2022 आम बजट – धन जीवन का महत्वपूर्ण भाग है यह आपको सम्मान दिलाता है और आपको आपदाओं से जूझने में सार्मथ्य प्रदान करता है! आज हम इसी धन के सार्मथ्य की राष्ट्रीय सन्दर्भ में बात करेंगे, जिसे बजट कहते हैं। बजट शब्द पुराने फ्रांसीसी शब्द ‘बौगेट’ से आया है जिसका अर्थ है “छोटा चमड़े का पर्स।” वर्ष के आरंभ में आपने हमेशा से टीवी पर अपने देश के वित्तमंत्री को आम बजट पेश करने से पहले एक चमड़े के बैग के साथ देखा होगा।
यह दृश्य दरअसल ब्रिटिश वित्तमंत्री द्वारा लाल चमड़े के बैग के साथ 11 डाउनिंग स्ट्रीट पर खिचाई जानेवाली फोटो की पुनरावृति है और भारत का वह बजट बैग ब्रिटिश ‘Gladstone box’ की Duplicate Copy है। चमड़े के बैग में रखा देश का बजट ब्रिटिश परंपरा को परिलक्षित करता था। अतः वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका स्वदेशीकरण करते हुए प्रथम बार आम बजट बही-खाते के रूप में पेश किया और वर्ष 2022 में भारत निर्मित टैबलेट के रूप में।
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वित्त मंत्री ने पेश किया आम बजट 2022
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक किसी एक विशेष वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत वित्तीय ब्योरे को बजट कहते हैं। संविधान के मुताबिक सरकार को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में संसद में बजट पेश करना होता है। वित्त वर्ष की मौजूदा अवधि 1 अप्रैल से अगले साल के 31 मार्च तक होती है। सरल शब्दों में कहा जाए तो बजट अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार की वित्तीय योजना है। दरअसल, इसके जरिये सरकार अपने कमाई और खर्चे का निर्धारण करती है।
बजट बनाने की प्रक्रिया संसद में इसे पेश करने से छह महीने पहले शुरू हो जाती है। यह काफी-लंबी चौड़ी प्रक्रिया होती है। इसके तहत अलग-अलग प्रशासनिक निकायों से आंकड़े मंगाए जाते हैं। इसके साथ ही यह तय किया जाता है कि जनकल्याण योजनाओं के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी। इसी हिसाब से अलग-अलग मंत्रालयों को फंड मुहैया कराए जाते हैं। बजट बनाने में वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री के अलावा वित्त सचिव, राजस्व सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, व्यय सचिव और अलग-अलग क्षेत्र के एक्सपर्ट अहम भूमिका निभाते हैं। इस दौरान बजट के सिलसिले पर वित्त मंत्री से नॉर्थ ब्लॉक, जहां वित्त मंत्रालय स्थित है या उनके आवास पर विचार विमर्श होते रहता है। यह चौथी बार है जब भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को 11 बजे आम बजट पेश किया।
क्या है बजट की प्राथमिकताएं
आधारभूत संरचना हेतु बजट में भारत के CAPEX चक्र को फिर से प्रज्वलित करने और राजकोषीय कमी की रणनीति निर्धारित करने की योजना है। वित्त मंत्री ने कॉर्पोरेट आयकर को घटाकर 25% कर दिया और नई निर्माण फर्मों के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धी 15% कर की दर स्थापित की। भारत की शिक्षा प्रणाली में सुधार पर एक मजबूत ध्यान केंद्रित करने की भी संभावना है। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि यह बजट विकास को गति प्रदान करता रहेगा। यह अमृत काल (इस वर्ष) के लिए सीधे हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को लाभान्वित करेगा। आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए बड़ा सार्वजनिक निवेश प्रधानमंत्री गतिशक्ति द्वारा निर्देशित होगा और बहु-मोडल दृष्टिकोण के तालमेल से लाभान्वित होगा।
युवा वर्ग और उद्यमशीलता
इस समानांतर ट्रैक पर आगे बढ़ते हुए, उन्होंने चार प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री गतिशक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि, निवेश, अवसर, ऊर्जा संक्रमण, और जलवायु कार्रवाई निवेश इस बजट के आधार है। प्रधानमंत्री गतिशक्ति का विस्तार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह आर्थिक विकास और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है।
