TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

क्यों 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ, पढ़ें पूरी खबर

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
19 June 2025
in संस्कृति
पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

Share on FacebookShare on X

हर साल पुरी की धरती पर एक ऐसा दृश्य सामने आता है, जो हमारी आस्था को एक नया आकार देता है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि यह वह पल है जब ईश्वर रथों पर सवार होकर, प्रेम की डोर से बंधे हुए खुद भक्तों के बीच आते हैं। हम बात कर रहे हैं जगन्नाथ रथ यात्रा की, यह यात्रा सिर्फ कोई धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि भगवान और उनके भक्तों के बीच एक जीवंत संवाद है। हजारों कदम, एक धड़कन और एक ही दिशा, भक्ति की ओर। इस लेख में हम आपको लेकर चलेंगे उस दिव्य यात्रा में, जहां परंपरा केवल इतिहास नहीं बल्कि आज भी उतनी ही जीवंत, उतनी ही चमत्कारी है।

जल से होती है उत्सव की शुरुआत

यात्रा के इस उत्सव की शुरुआत होती है स्नान से। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को स्नान यात्रा के लिए मंदिर से बाहर लाया जाता है। इसके बाद मंदिर के प्रांगण में बने सोने के कुएं के पानी से इन्हें नहलाया जाता है, इस कुएं में सभी तीर्थों से आया जल शामिल होता है। इस कुएं को लेकर कहा जाता है कि इसमें मालवा प्रदेश के राजा इंद्रद्युम्न ने सोने की ईंटें लगवाईं थीं। इसके ढक्कन में एक छेद है, जिसमें से श्रद्धालु सोने की वस्तुएं डालते हैं। इसे यात्रा से पहले का सार्वजनिक शुद्धिकरण माना जाता है, इसके बाद भगवान ग़ायब हो जाते हैं।

संबंधितपोस्ट

भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा हुई शुरू, 1.5 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने का अनुमान

46 वर्षों बाद खोला गया पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार।

CM मोहन चरण मांझी का पहला बड़ा फैसला, जगन्नाथ मंदिर के चारों दरवाजे खोले गए।

और लोड करें

ग़ायब इसलिए क्योंकि वे अगले 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं, भगवान जगन्नाथ को स्नान पूर्णिमा के बाद सर्दी लगने की मान्यता है। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान भी उतने ही कोमल और मानवीय हैं, जैसे उनके भक्त। 15 दिनों तक भगवान की विशेष सेवा की जाती है और उनकी एक बच्चे की तरह सेवा की जाती है। उन्हें देसी जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा और भोजन में मौसमी फल और परवल का रस अर्पित किया जाता है।

भगवान का गजवेश

इसी दिन शाम को भगवान गजवेश धारण करते हैं, यानी उन्हें हाथी के रूप में सजाया जाता है। यह परंपरा एक विशेष कथा से जुड़ी है, कहा जाता है कि कर्नाटक से आए एक वृद्ध भक्त ने भगवान से प्रार्थना की थी कि वह उन्हें गणेश रूप में दर्शन दें। भगवान ने इस भक्त की भावना को स्वीकार किया और तब से यह परंपरा चली आ रही है।

मंदिर बंद, भगवान विश्राम पर

जब भगवान बीमार पड़ते हैं तो इस वक्त को ‘अनवसर काल’ कहा जाता है। इस अवधि में मंदिर के पट पूरी तरह बंद रहते हैं। यहां तक कि पुरी के राजा को भी भगवान के दर्शन की अनुमति नहीं होती। राजा की उपाधि गजपति महाराज दिव्यसिंह देव चतुर्थ को दी गई है जो जो भोई राजवंश से ताल्लुक रखते हैं और जगन्नाथ मंदिर के मुख्य सेवक व प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं।

शहर की साधना

पुरी शहर इस अवधि को श्रद्धा और अनुशासन से स्वीकार करता है। किसी तरह का हंगामा या असंतोष शहर में नहीं दिखता है बल्कि पूरे 2 किलोमीटर के दायरे में धार्मिक अनुशासन का पालन होने लगता है। मांसाहार पूरी तरह बंद कर दिया जाता है, शराब की दुकानें बंद कर दी जाती हैं, और अस्थायी खानपान स्टॉल तक हटा दिए जाते हैं। ऐसा मानते हैं कि जब भगवान स्वयं विश्राम कर रहे हैं, तो शहर को भी आत्मशुद्धि करनी चाहिए।

