दुनिया में हर देश और हर छोर पर अपनी अपनी विविधताएं और बाधाएँ दोनों विद्यमान होती हैं। उसी प्रकार उसको ग्रहण और सहेजने की भी एक कला हर जनमानस में होनी चाहिए। अच्छी लग रही चीज़ से लगाव करना और बाधा बन रहे तत्व को धुत्कारना सही बात है। निश्चित रूप से पूरा विश्व भौगोलिक परिपाटी में अनन्य प्रकार की चीज़ों से घिरा हुआ है, हर चीज़ के उद्गम का एक सही समय निर्धारित होता है। शायद भारत में एक ऐसे संसाधन को अभी मिलना था तो वह मिल भी गया है। वेदांता समूह की फर्म केयर्न ऑयल एंड गैस एक लंबे समय से तेल खोज और अपनी खदान से तेल आपूर्ति करने का कार्य कर रहा है। इसी बीच उसने सोमवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक और ब्लॉक में तेल की खोज की घोषणा की है, जो उसी रेगिस्तान में अपने विपुल तेल क्षेत्र से बहुत दूर नहीं है।
यह उस बात पर मुहर लगाता है कि भगवान के घर देर हैं अंधेर नहीं है। ये तेल भंडार उसी रेगिस्तानी क्षेत्र में मिला है, जहां कंपनी का ‘प्रचुर तेल क्षेत्र’ मौजूद है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने सरकार और हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) को ओएएलपी (खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति) के तहत आने वाले ब्लॉक आरजे-ओएनएचपी-2017/1 में खुदाई किए गए कुएं डब्ल्यूएम-बेसल डीडी फैन-1 में तेल खोज के बारे में बता दिया है, इस खोज को ‘दुर्गा’ नाम दिया गया है।
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फर्म ने कहा कि प्रबंधन समिति नामक ब्लॉक ओवरसाइट पैनल की मंजूरी भी मांगी गई है। ब्लॉक उन 41 क्षेत्रों में से एक है जिसे कंपनी ने अक्टूबर 2018 में ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के पहले दौर में जीता था। फर्म ने कहा, “दुर्गा-1 (पहले डब्ल्यूएम-बेसल डीडी फैन-1) ब्लॉक आरजे-ओएनएचपी-2017/1 में 2,615 मीटर की गहराई तक दूसरा कुआं है।” ओएएलपी पोर्टफोलियो के तहत कंपनी द्वारा अधिसूचित यह तीसरी हाइड्रोकार्बन खोज है।
यूँ तो रेगिस्तान को बंजर जमीन के नाम से संबोधित किया जाता है पर जिस बात के लिए उसे इतना कोसा जाता है उसी के परिणास्वरूप जब वहां से तेल का उद्गम हुआ है और सभी उसकी वाह-वाह भी करने लगे हैं। खाड़ी देशों जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, कतर और ओमान जैसे देश शामिल हैं, इन सभी देशों के रहवासी एक समय पर रेत से भरे इलाकों और गरीबी के कारण उस इलाके को कोसा करते थे परंतु आज वही तेल की खदानों के साथ सबसे अधिक आय अर्जित कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ अफ्रीका के किम्बरले में था जहाँ बाद में सोने और हीरे की खदानें खोजी गईं। इस भांति ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तानों में दुर्लभ खनीजों के माध्यम से उसकी अलग महत्ता बढ़ गई।
बड़ी सम्भावनाएं हैं राजस्थान में-
542 वर्ग किलोमीटर RJ-ONHP-2017/1 ब्लॉक राजस्थान के बाड़मेर जिले के गुडमलानी और चोहटन तहसील में स्थित है। यह ब्लॉक विपुल राजस्थान ब्लॉक के आसपास स्थित है, जो प्रतिदिन लगभग 1,50,000 बैरल तेल और गैस का उत्पादन करता है। कंपनी ने कहा कि वह 2050 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। .
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वेदांता के संस्थापक और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा, “हमारा तेल और गैस कारोबार आज भारत की ऊर्जा जरूरतों और विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार है।” “शून्य नुकसान, शून्य अपशिष्ट, शून्य निर्वहन’ के दर्शन से निर्देशित, हमने अपने संचालन के लिए मजबूत ईएसजी लक्ष्य तैयार किए हैं जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक कुशल बनने में मदद करेंगे और देश की यात्रा को आत्मनिर्भर भारत की ओर सक्षम करेंगे।”
केयर्न ऑयल एंड गैस के डिप्टी सीईओ प्रचूर साह ने कहा, “केयर्न ऑयल एंड गैस के लिए ईएसजी हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। जैसा कि हम अपनी स्थिरता यात्रा जारी रखते हैं, हम भारत के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत सुनिश्चित करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के अपने दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध हैं। ”
जिस रफ़्तार के साथ यह क्षेत्र प्रगति कर रहा है, निस्संदेह धीरे-धीरे ही सही पर तेल खदानों को लेकर एक बड़ा बाजार स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध यह सभी कम्पनियाँ भारत के लिए स्वर्णिम कल का आधार बनेंगी।
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