Dear Bitcoin निवेशक, आप अपना सबकुछ बेच दें और गलती से भी कभी इसमें निवेश न करें

भारत में कभी भी वैध नहीं होगी निजी क्रिप्टोकरेंसी!

बिटकॉइन

Source- TFIPOST

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह की बातें कहीं गई थी। इस डिजिटल मुद्रा को बहुत से लोगों ने अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए डॉलर का विकल्प मान लिया था। यह माना जा रहा था कि क्रिप्टोकरेंसी वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में डॉलर का विकल्प बनेगी, किंतु अब दिन प्रतिदिन क्रिप्टोकरेंसी की हवा टाइट होती जा रही है। इस प्टेलफॉर्म पर होने वाले फ्रॉड इसके पतन की पटकथा लिख रहे हैं, स्थिति तो ऐसी हो गई है कि लोग इसमें निवेश करने से भी कतरा रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी जब से मार्केट में आया है इसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। दुनिया बिटकॉइन जैसे कई क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने के लिए उत्साहित दिखाई दे रही है।

हालांकि, मीडिया केवल क्रिप्टोकरेंसी में अपना अव्वल स्थान बना चुके बिटकॉइन के सकारात्मक पक्ष को दिखाने में व्यस्त है, जबकि इसका एक नकारात्मक पक्ष भी है। जब आप पैसे को ट्रैक नहीं कर सकते, तो लोग अवैध लेनदेन के लिए इसका फायदा उठाना शुरू कर देते हैं। क्रिप्टोकरेंसी में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सामने आ रही चुनौतियां औऱ उससे होने वाले फ्रॉड के बाद भी क्रिप्टो की ओर लोगों के झुकाव को देखते हुए भारत सरकार ने अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का फैसला लिया है और साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए यह संकेत दे दिया है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत में कभी भी वैध नहीं होगी!

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कभी भी Legal Tender नहीं बनेंगी बिटकॉइन या इथेरियम

डिजिटल रुपया या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा देगा और भारत इस तरह से आधिकारिक तौर पर अपनी मुद्रा लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, “डिजिटल मुद्रा देश को एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली की ओर ले जाएगी।” इसलिए, भारत वास्तव में डिजिटल मुद्रा को अपनाने की ओर अग्रसर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर की घोषणा भी की है। आप को बता दें कि इस मामले में भारत सरकार ने कहा है कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी Legal Tender नहीं बनेंगी।

इसी मुद्दे को लेकर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी डिजिटल रुपया ही legal tender होगा। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा, “डिजिटल रुपया RBI द्वारा समर्थित होगा, जो कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन वो डिजिटल होगा। RBI द्वारा जारी डिजिटल रुपया legal tender होगा। हम गैर-डिजिटल संपत्ति के साथ डिजिटल संपत्ति जैसे वॉलेट का उपयोग करके कोई चीजें खरीदते हैं या यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “बाकी सभी गैर सरकारी क्रिप्टो legal tender नहीं हैं और कभी कानूनी निविदा नहीं बनेंगे।” भारत में बिटकॉइन की कीमत 30.84  लाख रूपए, जबकि एथेरियम की कीमत 2.23 लाख रुपये है।

वित्त सचिव ने आगे कहा कि क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है, जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।

बिटकॉइन और इथेरियम की तरह नहीं होगा CBDC

सोमनाथन ने आगे कहा कि विनियमन KYC विक्रेता के लाइसेंस की मांग कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा बाद में हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के साथ निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, हम यह भी देखेंगे कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है। डिजिटल रुपये के बारे में अधिक विस्तार से बताते हुए, सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया बिटकॉइन और इथेरियम की तरह नहीं होगा। उन्होंने कहा,“डिजिटल रुपये के माध्यम से, आप अपना लेन-देन करते हैं जैसे आप वर्तमान में अपने डिजिटल वॉलेट जैसे पेटीएम, यूपीआई के माध्यम से कर रहे हैं। डिजिटल रुपया एक legal tender है और नकद भुगतान के समान है।”

वित्त सचिव ने डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण पर 30 प्रतिशत कर की दर के बारे में भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कृषि को छोड़कर किसी भी अन्य आय पर सरकार की नीति के अनुसार कर लगता है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में हमारे पास क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्टता नहीं है, चाहे वह व्यावसायिक आय हो, पूंजीगत लाभ हो या यह एक सट्टा आय हो। कुछ लोग अपनी क्रिप्टो संपत्ति घोषित करते हैं, कुछ नहीं करते हैं। अब 1 अप्रैल, 2022 से, प्रति माह 30 की एक समान दर डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर शत-प्रतिशत कर लागू होगा।”

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आपको बता दें कि अगले वित्त वर्ष में आरबीआई समर्थित डिजिटल मुद्रा का प्रचलन शुरू हो जाएगा। बजट में एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की Virtual मुद्राओं के भुगतान और प्राप्तकर्ता के हाथों ऐसे उपहारों के Taxation पर 1 प्रतिशत TDS का भी प्रस्ताव है। विशिष्ट व्यक्तियों के लिए TDS की सीमा 50,000 रुपये प्रति वर्ष होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं, जिन्हें आई-टी अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है। 1 प्रतिशत टीडीएस से संबंधित प्रावधान 1 जुलाई, 2022 से लागू होंगे, जबकि लाभ पर 1 अप्रैल से प्रभावी कर लगाया जाएगा। ऐसी संपत्तियों में लेनदेन से आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, virtual डिजिटल परिसंपत्तियों के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।

भारत में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 10.7 करोड़ के करीब

गौरतलब है कि भारत समेत दुनियाभर में क्रिप्टो का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेश भारत में मौजूद हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 10.7 करोड़ हो चुकी है और 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों द्वारा निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।

ध्यान देने वाली बात है कि क्रिप्टो के लिए वर्ष 2022 अब तक उचित प्रतीत नहीं हुआ है, क्योंकि क्रिप्टो में गिरावट के ट्रेंड को जारी रखते हुए बिटकॉइन की कीमत बीते शनिवार को 9.4% की गिरावट के साथ 36,436.88 डॉलर हो गई है। वहीं, इस साल की शुरुआत से ही इसमें 14 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। यह फैसला निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रस्तावित प्रतिबंध से RBI समर्थित क्रिप्टो को बढ़ावा देने के लिए भी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सरकार केवल सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म और एक्सचेंजों के माध्यम से क्रिप्टो एक्सचेंज की अनुमति दे सकती है।

अगर देखा जाये तो क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरह से विश्वसनीय नहीं है। नकारात्मक पक्ष सीधे तौर पर किसी भी देश की आंतरिक सुरक्षा को निशाना बनाते हैं। क्रिप्टोकरेंसी की चलन बढने से न सिर्फ देश में आतंकी गतिविधियों के बढने का डर रहेगा, बल्कि हर प्रकार के वित्तीय अपराधों को बढ़ावा मिलेगा और इसलिए इसपर लगाम लगाना आवश्यक था। अब सरकार ने इस पर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट करते हुए संकेत दे दिया है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत में कभी भी वैध नहीं होगी।

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