TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘क्वीन’ सोनिया की निरंकुशता से नाराज विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस को कहा अलविदा

कांग्रेस तानाशाही से भी पार जा चुकी है!

Utkarsh Upadhyay द्वारा Utkarsh Upadhyay
23 March 2022
in चर्चित, राजनीति
विक्रमादित्य सिंह

Source- Google

Share on FacebookShare on X

कांग्रेस अब वो पार्टी बनकर रह गई है जिसे छोड़ने को सभी तैयार हैं, पर उसमें कोई भी शामिल होना नहीं चाहता। इसका सबसे बड़ा कारण जो सबके मुख पर रहता है वो एक ही है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पार्टी को संगठन के तौर पर नहीं अपितु राजशाही की भांति चलाना। स्वयं को श्रेष्ठ और सर्वश्रेष्ठ मानते आए गांधी परिवार ने कांग्रेस की बंटाधार कर दिया है। कांग्रेस की बर्बादी के लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो वो है गांधी परिवार। मां नहीं तो बेटा और बेटा नहीं तो बेटी, कांग्रेस में इसी के इर्दगिर्द सब कुछ मंडराता है। ऐसे में कई नेता जो कांग्रेस आलाकमान की तानाशाही से खिन्न थे, वे पार्टी छोड़ विभिन्न दलों में चले गए और अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित कर लिया। हाल ही में जिस नेता ने कांग्रेस का दामन छोड़ा है, वो हैं कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह।

दरअसल, एक “क्वीन” की भांति चले आ रहे सोनिया गांधी के व्यवहार और उनकी निरंकुशता का ही परिणाम है जो कांग्रेस से नाराज विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी को अलविदा कह दिया। विक्रमादित्य सिंह, दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री करण सिंह के बड़े बेटे हैं। उन्होंने पार्टी पर “जमीनी वास्तविकताओं से नाता” न रखने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया है। यह कोई नया कारण या कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस आलाकमान के इसी राजशाही रवैये ने आज उसे कहीं का नहीं छोड़ा है। जहां भी कांग्रेस की हार हुई वहां से एक ही आवाज़ उठी “नेतृत्व परिवर्तन”, वो बात अलग है कि नेतृत्व परिवर्तन का नारा बुलंद करने वाले नेताओं ने पार्टी में अपमान का घूंट पीकर दल परिवर्तन कर लिया। क्योंकि नेतृत्व परविर्तन की बात उठाकर वे कांग्रेस आलाकमान की आंखों में खटकने लगे थे और ऐसे में वहां रहना मतलब खून का घूंट पी कर रोज़ अपनी फजीहत कराने के समान था।

संबंधितपोस्ट

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

राहुल गांधी का विदेशी भाषण: भारत की आलोचना का ‘इम्पोर्टेड एजेंडा’ और आत्मघाती राजनीति की परंपरा

और लोड करें

और पढ़ें: सिंधिया ने दिग्विजय को किया चारों खाने चित्त

कांग्रेस की कुंठित सोच का हो रहा हिसाब

एक ओर जहां आज भी देश के कई राज्यों में राजशाही परिवारों के वंशजों को पूजा जाता है, लोग उनकी इज़्ज़त एक राजा के तौर पर नहीं बल्कि अपनत्व की भावना के साथ किया करते हैं, तभी आज चाहे वो ज्योतिरादित्य सिंधिया हों, जितिन प्रसाद हों या फिर विक्रमादित्य सिंह, उनके जैसे तमाम राजशाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले नेताओं की लोकप्रियता और जनता में उनके प्रति प्रेमभाव में लेश मात्र भी कमी नहीं आई है। और यहां स्वघोषित राजा-रानी वाली कांग्रेस को एक ही राजशाही परिवार चलाता आ रहा है, नाम है “गाँधी परिवार।” इन सभी नेताओं में सबसे बड़ी समानता यही है कि यह सभी कांग्रेस पार्टी से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े रहे और अन्तोत्गत्वा भाजपा में शामिल हो गए। यूं तो विक्रमादित्य सिंह ने आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल होने के कोई संकेत नहीं दिए हैं, परंतु जैसी परिस्थितियां हैं उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वो आज नहीं तो कल भाजपा का दामन थाम ही लेंगे।

यह कांग्रेस की सबसे गलत और कुंठित सोच वाली नीति रही है, जो उसने कभी भी उन योग्य राज परिवार से आने वाले नेताओं को आगे बढ़ने का अवसर नहीं दिया जिनके परिवार का एक अहम योगदान स्वतंत्रता और स्वतंत्रता पश्चात देश के लिए रहा। उन सभी को छोड़कर कांग्रेस ने चाटुकारों और नेहरू-गाँधी परिवार की जीहुजूरी करने वालों को ही आगे बढ़ाया और यही कारण रहा जो एक-एक कर उन सभी ने कांग्रेस को तिलांजलि देना बेहतर समझा और अपने अस्तित्व एवं स्वाभिमान को जीवंत रखने के लिए अन्य पार्टियों का रुख किया। वो बात अलग है कि कांग्रेस के नेता उन्हें अवसरवादी कहते हैं, पर उन कांग्रेसियों को शायद यह विदित नहीं कि यह वही कांग्रेस आलाकमान है जो सरकार बनाने के लिए इन्हीं राजशाही परिवारों के बल पर चुनाव जीत जाती थी और अंत में उन्हीं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता था। ऐसे में अवसरवादी कौन हैं यह अनुमान लगाना बेहद आसान है।

