एक ओवरपेड अंडरअचीवर और अहंकारी खिलाड़ी हैं हार्दिक पांड्या!

IPL का मतलब कैश और कैश का मतलब हार्दिक पांड्या!

Hardik Pandya

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हार्दिक पांड्या एक ओवरपेड अंडरअचीवर हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर व्यवहारिक समस्या है। हाल ही में हार्दिक पांड्या ने चार दिन तक चलने वाली रणजी ट्रॉफी खेलने से इनकार कर दिया है। परंपरागत रूप से समर्पित क्रिकेटर प्रशिक्षण अकादमियों में अपने मूल सिद्धांतों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके बाद वे क्षेत्रीय चैंपियनशिप में अपने कौशल को निखारने के लिए आगे बढ़ते हैं, फिर रणजी ट्रॉफी के दौरान विभिन्न टीमों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर आमना-सामना होता था। उसके बाद मजबूत बुनियादी दक्षता और सम्मानित क्रिकेट कौशल के साथ ही खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती थी। ऐसे में यह स्पष्ट था कि राष्ट्रीय टीम में निरंतरता, स्थिरता और प्रदर्शन टीम का हिस्सा बने रहने के लिए अपनी आवश्यक शर्तें थी।

पर पिछले एक दशक में, क्रिकेट सज्जनों के खेल से एक ऐसे खेल में तब्दील हो गया है, जहां कौशल और दक्षता युक्त खिलाड़ी नहीं, बल्कि एंटरटेनर्स की भरमार होने लगी है। हार्दिक पांड्या आज क्रिकेट में इन्हीं एंटरटेनर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं! कथित तौर पर वर्ष 2021 से पीठ की चोट से उबर रहे हार्दिक पांड्या भारतीय टीम के लिए अनुपलब्ध हैं। पर, वह आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) सीजन में गुजरात टाइटंस टीम की कप्तानी करेंगे।

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हार्दिक पांड्या और आईपीएल

आईपीएल का मतलब कैश और कैश का मतलब हार्दिक पांड्या! हार्दिक पांड्या रणजी ट्रॉफी के दौरान पसीने के बारे में भी क्यों सोचेंगे, जब एक नया आईपीएल सीजन उनके सामने होगा? हार्दिक पीठ की चोट के कारण रणजी टीम के लिए उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अमदाबाद के फ्रेंचाइजी का नेतृत्व करने और अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालने के लिए वो पूर्ण रूप से तैयार हैं। क्रिकबज के मुताबिक, इस सीजन में पांड्या की सैलरी 15 करोड़ रुपये होगी, जो उनकी पिछली वेतन से 4 करोड़ रुपये ज्यादा है। वर्ष 2015 में हार्दिक पांड्या 10 लाख रुपये के वेतन पर मुंबई इंडियंस में शामिल हुए थे, जो टीम के साथ उनके आखिरी सीजन तक 11 करोड़ रुपये हो गया।

आईपीएल ने राष्ट्रीय टीम में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया

आईपीएल में ही हार्दिक पांड्या विराट कोहली के नजर में आए और यही राष्ट्रीय टीम में शामिल होने की उनकी सबसे बड़ी योग्यता थी।  लेकिन, क्रिकेट की दुनिया के ग्लैमर से अभिभूत और फंकी हेयर स्टाइल के शौकीन हार्दिक पांड्या वास्तव में एक सुसंगत, कुशल और प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाने में विफल रहें। कई खिलाड़ी आज टी-20 मैचों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि दुर्भाग्य से उनका लक्ष्य साल दर साल आईपीएल फ्रेंचाइजी से बड़ी डील हासिल करना होता है। बड़े ब्रांड, प्रचार, सहयोग और आईपीएल नीलामी आज क्रिकेट को परिभाषित कर रहे हैं और साथ ही दृढ़ता, कौशल, दक्षता, क्रिकेटिंग स्ट्रोक्स और सेंस, सार्थक पारी खेलने के लिए लंबे समय तक क्रीज पर बने रहना आदि गुणों को हार्दिक जैसे क्रिकेट एंटरटेनर्स ने खत्म कर दिया है! ये सब अवधारणाएं अब अलग हो गई हैं।