कारीगरों की रथ साधना

भगवानों के विश्राम के समय, कारीगर अपने काम में लग जाते हैं। यह कार्य सिर्फ निर्माण का नहीं, श्रद्धा और सेवा का होता है। हर साल तीन नए रथ बनाए जाते हैं, भगवान जगन्नाथ के लिए नंदिघोष, बलभद्र के लिए तालध्वज और सुभद्रा के लिए दर्पदलन। इन रथों का निर्माण विशेष प्रकार की पवित्र लकड़ियों से किया जाता है। इन रथों के निर्माण में न कोई मशीन लगती है, न ही पिछले साल का रथ दोबारा इस्तेमाल किया जाता है। हर बार नया रथ बनता है और हर बार वही पुरानी कहानी नए रूप में जीवित होती है। यह पूरी प्रक्रिया परंपरा, शिल्पकला और धार्मिक आस्था का संगम होती है। इन रथों को केवल वाहन नहीं माना जाता बल्कि ये चलते-फिरते मंदिर होते हैं। जब भगवान इन पर सवार होते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे पूरा मंदिर ही सड़कों पर उतर आया हो।

नवयौवन दर्शन

अनवसर काल की समाप्ति के बाद भगवान जगन्नाथ पहली बार सार्वजनिक दर्शन देते हैं। इसे नवयौवन दर्शन कहा जाता है, जिसमें भगवान रोगमुक्त होकर अपने नए स्वरूप में भक्तों को दिखाई देते हैं। यह दर्शन केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि धार्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हजारों श्रद्धालु इस दर्शन के लिए पुरी पहुंचते हैं, क्योंकि यह वर्ष में केवल एक बार होता है।

रथ यात्रा की शुरुआत

इसके बाद अगले दिन होता है वो उत्सव जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। यानी रथ यात्रा, इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को मंदिर से बाहर लाया जाता है और उन्हें एक विशेष शोभायात्रा में ले जाया जाता है, जिसे पहांडी बीजे कहा जाता है। इस दौरान पुरी की धरती ‘जय जगन्नाथ’ के जयघोष से गूंज जाती है और लोग भजन गाते हुए झांझ, मंजीरा और मृदंग जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते हैं। पुरी के गजपति महाराज, जिन्हें भगवान जगन्नाथ का प्रथम सेवक माना जाता है, ‘छेरा पहरा’ नामक परंपरा निभाते हैं, जिसमें वे भगवान के रथों और मार्ग सोने की झाड़ू से साफ करते हैं। यह अनुष्ठान विनम्रता और इस भाव का प्रतीक है कि भगवान के सामने सभी समान हैं।

इसके बाद लकड़ी के इन विशाल रथों को मोटी रस्सियों से हजारों भक्त खींचते हैं और भगवान अपनी पवित्र यात्रा पर निकल जाते हैं। यहां से यह यात्रा करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जिसे भगवान की मौसी का घर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि रथ को छूना, उसकी रस्सी को खींचना या बस भगवान के रथ पर एक झलक पा लेना भी अनेक पुण्य कर्मों या वर्षों की तपस्या के बराबर फल प्रदान करता है। रथ यात्रा वह एकमात्र अवसर होता है जब भगवान अपने भक्तों के पास स्वयं आते हैं और उनके पापों को हरते हैं।

गुंडिचा मंदिर में विश्राम

रथ यात्रा के दौरान जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा अपने रथों पर सवार होकर पुरी के मुख्य मंदिर से निकलते हैं, तो वे 9 दिनों के लिए गुंडिचा मंदिर में ठहरते हैं। यह कोई साधारण ठहराव नहीं होता, यह एक भावनात्मक वापसी है, जैसे कोई व्यक्ति वर्षों बाद अपने बचपन के घर लौटता है। ऐसा माना जाता है कि गुंडिचा मंदिर वही स्थान है जहां भगवान का जन्म हुआ था, और यह यात्रा उसी तरह की होती है जैसे भगवान कृष्ण कभी वृंदावन जाया करते थे।

हेरा पंचमी

यह अनुष्ठान भगवान जगन्नाथ और उनकी पत्नी देवी महालक्ष्मी के बीच संबंधों को दर्शाता है। ‘हेरा’ का अर्थ है खोजना या तलाशना और ‘पंचमी’ का अर्थ है पांचवां। यह अनुष्ठान रथ यात्रा के पांचवें दिन मनाया जाता है। माना जाता है कि जब भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ गुंडिचा मंदिर में प्रवास के लिए निकलते हैं, तो वे देवी महालक्ष्मी को अगले दिन वापस आने का वादा करके पीछे छोड़ देते हैं। चार दिन बीत जाने के बाद भी वे वापस नहीं आते। पांचवें दिन उन्हें उनकी इतनी याद आने लगती है कि वे उनसे मिलने जाने का फैसला करती हैं।

