मुख्य बिंदु
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 से जुड़े दुनिया के मानचित्र में जम्मू-कश्मीर को दिखाया भारत से अलग
- इस मानचित्र में पूरे भारत को नीले रंग में दिखाया गया है जबकि जम्मू-कश्मीर को ग्रे रंग में दिखाया गया है
- ग्रे रंग पाकिस्तान के कोविड-19 डेटा को करता है प्रदर्शित
विश्व में कुछ संगठन भारत की प्रगतिशीलता को कम आंकते हैं। ये संगठन आये दिन अपने कामों से भारतीय संप्रभुता, अस्मिता और स्वाभिमान को चोट पहुंचाने का काम करते हैं। यह सर्वविदित है कि विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश भारत है और दुनिया की चौथी सबसे सैन्य ताकत भारत के पास है। आर्थिक पैमाने पर विश्व के शीर्ष 7 देशों में शामिल भारत को कई बार इन संगठनों द्वारा अवहेलनाओं का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हाल ही में विश्व स्वास्थ संगठन के वेबसाइट पर भारत के जम्मू-कश्मीर के मानचित्र को लेकर छेड़खानी का मामला सामने आया है।
WHO ने जम्मू-कश्मीर को दिखाया भारत से अलग
विश्व स्वास्थ्य संगठन के वेबसाइट के होमपेज पर दुनिया का एक रंगबिरंगा मानचित्र है, जो दैनिक आधार पर कोविड मामलों की नवीनतम वैश्विक संख्या को दर्शाता है। बता दें कि यह एक रंग-कोडित मानचित्र है, जो कुल मामलों की संख्या के अनुसार नीले रंग के विभिन्न रंगों का उपयोग करता है। 50 लाख से अधिक के कुल मामलों के लिए मानचित्र में गहरे नीले रंग का उपयोग किया गया है। वहीं, इस मानचित्र में पूरे भारत को नीले रंग में दिखाया गया है जबकि जम्मू-कश्मीर को ग्रे रंग में दिखाया गया है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रदर्शित मैप के रेफरेंस चार्ट में लिखा है कि ग्रे रंग से तात्पर्य ‘लागू नहीं’ से है।
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वहीं, इस मामले को संज्ञान में लेते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डॉ शांतनु सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भारत का गलत मानचित्र दिखा रहा है। सांसद ने अपने पत्र में लिखा पीएम मोदी, “जब मैंने WHO Covid19.int साइट पर क्लिक किया तो एक विश्व मानचित्र प्रदर्शित किया गया था और जब मैंने भारत के हिस्से में ज़ूम किया, तो उसने जम्मू और कश्मीर के लिए आश्चर्यजनक रूप से दो अलग-अलग रंगों के साथ एक नीला मानचित्र दिखाया।” सेन ने कहा कि जब उन्होंने नीले हिस्से पर क्लिक किया, तो मानचित्र उन्हें भारत के कोविड-19 का डेटा दिखा रहा था किन्तु दूसरा हिस्सा पाकिस्तान का कोविड-19 डेटा दिखा रहा था। तृणमूल कांग्रेस से सांसद डॉ शांतनु सेन ने यह भी दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश राज्य के एक हिस्से का अलग से सीमांकन किया गया था।
.#WHO COVID https://t.co/HSTaKkj0Yc site shows map of #India with a separate colour for Jammu & Kashmir&inside that there is another small portion of a separate colour.
If they are clicked,#Covid datas of #Pakistan & #China are coming.@narendramodi must take up.@MamataOfficial pic.twitter.com/prSoZ2IsJg— DR SANTANU SEN (@SantanuSenMP) January 30, 2022
ट्विटर ने भी की थी ऐसी गलती
बताते चलें कि 2021 में ट्विटर ने भारत के मानचित्र को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर को एक अलग देश और लद्दाख के बड़े हिस्से को चीन के हिस्से के रूप में दर्शाया गया था। उस घटना से ठीक दस महीने पहले, अक्टूबर 2020 में ट्विटर ने लेह को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हिस्से के रूप में जियो-टैग किया था। तत्कालीन समय में इस मामले पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने एक कड़ा पत्र लिखा था।
तत्कालीन ट्विटर संस्थापक और वैश्विक प्रमुख जैक डोर्सी को कड़े पत्र के माध्यम से भारत ने चेतावनी दी थी। सरकार ने अपने पत्र में कहा था, “ट्विटर द्वारा भारत की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का कोई भी प्रयास गैरकानूनी और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।” हालांकि, इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ट्विटर ने गलत मानचित्र को हटा दिया था।
WHO को मुंहतोड़ जवाब दे भारत सरकार
वहीं, इस मामले को उजागर करने वाले सांसद डॉ शांतनु सेन ने लिखा, “हमारे भारतीय मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश राज्य के हिस्से को भी अलग से सीमांकित किया गया है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और हमारी सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए थी और इस मुद्दे को और अधिक सतर्क रहते हुए बहुत पहले ही उठाना चाहिए था।” शांतनु सेन ने यह भी कहा कि भारत के लोगों को सूचित किया जाना चाहिए कि इतनी बड़ी गलती को कैसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
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ऐसे में, WHO से भारत सरकार अपने अनादर का बदला कैसे लेती है, यह देखने योग्य होगा। बता दें कि WHO चीन का समर्थन करता है किन्तु भारत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। भारत सरकार को इसका जवाब कड़ाई से देना चाहिए।