दृष्टिकोण इंजनों, सड़क, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, जन परिवहन, जलमार्ग, रसद व संरचना द्वारा संचालित है। ये सभी सात इंजन के रूप में कार्य करते हुए एक साथ अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे। ये इंजन एनर्जी ट्रांसमिशन, आईटी कम्युनिकेशन, बल्क वाटर एंड सीवरेज, और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की पूरक भूमिकाओं द्वारा समर्थित हैं। अंत में, यह दृष्टिकोण स्वच्छ ऊर्जा और सबका प्रयास द्वारा संचालित है जो सभी के लिए, विशेष रूप से युवाओं के लिए विशाल नौकरी और उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करता है।
रेलवे
रेलवे के क्षेत्र में वित्त मंत्री ने कहा कि स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति श्रृंखलाओं की मदद के लिए ‘एक स्टेशन-एक उत्पाद’ की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा। इसके अलावा, आत्मनिर्भर भारत के एक हिस्से के रूप में सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए विश्व स्तरीय स्वदेशी तकनीक कवच के तहत 2,000 किमी का नेटवर्क लाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्री सवारी अनुभव वाली कुल 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा और अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे।
शिक्षा
वित्तमंत्री ने कहा कि महामारी के कारण स्कूलों के बंद होने के कारण, विशेष रूप से ग्रामीण और अनुसूचित जाति, जनजाति और कमजोर वर्गों के बच्चों ने लगभग 2 साल की औपचारिक शिक्षा खो दी है। ये बच्चे ज्यादातर सरकारी स्कूल से हैं । अतः इन्हे पूरक शिक्षण प्रदान करने और शिक्षा वितरण के लिए एक लचीला तंत्र बनाने के लिए, वित्तमंत्री ने बताया कि पीएम ई-विद्या के ‘एक वर्ग-एक टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक विस्तारित किया जाएगा और इससे सभी राज्य शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे। विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसे विभिन्न भारतीय भाषाओं और ICT प्रारूपों में उपलब्ध कराया जाएगा।
कृषि
कृषि के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने बताया कि पहले चरण में गंगा नदी के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान देने के साथ पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों के छिड़काव और पोषक तत्वों के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तिलहन के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने की युक्तियुक्त एवं व्यापक योजना लागू की जाएगी। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। सरकार ने फसल के बाद मूल्यवर्धन, घरेलू खपत बढ़ाने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजरा उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा की।
बजट में सबके लिए कुछ ना कुछ है
वहीं, 2022 के आम बजट में निम्नलिखित बिन्दुओं पर भी ध्यान दिया गया है:
- जीवन बीमा निगम का सार्वजनिक निर्गम शीघ्र ही आएगा
- MSME क्षेत्र की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए गारंटीकृत कवर को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा
- दमनगंगा-पिंजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी को जोड़ने वाली 5 नदियों के लिए DPR के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है
- वित्त वर्ष 2022-23 में निजी कंपनियों द्वारा 5G दूरसंचार सेवाओं को शुरू करने के लिए 2022 में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी आयोजित की जाएगी
- 2030 तक 280 गीगावॉट स्थापित सौर क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा
- ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके 2022-23 से RBI द्वारा जारी किया जाएगा डिजिटल रुपया, इससे अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा
- 10 करोड़ रुपये तक की आय पर सरचार्ज की दर 12% से घटाकर 7% करने के साथ सहकारी समितियों को आयकर राहत
- टैक्सपेयर्स अब संबंधित असेसमेंट ईयर से 2 साल के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं
- वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय को टैक्स के दायरे में लाया गया है, अधिग्रहण की लागत को छोड़कर बिना किसी कटौती के 30% कर
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ऐसे में, कुल मिलाकर यह मध्यम वर्ग, छात्र, जवान, किसान और व्यापारियों के उत्थान को समाहित करने वाला सही मायनों में एक आम बजट है। 2022 का आम बजट ना सिर्फ भारत के डिजिटलीकरण का परिचायक है अपितु सही मायने में यह देश का शुद्ध समावेशी बजट भी है, जिसमें सबके लिए कुछ ना कुछ है।