कौशल और षड्यंत्र में उतना ही अंतर होता है, जितना गेंदबाज़ी और चकिंग में होता है। क्रिकेट की बात करें, तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड विशेषकर बॉलिंग में बड़ा ही आपत्तिजनक रहा है। ताज़ा मामला भी पाकिस्तानी गेंदबाज से ही जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान के गेंदबाज मोहम्मद हसनैन को बीते शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मैचों में गेंदबाजी करने से निलंबित कर दिया गया, क्योंकि बायोमैकेनिकल परीक्षण ने पुष्टि की थी कि उनका बॉलिंग एक्शन सही नहीं था। यह एक अकेला घटनाक्रम नहीं है, जब पाकिस्तानी गेंदबाज़ चकिंग के लिए निलंबित किए गए हैं, इसमें पाकिस्तानी खिलाडियों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिसको हर बार चकिंग का नाम आते ही दोहराया जाता है।
दरअसल, 21 वर्षीय हसनैन को पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश 20-20 लीग में सिडनी थंडर के साथ एक संदिग्ध कार्रवाई के लिए रिपोर्ट किया गया था। जिसके बाद उनके बॉलिंग एक्शन को लेकर 21 जनवरी को एक टेस्ट किया गया। ये टेस्ट लाहौर में आईसीसी के मान्यता प्राप्त परीक्षण केंद्र में आयोजित किया गया था और रिपोर्ट में मोहम्मद हसनैन की गेंदबाजी एक्शन को अवैध पाया गया था। वही इस मामले पर PCB ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि
“पीसीबी को आज मोहम्मद हसनैन के मूल्यांकन परीक्षण पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से एक औपचारिक और विस्तृत रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि उसकी अच्छी लेंथ डिलीवरी, फुल लेंथ डिलीवरी, धीमी बाउंसर और बाउंसर के लिए उसकी कोहनी का विस्तार 15-डिग्री की सीमा से अधिक था। पीसीबी ने चर्चा की है। गेंदबाजी विशेषज्ञों के साथ रिपोर्ट और आश्वस्त है कि समस्या का समाधान किया जा सकता है। पीसीबी अब एक गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त करेगा जो मोहम्मद हसनैन के साथ काम करेगा, ताकि वह अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार कर सके और पुनर्मूल्यांकन के लिए तैयार हो सके।”
ध्यान देने वाली बात है कि सिडनी सिक्सर्स के कप्तान मोइसेस हेनरिक्स ने पिछले महीने एक बिग बैश मैच के दौरान हसनैन पर “चकिंग” का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्हें गेंदबाजी करने से रोक दिया गया। उन्हें पाकिस्तान सुपर लीग में शामिल होने की अनुमति भी नहीं दी गई है। पीसीबी का कहना है कि उनको अपने बालिंग एक्शन में सुधार करना चाहिए, जिसके लिए उन्हें समय दिया जाएगा। हसनैन को अंतरराष्ट्रीय मैचों में गेंदबाजी करने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव नहीं करते। हालांकि, हसनैन घरेलू प्रतियोगिताओं में गेंदबाजी करना जारी रख सकते हैं।
और पढ़ें: Pak में क्रिकेट सीरीज होनी थी, Bangladesh के आधे खिलाड़ी और कोच बहाने बनाकर पतली गली से निकल लिए
चकिंग के छींटों से भरा है पाक क्रिकेट का इतिहास
यूं तो अब हसनैन को अभी बोर्ड की ओर से अपनी खेलने की शैली में सुधार और संसोधन करने के लिए समय दिया गया है, पर जब इतिहास ही चकिंग के छींटों से भरा हुआ है, तो पाकिस्तानी खिलाडी आज नहीं तो कल फिर से इसे दोहरा सकते हैं। आज हसनैन हैं, कल कोई और नया खिलाडी होगा! गौरतलब है कि पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में चकिंग सबसे बड़ा किरदार निभाता आया है। पाकिस्तानी गेंदबाज़ों की बात करें, तो शोएब अख्तर से लेकर सईद अज़मल, मोहम्मद हफ़ीज़ उन खिलाडियों में से हैं, जिनके खेल इतिहास में चकिंग एक अहम भूमिका अदा करता आया है।
यही नहीं, चकिंग के आदी हो चुके पाकिस्तानी गेंदबाज़ उसे कई बार वैध करने के लिए अपनी आवाज़ उठाते आए हैं। इन्हीं में एक खिलाडी हैं, पाकिस्तानी स्पिनर मोहम्मद कादिर, जिन्होंने वर्ष 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चकिंग को वैध करार दिए जाने की मांग की थी। पूर्व में सईद अजमल, शाहिद अफरीदी, शब्बीर अहमद, मोहम्मद हफीज, रियाज अफरीदी, शोएब मलिक और शोएब अख्तर अंतरराष्ट्रीय मैचों में संदिग्ध गतिविधियों के लिए रिपोर्ट किए जा चुके हैं।
एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में नजर आ जाते हैं, यह पाकिस्तानी गेंदबाज़ों के लिए बिल्कुल सटीक बैठता है कि जो खिलाडी पूर्व में अपने साथी खिलाडियों की भूल से सीख न लेते हुए एक ही गलती दोहराता रहे, वो कभी नहीं सुधर सकता, क्योंकि उसे गलती सुधारना नहीं दोहराना आता है। चकिंग को वैध करने की मांग करने वालों को उसको रोकने के लिए कौन ही प्रेरित कर सकता है, जब उनकी नज़र में ही वो एक खेल का भाग है!
और पढ़ें: खबर पक्की है : पाकिस्तान अब क्रिकेट का इस्तेमाल काफिरों को नीचा दिखाने के लिए करता है