2017 में 15 फीसदी से 2022 तक डेबिट कार्ड बाजार में 60 फीसदी हिस्सेदारी, यह है RuPay के उत्थान की असली कहानी

RuPay ने वीजा और मास्टरकार्ड की बैंड बजा दी है!

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Source- TFIPOST

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा शुरू की गई भुगतान सेवा प्रणाली RuPay का तेजी से विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 में कंपनी के पास केवल 15% बाजार हिस्सेदारी थी और आज यह देश में भुगतान कार्ड बाजार के 60 फीसदी से अधिक हिस्से पर नियंत्रण रखती है। घातीय वृद्धि दर्शाती है कि RuPay ने पिछले कुछ वर्षों में एक लंबा सफर तय किया है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड बाजार में RuPay की हिस्सेदारी कम है लेकिन यह निम्न-आय वर्ग के भुगतान माध्यम की रीढ़ बन चुकी है। बैंकों, विशेष रूप से सार्वजनिक उपक्रमों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उच्च आय वर्ग के ग्राहकों के बीच भी देश में RuPay कार्डों को बढ़ावा दिया जाए। अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेहतरीन सौदे और अच्छे ग्राहक अनुभव प्रदान कर सकते हैं। बैंक इसका व्यापार नहीं कर सकते, अतः ग्राहकों को खोने का जोखिम उठाते हैं क्योंकि उनके क्रेडिट कार्ड से संबंधित शुल्क उनके लिए मायने रखता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अमेरिकी कार्ड कंपनियों ने रूस में सेवाएं बंद कर दी हैं, जिसे देखते हुए भारतीय कंपनियों को अल्पकालिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक लाभ और लचीलेपन पर ध्यान देना चाहिए और इन्हीं मानकों पर RuPay खरा उतर रहा है। साथ ही बैंकों को उन दिनों को भी नहीं भूलना चाहिए, जब RuPay से प्रतिस्पर्धा के अभाव में अमेरिकी कार्ड कंपनियां उन्हें और ग्राहकों का शोषण कर रही थी। बैंकों को पहले मास्टरकार्ड और वीजा जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उच्च संबद्धता शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब RuPay के साथ वे भारतीय नेटवर्क पर काम करने में सक्षम हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अकेले वर्ष 2020 में कुल 258 मिलियन RuPay डेबिट कार्ड जारी किए गए थे। RuPay कार्डों की वृद्धि का एक कारण यह भी है कि RuPay एक न्यूनतम ट्रांजेक्शन राशि लेता है, जबकि अन्य दो विदेशी कंपनियां (Visa & Master Card) एकाधिकार के कारण अधिक राशि वसूलती हैं।

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ग्लोबल हो रहा है RuPay कार्ड

वर्ष 2018 में, पीएम नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में इंडियन हेरिटेज सेंटर का दौरा किया, जहां उन्होंने मधुबनी पेंटिंग खरीदी थी। और उन्होंने इसे कैसे खरीदा? उन्होंने भुगतान करने के लिए एक SBI RuPay कार्ड को चुना। यह भुगतान गेटवे के वैश्विक होने का संकेत था। वर्ष 2019 में, RuPay ने घोषणा की थी कि अब इसका उपयोग 195 देशों के नागरिक करते हैं। उसके कुछ ही महीनों बाद, पीएम मोदी ने सऊदी अरब में भी पेमेंट गेटवे लॉन्च किया। वर्तमान में 42.4 मिलियन पीओएस स्थानों और 200 से अधिक देशों में 1.90 मिलियन ATM में यह स्वीकार किया जाता है।

IPL का आधिकारिक भागीदार बना RuPay

बताते चलें कि RuPay दुनिया के शीर्ष वैश्विक कार्ड भुगतान नेटवर्क के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। लेकिन जिस चीज की जरूरत सबसे ज्यादा है, वह है- प्रचार। सभी ब्रांडों को उनका सटीक प्रचार प्रबंधन ही एक ऊंची छलांग देता है और बड़ी छलांग लगाने के लिए विज्ञापनों की आवश्यकता होती है। अतः RuPay के लिए IPL का आधिकारिक भागीदार बनना एक बड़ी छलांग है। अब यह भुगतान गेटवे सरकार के वित्तीय समावेशन एजेंडे के एक उपकरण मात्र होने के बजाय, अपनी छवि को एक अग्रणी कार्ड भुगतान नेटवर्क प्रणाली में बदल सकता है।

एक समय था जब कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि RuPay कार्ड भुगतान नेटवर्क बाजार का नेतृत्व करेगा। लेकिन फिर पीएम मोदी सत्ता में आएं और तब से सब कुछ बदल गया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और RuPay कार्ड जैसी सेवाओं के साथ वित्तीय प्रौद्योगिकी में अग्रणी स्थान हासिल किया है और जल्द ही देश में MSME आधारित क्रेडिट सुनिश्चित करने के लिए ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क (OCEN)  बन सकते है। भारत को इसे दूसरे देशों में ले जाना चाहिए और भारतीय कंपनियों को अगला Google, Apple और Facebook बनना चाहिए।

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