बस अपनी Disney subscription रद्द करें, यह अब आपके बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है

Disney जो कर रहा है वो बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है?

सौजन्य गूगल

मॉडर्न और फूहड़ बनने में बहुत अंतर होता है पर अपने पश्चिमी एजेंडे को चलाने के लिए लोगों के विचारों को प्रभावित करना जुर्म होता है। वैश्विक मनोरंजन प्लेटफॉर्म वॉल्ट डिज़नी कंपनी ने तर्कसंगतता और सामान्य ज्ञान की सीमाओं को पार कर कथित जागृत विचारों में गोता लगाया है। एक कंपनी जो खुलेआम उइगर मुसलमानों के आवास शिविरों के पास फिल्में बनाती है, जिन्हें होलोकॉस्ट से कहीं अधिक भीषण परिस्थितियों में नष्ट किया जा रहा है, वही अब दुनिया को समावेश और स्वतंत्रता के बारे में उपदेश दे रही है, इससे हास्यास्पद बात और हो भी क्या सकती है।

कहां से शुरू हुआ पूरा मामला?

दरअसल, मामला तब शुरू हुआ जब कथित तौर पर, डिज़नी की विविधता और समावेशन प्रबंधक विवियन वेयर ने बुधवार को कंपनी की आधिकारिक वीडियो कॉल के दौरान कहा कि डिज़नी ने देश और विदेश में अपने थीम पार्कों में ‘बॉयज’ और ‘गर्ल्स’ के किसी भी उल्लेख पर प्रतिबंध लगा दिया था। वेयर ने आगे कहा कि, कंपनी ने अपने थीम पार्क में “महिला-पुरुष” “लड़कों” और “लड़कियों” के सभी उल्लेखों को समाप्त कर दिया है ताकि उन बच्चों के लिए “वह जादुई क्षण” बनाया जा सके जो पारंपरिक लिंग भूमिकाओं के साथ पहचान नहीं करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी लैंगिक संदर्भों को खत्म करने के लिए “उन रिकॉर्ड किए गए संदेशों को बदलने” और “मर्चेंडाइज के साथ काम करने, भोजन और पेय पदार्थों के साथ काम करने” की प्रक्रिया में है।

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डिज़नी जो थीम पार्कों को चलाता है और उनके ‘पृथ्वी की सबसे खुशहाल और जादुई जगह’ होने का दावा करता है, एक ऐसे विचार को लागू कर रहा है जो किसी भी अंतर को जमीनी स्तर पर लेश मात्र ही प्रदर्शित कर सकता है, अर्थात सामाजिक रूप से इस इसकी स्वीकार्यता ही कठघरे में हुई फिर भी डिज़नी को करना वही है जो उसको ठीक लग रहा है। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी “राजकुमारों” और “राजकुमारियों” जैसे लिंग संबंधी शब्दों को दूर कर रही है – इस सवाल के बाद तो एक लम्बी और कठोर चुप्पी बनी रही पर जवाब नहीं आया।

प्रिंस एंड प्रिंसेस वाले टैग की जरूरत

डिज़नी को अपनी काल्पनिक फिल्मों के साथ-साथ माल बेचने के लिए प्रिंस एंड प्रिंसेस वाले टैग की जरूरत पड़ती है। वहीं ‘बॉय’ और ‘गर्ल’ टैग वास्तव में उसके लिए किसी काम नहीं आता क्योंकि डिज़्नी के परिप्रेक्ष्य में  यह अप्रासंगिक था।

हालांकि, यह सत्य है कि विभिन्न लिंगों को संशोधित करके, डिज़नी केवल LGBTQ समुदाय का शोषण कर रहा है। यह कंपनी को वेक सेक्शन को केवल सकारात्मक पीआर देता है। यदि यह वास्तव में समुदाय के बारे में गंभीर होते, तो राजकुमार और राजकुमारी जैसे शब्दों का प्रयोग भी रोक दिया जाना चाहिए था पर वो हटने से दुकान बंद हो जाती तो ऐसा करना मुश्किल पड़ जाता।

इसके अलावा, एक पाखंडी की तरह, डिज़नी अभी भी कंपनी के कपड़ों और अन्य सामानों को “पुरुषों,” “महिलाओं,” “लड़कियों” और “लड़कों” के तहत वर्गीकृत करता है और यहां तक ​​​​कि अपनी वेबसाइट पर विशेष रूप से “महिलाओं के लिए” लेबल वाले उत्पादों की पेशकश करता है। यह उसके दोगले चेहरे का पर्दाफाश करता है।