महालक्ष्मी एक सुंदर सजी हुई पालकी में गुंडिचा मंदिर जाती हैं। जब वे मंदिर पहुंचते हैं, तो वे भगवान जगन्नाथ के दासों को पकड़ना शुरू कर देते हैं और उन्हें जल्द से जल्द उनके पास लौटने के लिए बाध्य करते हैं। तब देवी को प्रसन्न करने के लिए, प्रभु जगन्नाथ उन्हें आज्ञा माला (सहमति की माला) भेंट करके उनकी बात मान लेते हैं। मंदिर से लौटते समय मां लक्ष्मी के दासों द्वारा भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष का एक हिस्सा तोड़ लिया जाता है।

वापसी की यात्रा

9 दिनों के बाद भगवान फिर से अपने भक्तों के बीच लौटने निकलते हैं। इस वापसी यात्रा को ‘बहुदा यात्रा’ कहा जाता है। इस रास्ते में एक विशेष पड़ाव आता है, मौसी मां का मंदिर। यह मंदिर माँ अर्धासिनी को समर्पित है, इसलिए इसे अर्धासिनी मंदिर भी कहा जाता है। भक्तों का मानना ​​था कि देवी अर्धसिनी कपालमोचन शिव के साथ मिलकर पुरी के संरक्षक के रूप में कार्य करती हैं। यहां भगवानों को चावल और गुड़ से बना हुआ उनका प्रिय भोग पोड़ा पीठा चढ़ाया जाता है। यह उस स्नेह की तरह होता है, जो घर लौटते मेहमानों के लिए मौसी रखती हैं।

नीलाद्रि बिजे

नीलाद्रि बिजे रथ यात्रा का अंतिम और सबसे भावनात्मक अनुष्ठान होता है, जो आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर से लौटकर श्रीमंदिर में प्रवेश करते हैं। ‘गोटी पहंडी’ परंपरा के अनुसार, देवताओं को एक-एक करके रथ से उतारकर रत्न सिंहासन तक पहुंचाया जाता है। इस दौरान देवी लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ से नाराज़ हो जाती हैं और मंदिर के द्वार को बंद कर लेती है जिससे भगवान को प्रवेश नहीं मिलता है। इसके बाद सेवकों के बीच रस्साकशी होती है। अंत में भगवान लक्ष्मी को ‘रसगुल्ला’ भेंट कर माफ़ी मांगते हैं और देवी उन्हें क्षमा कर मंदिर में प्रवेश की अनुमति देती हैं।

Tags: JagannathRath Yatraजगन्नाथपुरीरथ यात्रा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कश्मीरी छात्रों के लिए पहली च्वाइस ईरान क्यों? डॉक्टरी पढ़ने के अलावा भी हैं कई कारण

अगली पोस्ट

भारत में बढ़ती गर्मी अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट: CEEW की रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे

संबंधित पोस्ट

स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान
संस्कृति

स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

12 July 2025

योग प्राचीन काल से ही भारतीय जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग रहा है। यहां की संस्कृति, कला और परंपराएं आज भी विदेशी पर्यटकों को भारत आने...

महाराष्ट्र सरकार ने 'गणेशोत्सव' को घोषित किया राज्य उत्सव, भव्य समारोह का खर्च उठाएगी सरकार
धर्म

महाराष्ट्र सरकार ने ‘गणेशोत्सव’ को घोषित किया राज्य उत्सव, भव्य समारोह का खर्च उठाएगी सरकार

11 July 2025

महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने गुरुवार को सार्वजनिक गणेशोत्सव को राज्य उत्सव घोषित कर दिया। विधानसभा में इसकी घोषणा करते...

कांवड़ यात्रा: उत्तर प्रदेश में हो रहीं भव्य तैयारियां, दुकानों और होटलों पर लगेंगे नेम प्लेट, लागू होंगे ये नियम
धर्म

कांवड़ यात्रा: उत्तर प्रदेश में हो रहीं भव्य तैयारियां, दुकानों और होटलों पर लगेंगे नेम प्लेट, लागू होंगे ये नियम

9 July 2025

11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा जल लेकर शिव...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

00:07:39

The Shocking Truth About Mass Conversions in Tamil Nadu

00:07:26

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

00:04:13

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

00:07:33

Bhima Koregaon Won’t Be Repeated; Maharashtra’s Special Act to Wipe Out Urban Naxals.

00:06:06
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited