आखिर क्या खिचड़ी पक रही है Hyundai India? कश्मीर पर चिल्लाए तो ‘कैंसल’ हो जाओगे

भारत में व्यापार भी करोगे और देश तोड़ने की बात भी, ऐसे कैसे चलेगा?

Hyundai India

Source- TFIPOST

मारुति सुजुकी के बाद हुंडई भारतीय बाजार में अपनी सबसे ज्यादा पकड़ रखता है। देश के लोग इस कंपनी की कारों को काफी पसंद करते हैं, लेकिन लंबे समय से भारतीयों की पसंद बनी दक्षिण कोरिया की यह कंपनी अब अपना रंग दिखाने लगी है। हाल ही में कश्मीर मुद्दे पर इस कंपनी ने ऐसा ट्वीट किया है, जिसे लेकर इसे बॉयकॉट करने की बात शुरु हो चुकी है और ऐसा भी हो सकता है कि इस ब्रांड की भारतीय बाजार से छुट्टी हो जाए।

दरअसल, हुंडई पाकिस्तान ने शनिवार को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के मौके पर लोगों से कश्मीरी भाइयों और बहनों के ‘बलिदान’ को याद करने का आग्रह किया। कश्मीर की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, “आइए हम अपने कश्मीरी भाइयों के बलिदान को याद करें और समर्थन में खड़े हों, क्योंकि वे आजादी के लिए संघर्ष जारी रखते हैं।” पाकिस्तान में हुंडई के सोशल मीडिया हैंडल से ‘कश्मीर की आजादी’ की बात करने के बाद मचे हलचल पर हुंडई इंडिया ने एक बयान जारी किया है। ऑटो निर्माता ने कहा कि उसकी ‘असंवेदनशील संचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति’ है।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ बॉयकॉट Hyundai

ध्यान देने वाली बात है कि पाकिस्तान कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए 5 फरवरी को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के रूप में मनाता है। कश्मीर को लेकर हुंडई पाकिस्तान द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर भारत में ट्विटर पर #BoycottHyundai ट्रेंड करने लगा, कई लोगों ने ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी डे’ पर उसके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कंपनी की आलोचना की।

यह मामला तब बढ़ गया जब ऑटोमोबाइल निर्माता हुंडई मोटर कंपनी के पाकिस्तानी डीलरशिप फर्म द्वारा भारत संघ से जम्मू और कश्मीर के विघटन का आह्वान किया गया और जब भारतीय नेटिज़न्स ने हुंडई इंडिया से भारत के समर्थन में ट्वीट करने के लिए कहा और इस मामले को लेकर सवाल किया कि क्या वे हुंडई पाकिस्तान के ट्वीट का समर्थन करते हैं, तो हुंडई इंडिया ने उन भारतीयों को ट्विटर पर ब्लॉक करना शुरू कर दिया। भारतीय नेटिज़न्स भारत के भू-राजनीतिक मामलों में खुलेआम हस्तक्षेप और दक्षिण कोरियाई ऑटोमोटिव निर्माता द्वारा पाकिस्तानी सरकार के प्रचार प्रसार से नाराज़ थे।

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हुंडई के लिए बड़ा बाजार है Hyundai

इसी बीच सोशल मीडिया पर Hyundai India के बॉयकॉट करने की मांग जोर पकड़ रही है। दक्षिण कोरियाई ऑटोमोटिव निर्माता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कई उपयोगकर्ता प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय (एमईए) तक पहुंच रहे हैं। हालांकि, विवाद के बाद हुंडई इंडिया ने एक बयान जारी किया कि वह “राष्ट्रवाद का सम्मान करने के अपने मजबूत लोकाचार के लिए दृढ़ता से खड़ा है।” हुंडई मोटर इंडिया ने कहा, “अवांछित सोशल मीडिया पोस्ट इस महान देश के लिए हमारी अद्वितीय प्रतिबद्धता और सेवा को बदनाम कर रही है। भारत हुंडई ब्रांड का दूसरा घर है और असंवेदनशील संचार के प्रति हमारी शून्य सहनशीलता की नीति है, हम इस तरह के किसी भी विचार की कड़ी निंदा करते हैं।”

गौरतलब है कि Hyundai Motor India, Maruti Suzuki India के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है। दुनिया भर में कंपनी की हर चार कारों में से एक कार भारत में बनाई जा रही है। वर्ष 2019 में घरेलू और निर्यात मात्रा में हुंडई मोटर इंडिया (HMI) की 6,91,460 इकाइयों की बिक्री हुई। उसी वर्ष, भारत वैश्विक स्तर पर कुल बिक्री में कोरियाई दिग्गज के लिए सबसे बड़ा विदेशी बाजार बन गया था।

Hyundai ग्लोबल ने अभी तक नहीं मांगी है माफी

बताते चलें कि “कश्मीर को मुक्त करने” वाले पोस्ट पर लीपापोती करने के बाद प्रतिक्रिया देने पर Hyundai मोटर को भारतीय जनता ने खूब खरी-खोटी सुनाई है। हुंडई ग्लोबल ने अभी तक इस मामले को लेकर माफी नहीं मांगी है। बिना किसी माफी के और अपने पाकिस्तानी कर्मचारियों को बर्खास्त किए बिना स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में यह कंपनी भारत में अपने ग्राहकों को खो सकती है। भारत में लोग Hyundai की कारों को पसंद करते हैं, लेकिन जब कार और उनके देश के गौरव के बीच चयन करने की बात आती है – तो चुनाव निस्संदेह हमेशा देश का ही होगा।

ध्यान देने वाली बात है कि हुंडई ने दिसंबर 2021 में घोषणा की थी कि वह वर्ष 2028 तक भारत में लगभग छह इलेक्ट्रिक वाहन चलाने के लिए 4,000 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी। यह वर्तमान में घरेलू बाजार में क्रेटा और वेन्यू सहित 12 मॉडल बेचती है। भारत में अपने एक आशाजनक भविष्य के साथ, क्या हुंडई पाकिस्तान की लाइन पर चलना जारी रखेगी या दक्षिण कोरियाई कंपनी अपने भारतीय हितों को सबसे आगे रखेगी? यह तो समय ही बताएगा। जहां तक ​​भारतीयों का सवाल है, उन्होंने अपना फैसला साफ कर दिया है कि हुंडई या तो पाकिस्तान के साथ रहे या पूरी तरह से भारत  के प्रति अपनी निष्ठा रखे।

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