कनाडा की नागरिकता छोड़ भारतीय बनना चाहते हैं कनाडा के ये प्रसिद्ध लेखक

पीएम मोदी से कही अपने मन की बात!

PM modi and Gad Sadd

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भारत के बारे में कई लोगों की राय यह होती है कि यह खराब गड्ढेदार सड़कों, थका देने वाला ट्रैफिक, दूषित हवा और बार-बार बिजली गुल होने वाला देश है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि विदेशियों को भारत काफी पसंद है। एक बार अगर कोई विदेशी भारत आ जाए, तो वो हमेशा भारत में शान से जिंदगी जीने का सपना सजाने लगता है। यहां आजादी है, स्वतंत्रता है, जीवन जीने की छूट है। कुछ विदेशियों को तो भारत इतना पसंद है कि उन्होंने अपने बच्चों के नाम इंडिया पर रख दिए हैं। विदेशियों को भारत के लोगों का व्यवहार सबसे ज्यादा पसंद आता है। यहां के सांस्कृतिक विरासत में वो खो से जाते हैं। इसी बीच एक कनाडाई लेखक Gad Sadd ने भारत में बसने की इच्छा जताई है और इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में बसने को लेकर अपने मन की बात कही है।

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साद ने पीएम मोदी से किया अनुरोध

कनाडाई लेखक Gad Sadd  ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 15 फरवरी को ट्वीट करते हुए कहा, “प्रिय नरेंद्र मोदी, हम तानाशाही से बचने के लिए कनाडा छोड़ना चाह रहे हैं। क्या भारत में हमारे लिए कोई जगह है?” साद ने पीएम मोदी के एक ट्वीट का जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने संत रविदास को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि दी थी। दरअसल, यह ट्वीट कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा देश में कोविड के प्रतिबंधों के खिलाफ चल रहे ट्रक ड्राइवरों के विरोध को रोकने के लिए लगाए जाने वाले आपातकाल के बाद सामने आया है।

पीएम मोदी को किए ट्वीट से पहले कनाडाई लेखक ने संयुक्त राज्य अमेरिका को भी ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रिय संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा में एक नया जीवन शुरू करने के लिए मुझे एक बार लेबनान से भागना पड़ा था। अब मुझे संयुक्त राज्य अमेरिका में एक नया जीवन शुरू करने के लिए कनाडा से भागना होगा। क्या आप मुझे अमेरिका में पनाह देंगे? यदि आप चाहें तो हम दक्षिणी सीमा से अवैध रूप से आ सकते हैं। कृपया सलाह दें।’

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कनाडा में ट्रूडो ने लगा दिया है आपातकाल

एक अन्य ट्वीट में फ्लोरिडा के गवर्नर रोनाल्ड डियोन डीसेंटिस को टैग करते हुए लेखक ने कहा, कनाडा के पीएम नहीं चाहते कि कनाडा में उनके जैसे लोग हों। उन्होंने लिखा, प्रिय रोनाल्ड डियोन डीसेंटिस, हम अगले सप्ताह फ्लोरिडा में उसी कार्यक्रम में शामिल होंगे। शायद आप व्यक्तिगत रूप से मुझे डॉ. साद और उनके परिवार के लिए ग्रीन कार्ड सौंप सकते हैं।गौरतलब है कि 14 फरवरी को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में चल रहे ट्रक ड्राइवरों के विरोध को रोकने के लिए आपात स्थिति अधिनियम लागू किया था। 50 वर्षों में पहली बार लागू किया गया यह अधिनियम ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार को चल रहे ट्रक ड्राइवरों की नाकाबंदी और कोविड-19 महामारी प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध को रोकने के लिए अतिरिक्त अधिकार देगा। ट्रूडो सरकार के इस फैसले के बाद से ही कनाडा में बवाल मचा हुआ है।

पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर भेजा था पत्र

आपको बता दें कि लेखक और व्यवहार वैज्ञानिक Gad Sadd दुनिया भर के कई उल्लेखनीय व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर व्यक्तिगत शुभकामनाएं दी थी। पीएम मोदी का पत्र स्वीकारते हुए साद ने ट्विटर पर लिखा था कि “मुझे अभी-अभी दुनिया के अग्रणी लोकतंत्रों में से एक के प्रधानमंत्री के एक बहुत ही उच्च प्रतिनिधि से एक आधिकारिक पत्र मिला है। मैं कोई अतिरिक्त जानकारी साझा करने के लिए स्वतंत्र नहीं हूं, लेकिन यह वास्तव में अविश्वसनीय है।”

ज्ञात हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कई विदेशी हस्तियों को शुभकामना पत्र भेजा था, जिनमें केविन पीटरसन, जॉन्टी रोड्स और क्रिस गेल जैसे चर्चित क्रिकेटर, गड़ साद जैसे विचारक, एशले रिंडसबर्ग जैसे प्रख्यात लेखक, क्रिज़टॉफ इवानेक जैसे शोधकर्ता, केन जकरमैन एवं एलन रोसलिंग जैसे संगीतज्ञों एवं उद्यमी इत्यादि शामिल थे, जिनका भारत से काफी गहरा जुड़ाव रहा है और उन्होंने भारत के बारे में कुछ न कुछ सकारात्मक ही कवर किया है। गौरतलब है कि कनाडा स्थित लेखक अपनी पुस्तक द पैरासिटिक माइंड’ के लिए जाने जाते हैं और अब उन्होंने भारत में बसने को लेकर अपनी बात पीएम मोदी के सामने रखी है।

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