पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में जो क्रांतिकारी बदलाव आए हैं उसमें सबसे बड़ी भूमिका ऑनलाइन माध्यम से होने वाले भुगतान की है। UPI ने इस बदलाव में सबसे बड़ी भूमिका अदा की है। इस सिस्टम का संचालन National Payments Corporation of India (NPCI) द्वारा किया जाता है जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अंतर्गत कार्य करती है। ऑनलाइन माध्यम से होने वाले भुगतान में एक समस्या कनेक्टिविटी की होती है। प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में, इंटरनेट आपूर्ति में गड़बड़ी के कारण ऑनलाइन माध्यम से होने वाले लेनदेन में रुकावट आती है। किंतु अब NPCI ने इस समस्या का समाधान खोज लिया है।
आरबीआई ने शुरू की है नयी ऑफलाइन भुगतान सेवा
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के साथ ऑफलाइन भुगतान सेवा शुरू की है। यह एक ऐसी सेवा है जो फीचर फोन वाले लोगों को UPI का उपयोग करने की अनुमति देती है। यह किसी व्यक्ति को इंटरनेट के बिना भुगतान करने की अनुमति देता है। इसे UPI लाइट भी कहा जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा “फिलहाल यह लगभग ऑफलाइन होगा लेकिन इसके लिए स्मार्टफोन की जरूरत होगी। यह अगले 10 दिनों में शुरू होने वाला है।” अर्थात अभी यूपीआई लाइट को स्मार्टफोन के माध्यम से संचालित किया जाएगा किंतु जल्द ही इसे फीचर फोन के माध्यम से भी शुरू किया जा सकता है।
शुरू में लेनदेन की प्रक्रिया में केवल भुगतान ऑफलाइन माध्यम से संभव हो सकेगा किंतु जल्द ही अकाउंट से भुगतान करने अथवा अकाउंट में पैसा डालने, दोनों कार्यों ऑफलाइन माध्यम से पूरे हो सकेंगे।
और पढ़ें :- PM मोदी के ‘डिजिटल इंडिया मिशन’ ने बढ़ाया एक और कदम सफलता की ओर
एक बार में भुगतान की सीमा अधिकतम ₹200 होगी जबकि यूपीआई लाइट के वालेट में एक बार में ₹2000 की राशि रखी जा सकेगी। रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न शोध के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि भारत का 50% भुगतान ही ₹200 तक के मूल्य का होता है। खुदरा व्यापार में अर्थात बाजार में होने वाले आम लेनदेन में 75% लेनदेन ₹100 से कम का होता है।
और पढ़ें :- जल्द ही चलन में होगा इंटरनेट के बिना डिजिटल भुगतान!
भारत में डिजिटलीकरण जिस तेजी से बढ़ रहा है उसे देख कर कई रिपोर्ट यह दावा करती है कि अगले 10 वर्षों में भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था 1.1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बड़ी होगी। किंतु भारत सरकार द्वारा इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ ही स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग पर जितना ध्यान दिया गया है, ऐसा भी हो सकता है कि यह आंकड़ा 1.1 ट्रिलियन डॉलर से भी बड़ा हो।
कोरोना काल के बीच दर्ज की गई वृद्धि
अकेले वर्ष 2021 की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैलेंडर 2021 में 73 लाख करोड़ रुपये की राशि के 3800 करोड़ UPI लेनदेन हुए। इस 1 वर्ष की अवधि के 2021 में भारत का स्मार्टफोन शिपमेंट बढ़कर 169 मिलियन हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2021 में देखी गई वृद्धि कोरोना काल में प्रभावित हुए व्यापार के बीच दर्ज की गई है। इस दौरान स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग भी प्रभावित रही थी क्योंकि सप्लाई चेन अपनी पूरी शक्ति से कार्य नहीं कर रही है।
और पढ़ें :- वर्ष 2021: जब वैश्विक ई-पेमेंट लीडर के रूप में उभरा भारत
अतः कहा जा सकता है कि भारत जिस दिशा में बढ़ रहा है भविष्य डिजिटल अर्थव्यवस्था का ही है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को ऑफलाइन माध्यम से बढ़ावा देने का सबसे अधिक लाभ यही है कि इसके उपयोग में अब और आसानी होगी।