डिज़नी के झूठे आदर्शों और विचारों से पर्दा तब उठा जब बुधवार को डिज़नी के जनरल एंटरटेनमेंट कंटेंट के अध्यक्ष केरी बर्क ने कंपनी-व्यापी ज़ूम कॉल के दौरान टिप्पणी की कि मनोरंजन की दिग्गज कंपनी में 50 प्रतिशत LGBTQ समुदाय के पात्रों का रखने का प्रयास कर रही है। हां, सही है आबादी का एक छोटा अनुपात अब हमारे टेलीविजन और सिनेमा स्क्रीन पर चरित्र स्थान का 50 प्रतिशत हिस्सा लेगा।

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कैरी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि, “मैं एक ट्रांसजेंडर और एक पैनसेक्सुअल बच्चे की माँ हूँ। कैरी ने कहा कि वह एक सहयोगी से यह जानकर निराश हो गई थी कि कंपनी में केवल “मुट्ठी भर” LGBTQ से जुड़े पात्र हैं। हमारी कहानियों में कई LGBTQIA पात्र हैं और फिर भी हमारे पास पर्याप्त आख्यान नहीं हैं जिसमें समलैंगिक पात्रों को केवल चरित्र होना चाहिए और समलैंगिक कहानियों के बारे में नहीं होना चाहिए। ”

रूढ़िवादी लिंग पहचान के अनुरूप किसी भी चीज़ पर प्रतिबंध लगाने के लिए डिज़नी का आक्रामक रुख फ्लोरिडा सरकार के सामने ध्वस्त हो जाता है। रॉन डीसेंटिस ने सोमवार को एक कानून पर हस्ताक्षर किए जो फ्लोरिडा के शिक्षकों को एलजीबीटीक्यू विषयों जैसे यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान जैसे छात्रों के साथ चर्चा करने से प्रतिबंधित करता है।

यह विधेयक स्कूल प्रणाली में “समलैंगिक” शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाता है और कक्षा में यौन अभिविन्यास और लिंग पहचान से संबंधित विषयों की आकस्मिक चर्चा पर प्रतिबंध नहीं लगाता है, लेकिन फिर भी इसे कई मीडिया द्वारा “डोंट से गे बिल” के रूप में संदर्भित किया गया है।

डिज़नी ने खुले तौर पर बिल का विरोध किया

डिज़नी ने खुले तौर पर बिल का विरोध करते हुए कहा, “फ्लोरिडा का एचबी 1557 को कभी भी पारित नहीं होना चाहिए था जिसे ‘डोन्ट से गे’ बिल के रूप में भी जाना जाता है। और कभी भी कानून पर हस्ताक्षर नहीं किया जाना चाहिए था। हम डिज़नी परिवार के LGBTQ+ सदस्यों के अधिकारों और सुरक्षा के साथ-साथ फ़्लोरिडा और पूरे देश में LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा के लिए खड़े होने के लिए समर्पित हैं।

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समावेशिता सिक्के का एक पहलू है लेकिन ऐसे मजबूत विचारों को उन बच्चों पर थोपना जो अभी तक लिंग या लिंग की परिभाषाओं को नहीं समझ पाए हैं, एक खतरनाक कट्टर सोच है। यह बच्चों को एक अलग यौन अभिविन्यास मानने के लिए तैयार करने जैसा है क्योंकि उनके पसंदीदा डिज़नी चरित्र ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा या ऐसा करने का नाटक किया।

यदि डिज़्नी वास्तव में LGBTQ समुदाय के लिए काम कर रहा है, तो उसे कंपनी में शीर्ष प्रशासनिक पदों पर 50 प्रतिशत भर्ती करनी चाहिए, जो केवल इसी इंद्रधनुष समुदाय के लिए खुली हो।  बाकि यह तो तय है कि अब भारत के माता-पिता अपने होते बच्चों को डिज़्नी के प्रति प्रेरित तो नहीं करेंगे क्योंकि जिस ढर्रे पर अब वो चल रहा है भारत में तो उसके पतन के रास्ते बुलंद हो चुके हैं। डिज़नी हॉटस्टार के उपयोगकर्ता अब यही कह रहे हैं कि No to Disney subscription, its disastrous for our kids.

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