भारत से इतने सारे लोग यूक्रेन में डॉक्टर बनने क्यों जाते हैं?

यूक्रेन में 'मेडिकल' करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है!

Indians in Ukraine

Source- TFIPOST

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने हज़ारों भारतीय माता-पिताओं के मन में दहशत और भय पैदा कर दिया है। उनके बच्चे युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए हैं, जहां हवाई हमले के सायरन बज रहे हैं और रूसी सेनाएं निरंतर बम और मिसाइल गिरा रही है। अपने नागरिकों को संकटग्रस्त क्षेत्र से निकालने के भारत के प्रयासों में उस समय भारी बाधा आई, जब यूक्रेन ने अपने हवाई क्षेत्र पर रोक लगा दी। पर, भारत के साहस के आगे सभी को झुकना पड़ा और हवा में उड़ती मिसाइलों के बीच से एयर इंडिया अपने छात्रों और नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाल रही है। यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, देश में करीब 18,095 भारतीय छात्र हैं। यूक्रेन में अध्ययन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या में, भारत 22.9 प्रतिशत के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद मोरक्को 10.23 प्रतिशत, अजरबैजान 6.8 प्रतिशत, तुर्कमेनिस्तान 6.64 प्रतिशत, नाइजीरिया 5.44 और तुर्की 4.68 प्रतिशत का स्थान है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर यूक्रेन से इतने सारे भारतीय छात्र मेडिकल का अध्ययन क्यों कर रहे हैं? इसके पीछे का कारण क्या है? इसके क्या लाभ हैं?

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यूक्रेन के 5 संस्थानों में हैं सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र

चिकित्सा के क्षेत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर विशेषज्ञों की सबसे बड़ी संख्या के साथ यूक्रेन यूरोप में चौथे स्थान पर आता है। यूक्रेन के कुछ सरकारी विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध हैं। भारतीय माता-पिता भारत में स्थित कम प्रसिद्ध निजी मेडिकल कॉलेज में ज्यादा फीस देने के बजाए, अपने बच्चों को इन विदेशी संस्थानों में भेजना पसंद करते हैं। यूक्रेन में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम दुनिया भर में मान्यता प्राप्त हैं। ऊपर से छात्रों को अंग्रेजी, यूक्रेनी और रूसी भाषाओं के बीच शिक्षा का माध्यम चुनने का विकल्प दिया जाता है। यूक्रेनी सरकार के आंकड़े कहते हैं कि 158 देशों से आनेवाली अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी देश के मात्र पांच शैक्षणिक संस्थानों में ही फैली हुई है। उत्तर पूर्वी यूक्रेन के शहर में दो विश्वविद्यालय- खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Kharkiv National Medical University) और वीएन करज़िन खार्किव नेशनल यूनिवर्सिटी, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय है। उनमें से प्रत्येक में करीब 5,000 गैर-यूक्रेनी छात्र हैं।

भारत की तुलना में कम है फीस

यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज उन छात्रों के लिए वरदान हैं, जो सरकारी कॉलेजों में सीट पाने में असमर्थ हैं या भारत में निजी संस्थानों द्वारा वसूले जाने वाले भारी शुल्क को वहन करने में असमर्थ हैं। यूक्रेन में छह साल की मेडिकल डिग्री की कीमत 17 लाख रुपये है, जो भारत के निजी मेडिकल कॉलेजों से कम है। भारत से यही कोर्स करने पर छात्रों को 70 लाख से 1 करोड़ रुपये तक देने पड़ जाते हैं। अगर प्रति वर्ष फीस की बात करें, तो यूक्रेन में MBBS पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षण शुल्क लगभग 2.62 लाख रुपये से 3.75 लाख रुपये के बीच है, जबकि भारत में निजी चिकित्सा संस्थानों में यही फीस 7 लाख से 10 लाख रुपये है। ऊपर से सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित भारतीय संस्थानों में सीटें अपेक्षाकृत बहुत कम है। इनमें मिलने वाला आरक्षण और कोटा व्यवस्था भी भारतीय शिक्षा संस्थानों से मोह भंग का सबसे बड़े कारणों में से एक है।

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भारत में अभ्यास करने के लिए देनी होती है FMGE

जब छात्र विदेशी एमबीबीएस डिग्री के साथ भारत लौटते हैं, तो उन्हें भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने हेतु लाइसेंस प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) देनी होती है। यूक्रेन से मेडिकल डिग्री वाले लगभग 4,000 छात्र हर साल FMGE में भाग लेते हैं, लेकिन केवल 700 ही पास होते हैं। हालांकि, कम पास दर भी छात्रों को यूक्रेनी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने से नहीं रोकता है, जहां कोई प्रवेश परीक्षा नहीं होती तथा पाठ्यक्रम और माध्यम भी अंग्रेजी में उपलब्ध हैं। भारतीय छात्र चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए यूक्रेन को क्यों चुनते हैं, इसका एक अन्य कारण यह है कि इन मेडिकल स्कूलों में प्रवेश पाने के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं है।

कई छात्रवृत्ति कार्यक्रम भी प्रदान करता है यूक्रेन

छात्र यह भी कहते हैं कि क्योंकि अंग्रेजी शिक्षा का माध्यम है, जो उनके लिए सरल है और उन्हें विदेशी भाषा सीखने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत भी नहीं है। यूक्रेन बहुत सारे छात्रवृत्ति कार्यक्रम भी प्रदान करता है, जैसे- अंटार्कटिक रिसर्च में SCAR फैलोशिप, HKADC ओवरसीज आर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन स्कॉलरशिप, AIRC इंटरनेशनल कैंसर रिसर्च फेलोशिप जैसे कई अन्य छात्रवृत्ति कार्यक्रम भी हैं। यूक्रेन में स्थित कुछ विश्वविद्यालय और संस्थान 200 से 250 वर्ष पुराने हैं और उनके पास चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए उन्नत बुनियादी ढांचा है।

यूक्रेन के किसी भी विश्वविद्यालय से डिग्री पूरी करने से छात्रों के किसी भी यूरोपीय देश में बसने का द्वार खुल जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यूक्रेन शत-प्रतिशत वीज़ा प्राप्ति का आश्वासन देता है। यूक्रेन जाने वाले छात्रों को लगभग 50 प्रतिशत यात्रा छूट मिलती है। इसके अलावा यूक्रेन रहने के लिए सबसे सस्ते देशों में से एक है। इन्हीं कारणों की वजह से यूक्रेन में चिकित्सा की पढ़ाई छात्रों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।

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