भाजपा, जिसे कई सूरमाओं ने अपने कौशल से 2 से 303 वाली पार्टी में परिवर्तित किया, ऐसे कई नेता अब उम्र के उस पड़ाव में आ गए हैं जब उनको अपनी अंतिम यात्रा के लिए रुख करना पड़ रहा है। निस्संदेह, मृत्यु एक शास्वत-अटल सत्य है जिसे कोई नहीं नकार सकता है। ऐसे ही एक सूरमा जिन्होंने भाजपा को दक्षिण में संजीवनी दी, दक्षिण की राजनीति में बड़े चेहरे के रूप में उभरे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद चंदूपतला जंग रेड्डी (86) का बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती बीमारियों के पश्चात शनिवार को हैदराबाद में उनके आवास पर निधन हो गया। शाम को हनमकोंडा में पद्माक्षी पहाड़ी की तलहटी में ‘शिव मुक्तिधामम’ में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बताते चलें, जंगा रेड्डी वो भाजपा नेता थे जिन्होंने दक्षिण में भारतीय जनता पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से सबसे पहले द्वारा खोले थे। रेड्डी का जन्म 1935 में एक कृषि परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत एक जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में की थी। बाद में जनता पार्टी के विघटन के बाद 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी को जब अपने अस्तित्व की चिंता थी और अपने वर्चस्व को भुनाने की चुनौती थी, तब जंगा जैसे नेता इसकी सफलता की धुरी बनके प्रस्तुत हुए। 1980 में पार्टी के गठन के बाद जंगा रेड्डी दक्षिणी राज्यों से भाजपा के पहले सांसद थे। छात्र जीवन से ही सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे रेड्डी ने राम जन्मभूमि आंदोलन समेत कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था। वह तेलंगाना सत्याग्रह आंदोलन में भी सक्रिय रहे थे। रेड्डी तीन बार 1967-72,1978-83 और 1983-84 तक आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे थे।
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फिर वो समय आया जब दक्षिण ही नहीं पूरे देश में जंगा रेड्डी का नाम ख्यातिलब्ध हुआ। उन्होंने 1984 में तत्कालीन हनमकोंडा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को हराकर इतिहास रच दिया। यह तब था जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की भयंकर लहर के बावजूद, जंगा रेड्डी 1984 में संसद के लिए चुने जाने वाले दो भाजपा सांसदों में से एक थे। भाजपा से मात्र 2 सदस्य निर्वाचित होने वाली बात से एक अलग ही माहौल बन गया था। जंगा चूंकि नरसिम्हा को हरा चुके थे और दक्षिण राज्य जहाँ भाजपा विचारों की लड़ाई अब भी जारी है, उस समय भाजपा का एक सदस्य भी निर्वाचित होना अपने आप में अद्वितीय बात थी।
शनिवार को उसी नेता का निधन हो गया जिसने भाजपा का उदय करने में एक अहम किरदार निभाया था। हनमकोंडा में पद्माक्षी पहाड़ी की तलहटी में ‘शिव मुक्तिधामम’ में उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और राज्य के कई अन्य प्रमुख नेताओं ने जंग रेड्डी के निधन पर शोक व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अलग से अपनी संवेदना व्यक्त की।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सांसद चंदूपातला जंगा रेड्डी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह जमीन से जुड़े नेता थे। राष्ट्रपति ने ट्वीट पर शेक संदेश में कहा कि चंदूपातला जंगा रेड्डी जमीन से जुड़े नेता थे। उन्होंने विधायक और फिर सांसद के रूप में लोगों के मुद्दों पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंध्र प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर जन आंदोलनों का नेतृत्व किया, और आपातकाल के दौरान जेल भी गए। राष्ट्रपति ने कहा कि पातला के निधन से राजनीति में एक खालीपन आ गया है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।
Shri Chandupatla Janga Reddy was a leader rooted to ground. As MLA and then as MP, he led mass movements in Andhra Pradesh and nationally to press for people’s issues, and was also jailed during the Emergency. His demise leaves a void in politics. My condolences to his family.
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 5, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सी. जंगा रेड्डी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह भाजपा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रयासों के अभिन्न हिस्सा थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जंगा रेड्डी भाजपा के विकास के बेहद नाजुक दौर में पार्टी की एक प्रभावी आवाज थे। उन्होंने जंगा रेड्डी के बेटे से फोन पर भी बात की और अपनी संवेदना प्रकट की।
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प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ”सी जंगा रेड्डी ने अपना पूरा जीवन सार्वजनिक सेवा में खपा दिया। जनसंघ और भाजपा को सफलता की नई ऊंचाइयों पर लेने जाने के प्रयासों का वह अभिन्न हिस्सा थे। उन्होंने लोगों के दिलों-दिमाग में अपनी जगह बनाई। उन्होंने कई कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। उनके निधन से दुखी हूं।”
Shri C Janga Reddy Garu devoted his life to public service. He was an integral part of the efforts to take the Jana Sangh and BJP to new heights of success. He made a place in the hearts and minds of several people. He also motivated many Karyakartas. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2022
भगवा पार्टी के आधार को मजबूत करने वाले जंगा रेड्डी के निधन ने एक ओर जहाँ भाजपा के लिए एक और रिक्तता छोड़ दी है तो वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए रेड्डी के लक्ष्यों और सिद्धांतों पर चलने की एक राह और मिल गई है जिसे अपनाकर कार्यकर्त्ता पथभ्रमित नहीं होंगे। भाजपा के पास आज ऐसे अनेकों नेता हैं जिनके जाने के बाद भी उनके सिद्धांत कार्यकर्ता के लिए जीवंत हैं।