ध्यान देने वाली बात है कि क्रिकेट एक ऐसा खेल बन गया है, जहां पैसा राजा बन गया है। आईपीएल मैचों पर ध्यान केंद्रित करना- जहां प्रत्येक खिलाड़ी का लक्ष्य पांच ओवर से अधिक प्रदर्शन नहीं करना होता है, जिससे स्टार खिलाड़ियों की टेस्ट और एकदिवसीय प्रारूप में मौका देने की क्षमता गंभीर रूप से बाधित होती है। अगर हार्दिक पांड्या की बात करें, तो उनका करियर अब लगभग खत्म हो गया है। लेकिन यह उस व्यक्ति को परेशान नहीं करता है, जो स्पष्ट रूप से अकेले आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ है। शायद यही वजह है कि BCCI के मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने शनिवार को कहा कि पांड्या के नाम पर तुरंत चयन के लिए विचार किया जाएगा, लेकिन तभी जब वह शत-प्रतिशत फिट होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चयन पैनल उनकी वापसी पर तब तक फैसला नहीं ले सकता, जब तक उन्हें उनकी फिटनेस और गेंदबाजी की उचित पुष्टि नहीं हो जाती।

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अपने मूल स्वभाव की धुंधली छाया में सिमट गए हैं पांड्या

यह कैसे है कि पांड्या राष्ट्रीय टीम में खेलने के लिए अयोग्य हैं, जबकि वह आगामी आईपीएल सत्र के दौरान भारतीयों का मनोरंजन करने के लिए तैयार हैं? यह सभी तर्कों को मात देता है। एक कारण यह हो सकता है कि पांड्या जानते हैं कि वह एकदिवसीय और टेस्ट मैचों में राष्ट्रीय टीम के लिए प्रदर्शन नहीं कर सकते, यही वजह है कि वह चयन प्रक्रिया से ही बाहर रहना पसंद कर रहे हैं। बहुत सारे खिलाड़ी, जिन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है, उन्होंने केवल अपने शानदार आईपीएल प्रदर्शन के दम पर ऐसा किया है। हालांकि, आईपीएल क्रिकेटरों का उत्पादन नहीं करता है। यह मनोरंजन पैदा करता है। यह खिलाड़ियों को सार्थक मैचों के लिए तैयार नहीं करता है, जिनमें धैर्य, कौशल, खेल के ज्ञान आदि की आवश्यकता होती है। बड़े शॉट्स को बिना सोचे समझे खेलना और रक्षात्मक तथा आक्रामक शॉट्स की विविधता के साथ शांतिपूर्वक खेलना एक क्रिकेटर से एक मनोरंजनकर्ता को अलग करता है।

रणजी ट्रॉफी को आमतौर पर बोरिंग माना जाता है। इसे ज्यादा कवरेज नहीं मिलता है और अच्छा भुगतान भी नहीं होता है। इसलिए हार्दिक पांड्या जैसे एंटरटेनर के लिए इस तरह का टूर्नामेंट खेलने का कोई मतलब नहीं है। विकृत यौन व्यवहार से जुड़े विवाद भी हार्दिक पांड्या के लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने यौन दुराचार के बारे में खुले तौर पर दावा किया था। उनके अनुशासनहीन व्यवहार के साथ-साथ उनकी मार्केटिंग टीम द्वारा उनके जीवन से बड़ी आभा की प्रस्तुति और उनके बढ़े हुए अहंकार के कारण उनके फिटनेस एवं प्रदर्शन में गिरावट आई है। एक बार कपिल देव के उत्तराधिकारी माने जाने वाले, पांड्या अपने मूल स्वभाव की एक धुंधली छाया में सिमट गए हैं!

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