एशिया के सबसे बड़े बायो-CNG संयंत्र के साथ भारत ने हरित ऊर्जा में एक और बड़ी छलांग लगा दी है

तकनीक का इस्तेमाल कर देश के भविष्य को संवारने में लगी मोदी सरकार!

SOURCE-TFIPOST

पूरी दुनिया में इस समय अक्षय उर्जा और सतत विकास के लिए एक जंग जरी है| हर देश इस महत्वपूर्व लक्ष्य को हासिल करने के प्रयासरत हैं| भरत भी सन 2070 तक स्वच्छ उर्जा पर निर्भर होने का लक्ष्य स्थापित कर चुका है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत द्वारा नित नए कदम उठाये जा रहे हैं| अब इससे सम्बन्धित एक बड़ी खबर सामने आ रही है|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट का उद्घाटन कर दिया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि अगले दो वर्षों में देश भर के 75 बड़े नगर निकायों में इसी तरह के गोबर धन बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित करने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से भारत के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, स्वच्छ ऊर्जा बनाने में काफी मदद मिलेगी।

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पीएम मोदी ने कहा ,”चाहे शहर में घरों से निकलने वाला गीला कचरा हो, गांव में पशुओं और खेतों का कचरा हो, यह सब एक तरह से गोबर धन है। शहर के कचरे और पशुओं से गोबर धन तक, गोबर से स्वच्छ ईंधन के लिए धन और फिर से स्वच्छ ईंधन से ऊर्जा तक श्रृंखला, जीवन धन बनाती है।

पीएमओ के अनुसार, इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ हरित ऊर्जा प्रदान करने जैसे कई पर्यावरणीय लाभ मिलने की भी उम्मीद है। यह परियोजना इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (आईईआईएसएल) द्वारा स्थापित एक विशेष प्रयोजन द्वारा कार्यान्वित की गई है।

आईएमसी गोबर-धन संयंत्र द्वारा उत्पादित सीएनजी का न्यूनतम 50% खरीदेगी। अपनी तरह की पहली पहल के तहत नगर निगम 400 सिटी बसें सीएनजी से चलाएगा। सीएनजी की शेष मात्रा खुले बाजार में बेची जाएगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे प्राप्त जैविक खाद, कृषि और बागवानी उद्देश्यों के लिए उपयोग होने वाले रासायनिक उर्वरकों की जगह लेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का भी यह एक बड़ा कारण है। इसलिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस समस्या से निपटने के लिए काम किया जा रहा है।

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काम का असर भी दिख रहा है –

सात-आठ साल पहले भारत में एथेनॉल की मिलावट 1-2 फीसदी ही हुआ करती थी। आज पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का प्रतिशत 8 फीसदी के करीब पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में सम्मिश्रण के लिए इथेनॉल की आपूर्ति में भी काफी वृद्धि हुई है।

पराली जलाने पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने इस बजट में अहम फैसले लिए हैं. “हमने इस बजट में इससे संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। यह निर्णय लिया गया है कि कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों में भी पराली का उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल किसान की समस्याएं दूर होंगी, बल्कि कृषि अपशिष्ट से अतिरिक्त आय भी होगी।”

पीएम ने कहा ,किसी भी चुनौती से निपटने के दो तरीके होते हैं। सबसे पहले उस चुनौती का तत्काल समाधान खोजना है। दूसरा इससे निपटने के लिए सभी को स्थायी समाधान दिया जाये| उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले सात वर्षों में सरकार द्वारा की गई योजनाएं स्थायी समाधान देने के लिए हैं।

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