बप्पी लाहिरी के वो 5 गाने जो साबित करते हैं कि वह अपने समय से आगे थे

इन्तहा हो गई इंतजार की....

लता मंगेशकर के निधन के दुखद समाचार से देश उबर भी नहीं पाया था कि महान संगीतकार और गायक बप्पी लाहिरी के निधन की खबर ने देश को झकझोर कर रख दिया। 1980 और 1990 के दशक में एक तरह से भारत में डिस्को संगीत की स्थापना करने वाले बप्पी लाहिरी ने आज मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली। बप्पी लाहिरी अपनी कला के सच्चे पारखी थे। उनका संगीत अद्वितीय था। दिवंगत संगीतकार बप्पी दा को हर वर्ग के लोग भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। जैसी कि आशा भी थी, लोग हिंदी और बंगाली संगीत में उनके अमूल्य योगदान के बारे में बात कर रहे हैं।

लोग बप्पी लाहिरी के ‘आधुनिक’ संगीत के बारे में बात कर रहे हैं, इस बारे में बात कर रहे है कि उन्होंने भारत को सिंथेसाइज़र से परिचित कराया। वे “आउव्वा आउव्वा” और “तम्मा तम्मा” जैसे चार्टबस्टर्स के बारे में बातें कर रहे हैं। लेकिन बहुत कम लोग इस बात के बारे में बात करेंगे कि बप्पी लाहिरी भावनाओं के पुजारी थे और उनका यही गुण उनके संगीत में भी झलकता था।

उन्होंने अंतरण, गति और पार्शव संगीत  के उत्कृष्ट उपयोग के माध्यम से अपने गीतों में भावनाओं को व्यक्त किया– वो एक ऐसी कला थी जिसे न उनसे पहले कोई अन्य संगीतकार दिखा पाया था और न उनके बाद कोई इसे दोहरा सकता है। यही शैली बप्पी दा को अपने समय से आगे का व्यक्ति बनाती है, मानों वे किसी और भविष्यकालीन युग से केवल हमें संगीत देने को आए थे।

यहाँ पाँच उदाहरण हैं जो बप्पी लाहिरी की अलौकिक संगीत प्रतिभा को स्पष्ट करते हैं:

1. याद आ रहा है, तेरा प्यार (फिल्म: डिस्को डांसर)

डिस्को डांसर को एक ऐसी फिल्म के रूप में याद किया जाता है जिसने भारत में डिस्को संस्कृति की शुरुआत की। लेकिन फिल्म के मूल में भावनात्मक रूप से टूटा हुआ नायक है, जो एक सड़क के कलाकार के रूप में अपनी यात्रा शुरू करता है और राह में सब कुछ खोते हुए बड़े मंच तक आता है।
बप्पी लहरी का “याद आ रहा है” ही इस फिल्म का सार है। ये गीत डिस्को शैली में एक शोकग्रस्त कलाकार के शोक की संगीतमय अभिव्यक्ति है।

Yaad Aa Raha Hai Tera Pyar | Mithun Chakraborty | Disco Dancer | Bollywood Hit Songs | Bappi Lahiri

 

2. दिल में हो तुम (फिल्म: सत्यमेव जयते)

जब मैंने पहली बार “दिल मैं हो तुम” गाना सुना तो मुझे लगा, बप्पी लाहिरी यहाँ थोड़े स्वार्थी थे। उन्होंने अपने लिए फिल्म का सर्वश्रेष्ठ गीत चुना। फिर मैंने अपने मस्तिष्क में किशोर कुमार, मोहम्मद अजीज और उस दौर के अन्य गायकों के साथ उनकी आवाज को बदलने की कोशिश की, लेकिन गाने पर बप्पी की छाप बहुत सशक्त थी। वह सर्वश्रेष्ठ गायक तो नहीं थे, लेकिन उन्हें पता था कि उन्हें कौन से गाने गाने हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=L-35LRbDv84

 

3. प्यार कभी कम नहीं करना (प्रेम प्रतिज्ञा)

“तुझे देखा तो ये जाना सनम”, गीत के प्रेम की अभिव्यक्ति बनने से पहले ही युवा प्रेमियों के पास “प्यार कभी कम नहीं करना” आ गया था। इसे अब तक के शीर्ष 5 रोमांटिक गीतों में से एक माना जाना चाहिए। साथ ही, गाने के वीडियो में भ्रांत से दिख रहे मिथुन और जीवंत दिख रही माधुरी इस गीत को एक कालातीत क्लासिक बनाते हैं। Win Amp के दिनों से ही यह गाना हिंदी गानों की प्लेलिस्टों का हिस्सा रहा है।

 

4. इन्तहा हो गई इंतजार की (शराबी)

अगर कोई एक गीत है जो वास्तव में अपने समय से आगे था, एक तरह से यह अभी भी आगे ही है, तो वो है – “इन्तहा हो गया इंतजार की।” गीत में एक शराबी नायक अपनी प्रियतमा की प्रतीक्षा कर रहा है और इस लंबी प्रतीक्षा के बारे में शिकायत भी कर रहा है। गाना धीमा है, अत्यंत धीमा है लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक तेज है, लेकिन तब भी दोनों का पूरी तरह से एक दूसरे के साथ तालमेल बैठ रहा है। और जब प्रेमिका आती है (लो मैं आ गई) तो संगीत अचानक अपने चरम पर पहुंच जाता है। यह क्रमिक नहीं है, गीत सीधे एक छलांग मारता और अपने शिखर पर पहुँच जाता है । और क्या अंतरण है! बप्पी दा की संगीतमय पराकाष्ठा का यही तो शिखर है।

5. मुझे नौलखा मंगा दे रे (शराबी)

बप्पी लाहिरी के इस गाने के बॉलीवुड क्लासिक में बदलने से बहुत पहले “मुझे नौलखामंगावा दे रे” एक लोक गीत हुआ करता था। गीत में स्त्री पुरुष से एक महंगा हार देने के लिए कह रही है। स्त्री पुरुष से इसके बलदे में बहुत कुछ वादे भी करती है। तब स्त्री उस पुरुष से कहती है कि वह उसके लिए एक हजार मैखाने अर्थात मधुशालाएँ खोल देगी। यहाँ पुरुष के मन को चोट -सी लगती है और वह गीत में अपने भाग को गाना प्रारम्भ कर देता है। वो क़हता है “लोग कहते हैं मैं शराबी हूं” । इसके माध्यम से पुरुष यह कहा रहा है कि वो शराबी हो सकता है, लेकिन कौन शराबी नहीं है? संगीत का मूड, कुछ ही सेकंड में उत्सव वाले मूड से कुछ-कुछ उदासी में परिवर्तित हो जाता है और थोड़ा-थोड़ा दार्शनिक भी, और पुनः दिखता है बप्पी दा का मास्टर क्लास लेवल।

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https://www.youtube.com/watch?v=djIHoSO1SHY

 

बप्पी लाहिरी का जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति हैं। माँ सरस्वती उन्हें अपने लोक में स्थान दें। TFI की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। ॐ शांति।

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