पृष्ठभूमि की ओर इशारा करते हुए  एंकर से पूछा, ‘आप किसका प्रचार कर रहे हो?’

वहीं, एंकर ने पश्चिमी यूपी के किसानों के मुद्दे पर चर्चा करते हुए टिकैत से पूछा कि कैसे वे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं? एंकर के मुंह सवाल छूटने की देर थी, टिकैत भड़क उठे। उन्होंने अचानक आरोप लगाया कि कैमरा और पेन पर बंदूक का पहरा है। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, “आपने यहां मंदिरों और मस्जिदों की तस्वीरें क्यों लगाई हैं? आप अस्पताल क्यों नहीं दिखा सके?”

टिकैत के सवाल का इंडिया टीवी के होस्ट और वरिष्ठ पत्रकार सौरव शर्मा ने जवाब देते हुए कहा, “कृपया हमारे मंच का दुरुपयोग न करें और अपनी स्वतंत्र इच्छा का दुरुपयोग न करें।” उन्होंने कहा, “टिकैत जी, मंदिरों और मस्जिदों के मुद्दों पर राजनीतिक दलों द्वारा चर्चा की जाती है। आप एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि एक किसान नेता हैं। यह आप ही थे, जिन्होंने किसानों की समस्याओं पर चर्चा के दौरान मुद्दों को उठाया था।” सौरव शर्मा का जवाब सुनते ही टिकैत की बोलती बंद हो गयी और उन्होंने कहा, “तुम सुनने को तैयार नहीं हो।” सौरव शर्मा ने फिर जवाब दिया, “आप मुद्दों को मोड़कर कहीं और ले जाना चाहते हैं। यह मंच मौजूदा किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है।”

टिकैत की कुंठा

यूपी में भाजपा के प्रचार के बारे में बात करते हुए टिकैत ने कहा, ‘भाजपा का हिंदू-मुसलमान और जिन्ना बयानबाजी का पुराना मॉडल उत्तर प्रदेश में नहीं चलेगा। लोग नया मॉडल चाहते हैं, वो है विकास मॉडल, अस्पताल और स्कूल..’। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार MSP के वादों को पूरा करने में विफल रही है। टीवी चैनल पर राजनीतिक दलों के नेताओं की भांति उग्र हुए राकेश टिकैत को देखकर एंकर ने कहा, ‘मैंने आपको किसानों के मुद्दे पर बात करने के लिए बुलाया था और आप चिल्ला रहे हैं। यह बात करने का तरीका क्या है? मैं भी वेस्टर्न यूपी से हूं टिकैत साहब।’ आपको बता दें कि टिकैत और ऐंकर के बीच हुए इस बहस की वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। बहुत सारे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया के साथ वीडियो शेयर किया है। कई लोगों ने राकेश टिकैत के मीडिया पर इस तरह आपा खोने को उनका ‘नैसर्गिक गुस्‍सा’ करार दिया है।

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बहरूपिए साबित हुए हैं टिकैत!

गौरतलब है कि मुंह में राम बगल में छुरी का सबसे सटीक उदाहरण बनने वाले राकेश टिकैत के कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि टिकैत का अगला मिशन राजनीति में सक्रिय होना है, भले ही वो इसके लिए सटीक वक्त का इंतजार कर रहे हों, किन्तु देश की जनता टिकैत की चाल से भलि-भांति परिचित है। टिकैत को विवाद और नाटकीयता का शौक है। पिछले 6 महीनों में कई मौकों पर उन्होंने मगरमच्छ के आंसू बहाए हैं, यहां तक कि आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी, ताकि कुछ भोले-भाले किसानों को अपनी जेब में रखा जा सके और उनका मन भ्रमित कर सके।

टिकैत वो बहरूपिए साबित हुए हैं, वो पहले कृषि कानून को खत्म करने की सिफारिश कर रहे थे और जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून निरस्त कर दिया, फिर भी टिकैत आम जनमानस में झूठ और उन्माद फ़ैलाने की कोशिश कर रहे है। इस डिबेट में टिकैत का यह रूप भी उजागर हो गया है कि टिकैत हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्री राम का नाम नहीं लेते, पर अपने झूठे कृषि सभाओं में Allahu Akbar के नारे लगाते देखे जाते हैं।

इससे यह साफ़ पता चलता है कि टिकैत को राम का नाम और राम मंदिर बनाने पर परेशानी है। टिकैत यह भूल जाते हैं कि जिस समुदाय और जिस क्षेत्र से वह आते हैं, वहां लोग भगवान राम के नाम का जाप करते हैं। पर टिकैत जैसे ढोंगी और बहरूपिये से हम क्या हीं उम्मीद कर सकते हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभी 403 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं, जिसके नतीजे 10 मार्च 2022 को घोषित किए जाएंगे।

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