भारत सरकार देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 54 चीनी APP पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय ले चुकी है।केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि उसे आईटी अधिनियम की धारा 69 (ए) में आपातकालीन प्रावधान के तहत 54 ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) से अनुरोध प्राप्त हुआ था। इसी कड़ी में चीन ने गुरुवार को सुरक्षा और गोपनीयता की चिंताओं को लेकर प्रतिबंधित किये गये 54 और चीनी मोबाइल ऐप के भारत के नवीनतम निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि इस कदम से चीन की कंपनियों के वैध हितों को नुकसान पहुंचा है। आपको बताते चलें कि भारत ने सोमवार को चीनी लिंक वाले 54 और ऐप्स को ब्लॉक कर दिया है, जिनमें Tencent Xriver, Nice Video Baidu, Viva Video Editor और गेमिंग ऐप Garena Free Fire Illuminate शामिल हैं।
चीनी ऐप्स कथित तौर पर यूजर्स से विभिन्न महत्वपूर्ण अनुमतियां प्राप्त करते हैं और संवेदनशील उपयोगकर्ता डेटा एकत्र करते हैं। भारत सरकार ने पाया कि एकत्र किए गए रीयल-टाइम डेटा का दुरुपयोग किया जा रहा है और एक शत्रुतापूर्ण देश में स्थित सर्वरों को प्रेषित किया जा रहा है। इन्हीं सुरक्षा सम्बन्धी समस्याओं को देखते हुए आईटी मंत्रालय ने 54 ऐप्स को अवरुद्ध करने के लिए अंतरिम निर्देश जारी किए हैं।
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जल भुन गया है चीन-
नई दिल्ली के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भारत से अपने कारोबारी माहौल में सुधार करने और चीनी कंपनियों सहित सभी विदेशी निवेशकों के साथ निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आग्रह किया है।
वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि संबंधित भारतीय अधिकारियों ने भारत में चीनी कंपनियों और उनके उत्पादों को दबाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिन्होंने उनके वैध अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। आधिकारिक मीडिया ने गाओ के हवाले से कहा, “चीन ने इसे लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
गाओ ने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए अविभाज्य पड़ोसी और महत्वपूर्ण आर्थिक और व्यापार भागीदार हैं। 2021 में, चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 125.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जिसमें साल-दर-साल के हिसाब से 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग में मजबूत लचीलापन और काफी संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि भारतीय पक्ष द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग की विकास गति को बनाए रखने और दोनों देशों को लाभान्वित करने के लिए ठोस उपाय कर सकता है।
सोमवार को की गई कार्रवाई, 2020 में चीनी ऐप्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर स्वीप के बाद इस तरह का पहला कदम है।आपको बता दें कि जून 2020 में, सरकार ने लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउज़र सहित चीनी लिंक वाले 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध इसलिए लगाये गये थे क्यूंकि वह देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए प्रतिकूल थे।
उस समय प्रतिबंध पूर्वी लद्दाख में भारत के खिलाफ चीनी आक्रमण के बाद लगाया गया था। इसके बाद सरकार ने 47 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो पहले से ब्लॉक किए गए ऐप्स के क्लोन और वेरिएंट थे। उसी वर्ष सितंबर में सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप PUBG सहित 118 और मोबाइल एप्लिकेशन को अवरुद्ध कर दिया था और उन्हें राष्ट्र की संप्रभुता, अखंडता और रक्षा के लिए खतरा करार दिया था।
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हुवेई के कार्यालयों पर पड़ी है IT रेड-
चीनी एप्स पर कार्रवाई के बाद मुसीबतें यहीं नहीं रुकी, मंगलवार को हुवेई कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा) और बेंगलुरु में कंपनी के परिसरों पर छापे मारे गए। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के तहत देश में चीनी दूरसंचार कंपनी हुआवेई के कई परिसरों की तलाशी ली है।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय व्यवसायों और विदेशी लेनदेन के खिलाफ कर चोरी की जांच के हिस्से के रूप में वित्तीय दस्तावेजों, खाता बही और कंपनी के रिकॉर्ड को देखा।
चीनी कम्पनियां अगर यह सोच रही है कि यह चीन है जहाँ दस्तावेजों के साथ खिलवाड़ होता है तो वह गलत सोच रही है। भारत सरकार का यह कदम उन्हें यह सन्देश देने के लिए काफी है।