पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है और भगवंत मान राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। प्रचार तंत्र का विधिवत प्रयोग करने वाली यह पार्टी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण को भी अपने प्रचार के लिए प्रयोग करने वाली है। किंतु इसके लिए आम आदमी के पैसे लगाए जा रहे हैं। भगवंत मान का शपथ ग्रहण समारोह 16 मार्च को खटकर कलां गांव में संपन्न होगा। यह वही गांव है जहां महान क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह का जन्म हुआ था। भगवंत मान का कहना है कि भगत सिंह उनके लिए ‛एकमात्र मूर्ति, एकमात्र गुरु और एकमात्र नायक’ हैं। निश्चित रूप से सरदार भगत सिंह का व्यक्तित्व इतना बड़ा है कि वह केवल भगवंत मान के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए एक आदर्श है। किंतु देखने योग्य बात यह है कि जो पार्टी अपने आपको आम आदमी की पार्टी कहती है वह इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए आम आदमी के ही पैसे बर्बाद कर रही है।
1 घंटे के शपथ ग्रहण समारोह पर खर्चे जाएंगे 2.61 करोड़ रुपये
खटकर कलां गांव में कोई भी इतना बड़ा सभागार नहीं है जहां शपथ ग्रहण जैसा बड़ा कार्यक्रम संपन्न कराया जा सके। 1 घंटे के शपथ ग्रहण समारोह के लिए राज्य सरकार 2.61 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। इसके लिए 40 एकड़ के गेंहू के खेतों की कटाई होगी। इसके लिए किसानों को भुगतान किया जाएगा। किसानों से कहा गया है कि वे खड़ी फसल की जुताई करें, जो अभी पकनी है, और इसके बदले उन्हें लगभग 46,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कार्यक्रम में आगंतुकों की संख्या बढ़ेगी तो और भी क्षेत्रों में मुआवजा देकर खेतों की कटाई की जाएगी।
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भगत सिंह के आदर्शों से कोसों दूर है आप
बड़ा सवाल यह है कि केवल यह दिखाने के लिए कि भगवंत मान और आम आदमी पार्टी सरदार भगत सिंह को कितना मानती है, आम आदमी का पैसा लुटाने की क्या आवश्यकता है। इस मूर्खतापूर्ण कार्य से आम आदमी पार्टी ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह भगत सिंह के आदर्शों से तो कोसों दूर है ही बल्कि उनके और उनके जैसे महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगी। सब कुछ केवल प्रोपोगेंडा के लिए किया जाएगा। अगर इस प्रकार का कार्य किसी भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा होता तो मीडिया में अभूतपूर्व हाय तौबा मची होती।
ना केवल इस शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी के पैसे बर्बाद किए जा रहे हैं बल्कि लोकतंत्र की मूलभूत भावना के विरुद्ध कार्य हो रहा है। अब तक कोई भी दल चुनाव जीता था तो शपथ ग्रहण समारोह में विरोधी दल के नेताओं को आमंत्रित किया जाता था। इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों सहित प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने की परंपरा रही है। लेकिन भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल के अतिरिक्त किसी मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया है। यहां तक कि विपक्षी दल के नेताओं को तथा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तक को आमंत्रित नहीं किया गया है। संभवतः केजरीवाल यह चाहते हैं कि वह इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त एक मात्रा आकर्षण का केंद्र रहे।
राज्य पर पहले से ही है कर्ज
राज्य पर पहले से ही कर्ज है और उसमें ऐसा अनावश्यक खर्च किया जाएगा, जबकि अमृतसर जैसे बड़े शहरों में इससे कम खर्च में इस प्रकार का आयोजन हो सकता है। एक ओर पंजाब में किसानों से बड़े-बड़े वादे करके आम आदमी पार्टी सरकार में आई है वहीं दूसरी ओर दिल्ली में किसानों का एक समूह केजरीवाल के घर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा हुआ है किंतु मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास उनकी बात सुनने के लिए समय नहीं है।
किसान अपनी 12 सूत्रीय मांग के साथ धरने पर बैठे हुए हैं। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, ‘किसानों से वादा किया गया था कि सिंचाई के वास्ते मुफ्त बिजली दी जायेगी, लेकिन यह वादा पूरा नहीं किया गया. मुख्यमंत्री किसानों को सिंचाई के वास्ते ट्यूबवेल लगाने देने एवं बिजली कनेक्शन देने का वादा भी भूल गये.’ इसके अतिरिक्त दिल्ली सरकार द्वारा अधिग्रहित की जाने वाली जमीन का मुआवजा बढ़ाने की भी मांग उठाई गई है। इन पर चर्चा तो दूर केजरीवाल के पास इन्हें सुनने तक का समय नहीं है क्योंकि वह अभी अपने छोटे भाई भगवंत मान के साथ पंजाब भ्रमण पर निकले हैं।