मोदी सरकार ने भारत के हर एक विभाग और व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया है। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जो मोदी सरकार द्वारा लाए गए परिवर्तनों से अछूता रहा हो चाहे वो भारत की कर व्यवस्था हो या फिर भारत की मौद्रिक व्यवस्था और शिक्षा भी एक ऐसा ही क्षेत्र है। 1986 से अपरिवर्तित भारत की शिक्षा नीति को मोदी सरकार ने परिवर्तित कर पूरे देश में एक समान शिक्षा व्यवस्था को लागू किया। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी समरूपता और उत्कृष्टता लाने का भरपूर प्रयास किया है।
और पढ़ें- झूठ के पुलिंदे पर टिका है अरविंद केजरीवाल का शिक्षा मॉडल !
सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के लिए कहा गया है
इसी क्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को अपने यूजी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी (CUET) स्कोर का उपयोग करने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा- “आज, हमने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्रधानाचार्यों को अपने यूजी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के लिए लिखा है।”
उन्होंने कहा कि सीयूईटी के साथ छात्रों को 12वीं कक्षा में आसमान छूते अंक प्राप्त करने के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है और इसके अलावा उन्हें कई परीक्षाएं भी नहीं देनी हैं। सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET 2022) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है और यह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाएगी। परीक्षा का एग्जाम पैटर्न (CUET Exam pattern 2022) जल्द ही जारी किया जाएगा। एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू कर दी जाएगी। इन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब पूरी तरह से CUET स्कोर के आधार पर होगा और 12 वीं बोर्ड के अंकों में कोई वेटेज नहीं होगा।
और पढ़ें- प्रेमचंद का जीवन परिचय – जन्म, शिक्षा, विवाह, उपन्यास और मृत्यु
पत्र में और क्या कहा गया है?
पत्र में कहा गया है, “छात्रों को अलग-अलग तिथियों पर आयोजित कई प्रवेश परीक्षाओं में बैठने से बचाने के लिए, कभी-कभी एक ही तिथि पर दो विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के आयोजन को रोकने के लिए और विभिन्न बोर्डों के सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने के लिए, यूजीसी सभी राज्य विश्वविद्यालयों को 2022-23 से सीयूईटी स्कोर को अपनाने और उपयोग करने के लिए आमंत्रित और प्रोत्साहित करता है।
NTA ने अपने नोटिस में उल्लेख किया है- “CUET (UG) – 2022 कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ वस्तुनिष्ठ प्रकार का होगा। परीक्षा में चार खंड शामिल होंगे जो खंड IA – 13 भाषाएं, खंड IB – 20 भाषाएं, खंड II – 27 डोमेन-विशिष्ट विषय, खंड III – सामान्य परीक्षा के इच्छुक हैं।”
और पढ़ें-संप्रदा सिंह जी का सम्पूर्ण जीवन परिचय, शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय एवं मृत्यु
पाठक की जानकारी के लिए बता दें की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की नींव भी मोदी सरकार द्वारा ही रखी गई थी ताकि भारत में विभिन्न संस्थानों द्वारा किए जाने वाले परीक्षा आयोजनों और प्रश्न पत्र के मानकों में भी समरूपता लाई जा सके। इस संस्था के गठन से ना सिर्फ परीक्षार्थियों को सुगमता प्राप्त हुई बल्कि परीक्षा के आयोजन और आयोजक संस्थान का भी एकीकरण हुआ। अब नरेंद्र मोदी सरकार सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रवेश परीक्षा को सुगम बनाने जा रही है। सरकार के इस कदम से दिल्ली यूनिवर्सिटी के 100 परसेंट मेरिट के दिन भी अब लद जाएंगे। परीक्षार्थियों को अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं भी नहीं देनी पड़ेंगी। एक ही परीक्षा सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए मान्य साबित होगी। कुल मिलाकर सरकार का यह कदम सराहनीय और प्रशंसनीय है।