सिंह ने त्यागपत्र देते हुए कही ये बात

अब बात विक्रमादित्य सिंह की करें तो उन्होंने ट्विटर के माध्यम से यह बात साझा की कि वो त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफा देता हूं। जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राष्ट्र हित को लेकर मेरी स्थिति कांग्रेस पार्टी के साथ मेल नहीं खाती है। पार्टी जमीनी हकीकत से कट चुकी है।” अपने पोस्ट के साथ उन्होंने एक पत्र साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘प्रिय श्रीमती सोनिया गांधी जी, मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मेरा मानना है कि कांग्रेस जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं को महसूस करने और व्यक्त कर पाने में असमर्थ है।’

I hereby tender my resignation from the Indian National Congress.

My position on critical issues vis-à-vis Jammu & Kashmir which reflect national interests do not align with that of the Congress Party. @INCIndia remains disconnected with ground realities. @INCJammuKashmir pic.twitter.com/g5cACgNf9y

— Vikramaditya Singh (@vikramaditya_JK) March 22, 2022

विक्रमादित्य सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के बाद बालाकोट हवाई हमले, अनुच्छेद 370-35A को रद्द करने सहित कई अन्य मुद्दों के समर्थन में विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस में शामिल होने के बाद, मैंने कई मुद्दों के समर्थन में विचार व्यक्त किए जो कांग्रेस के रुख से मेल नहीं खाते। इनमें बालाकोट हवाई हमले, अनुच्छेद 370-35A का निरसन, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का गठन, गुप्कर गठबंधन की निंदा और परिसीमन प्रक्रिया का समर्थन शामिल है। जी-23 नेताओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘जी-23 में कई कुशल कांग्रेसी नेता हैं और उनकी अनदेखी करना बड़ी भूल है। समय के साथ नहीं बदले, जनता और युवाओं की आकांक्षाओं को ध्यान में न रखें, तो आप फीके पड़ जाएंगे। अगर कोई समूह (G-23 गुट) आलाकमान को सुझाव देने के लिए उभरा है तो पार्टी को सहयोग करना चाहिए।”

उन्होंने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर भी बात की और कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कांग्रेस अभी भी “कश्मीरी नरसंहार के नतीजों को स्वीकार नहीं कर रही है।” उन्होंने कहा, “मैंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म नहीं देखी है …लेकिन मैं 1989 तक श्रीनगर में था…यह दुखद है कि कांग्रेस अभी भी इनकार कर रही है और कश्मीरी नरसंहार के नतीजों को स्वीकार नहीं कर रही है।”

2017 में कांग्रेस में हुए थे शामिल

आपको बताते चलें कि यूं तो विक्रमादित्य अगस्त 2015 में पीडीपी में शामिल हुए थे और राज्य विधान परिषद के सदस्य थे। उन्होंने अक्टूबर, 2017 में पार्टी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उनके लिए पीडीपी के साथ बने रहना संभव नहीं था, जिसने “जम्मू क्षेत्र की मांगों और आकांक्षाओं की अवहेलना की।” इसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्होंने कांग्रेस से जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में ये तो तय है कि अब कांग्रेस तानाशाही से पार जा चुकी है और सत्य तो यह है कि उसके भीतर की सिरफुटव्वल अब सरेआम हो गई है। अपने नेताओ से सुझाव लेने से कतरा रहा आलाकमान अब उस पड़ाव पर आकर खड़ा है, जहां उसके पास न पाने को कुछ बचा है और न खोने को। अपने अस्तित्व को भुनाना तो दूर, कांग्रेस रहे बचे नेताओं को संतुष्ट भी नहीं कर पा रही है, क्योंकि उसके आलाकमान के भीतर से “क्वीन सोनिया” और “प्रिंस राहुल” की प्रवृत्ति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है!

और पढ़ें: हिमंता, सिंधिया, प्रसाद और भविष्य में शायद पायलट और देवड़ा भी, युवा नेता कांग्रेस से किनारा क्यों कर रहे हैं?

Tags: कांग्रेस पार्टीराहुल गाँधीविक्रमादित्य सिंहसोनिया गाँधी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारतीय सिनेमा में चल पड़ी है राष्ट्रीयता की एक नई लहर, पर्दे पर जल्द दिखेंगे ये रियल हीरो

अगली पोस्ट

2017 में 15 फीसदी से 2022 तक डेबिट कार्ड बाजार में 60 फीसदी हिस्सेदारी, यह है RuPay के उत्थान की असली कहानी

संबंधित पोस्ट

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत
इतिहास

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

22 October 2025

जून 2025 में सऊदी अरब ने आधिकारिक रूप से अपने विवादित कफाला प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था, जिसे...

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने
चर्चित

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

22 October 2025

बिहार की राजनीति इस वक्त फिर उसी पुराने मोड़ पर लौटती दिखाई दे रही है, जहां गठबंधन एकता का ढोल तो पीट रहा है, लेकिन...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited