वामपंथियों और रुबिका लियाकत का काफी समय से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। एबीपी न्यूज की वर्तमान एंकर अपने विचारों और अपने जीवनशैली दोनों के लिए काफी विवादों के घेरे में रही हैं। लेकिन हाल ही में उन्होंने फिर से एक ऐसा निर्णय लिया, जिसके कारण वामपंथी और कट्टरपंथी मुसलमान दोनों हाथ धोकर उनके पीछे पड़ गए हैं। परंतु रुबिका ने ऐसा भी क्या किया कि वामपंथी, विशेषकर कट्टरपंथी मुसलमान उनके पीछे पड़ गए हैं? असल में कुछ ही दिनों पूर्व रुबिका ने कुछ यूं ट्वीट किया था – “एक महिला के पूरी तरह से तैयार होने के बावजूद लोग क्यों सोचते हैं कि उसे ड्राइवर की सीट (गाड़ी चलाने वाली सीट) पर नहीं होना चाहिए। कोई गलती न करें और स्टीयरिंग (गाड़ी को हैंडल करने वाला व्हील) हमेशा अपने हाथ में रखें, चाहें आप तैयार हो या न हों।”–
तो आखिर इसमें आपत्तिजनक क्या है? एक तो रुबिका इसमें ड्राइवर की सीट पर हैं, जो कट्टरपंथियों के अनुसार किसी अपराध से कम नहीं है। दूसरी ओर वह साड़ी और गजरा सहित पारंपरिक भारतीय परिधान में थी। अब ऐसे में कट्टरपंथी मुसलमान ये कैसे स्वीकार कर पाते? तो उन्होंने रुबिका को निशाने पर लेना प्रारंभ कर दिया। उदाहरण के लिए एक यूजर ने ट्वीट किया, “भाईजान साड़ी में आप बिंदास लगती हैं वैसे आप बदमाश तो है हीं। आप अपनी मर्जी से साड़ी पहन सकती हो लेकिन कोई लड़की अपनी मर्जी से हिजाब भी नहीं लगा सकती। एक तरफ आप इस ट्वीट के जरिए महिला सशक्तिकरण की बात कर रही हैं और दूसरी तरफ आप प्रियंका जी का मजाक उड़ा रही हैं” –
उसी के ठीक नीचे एक अन्य यूजर ने लिखा, “तो इस महिला को लगता है कि हिजाब पहनने वाली लड़कियां पढ़ नहीं सकती? वैसे भी यह मेकअप काफी घटिया और बदसूरत प्रतीत होता है?” –
एक व्यक्ति तो सीधा अपशब्दों पर उतरते हुए ट्वीट किया, “आज गोदी मीडिया की हालत, उस बाजारू-औरत की तरह हो गई है। जिसे लाख अश्लील गालियां दो फिर भी बुरा नहीं मानती! भाजपा के गोदी कोठों का मुजरा भाजपा के लिए ज़ोरों पे इसलिए रुबिका भाजपा **** पे एक आक थू बनता है आक थू” –
एक अन्य यूजर ने ये भी ट्वीट किया, “आप अपनी मर्जी से साड़ी, गजरा और बिंदी लगा सकती हैं पर कोई मर्जी से पर्दा करे तो मैडम को आग लग जाती है। मुनाफिकों के भी अपने प्रोपेगेंडे हैं” –
सारा अली खान भी हैं वामपंथियों के निशाने पर
परंतु आपको क्या लगता है, ऐसा पहली बार हुआ है? क्या भारतीय संस्कृति की प्रशंसा करने के लिए किसी अन्य मुस्लिम लड़की को उपहास का सामना नहीं करना पड़ा है? लगता है फिर आप लोग सारा अली खान और उनके अनुभव से परिचित नहीं है। रुबिका के पश्चात यही हैं, जिनका विवादों से काफी लंबा और गहरा नाता रहा है। कुछ ही माह पूर्व अपने OTT फिल्म ‘अतरंगी रे’ के रिलीज से पूर्व सारा अली खान उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए गई। सारा अली खान ने केवल दर्शन ही नहीं किये, अपितु इंस्टाग्राम पर इसकी फोटो शेयर करते हुए पोस्ट किया, “जय महाकाल।”–
बस, फिर क्या था, कट्टरपंथी मुसलमान टूट पड़े और उनके इंस्टाग्राम हैंडल पर उन्हें जमकर ताने दिए। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति ने कहा, “अगर इस्लाम में नहीं रहना तो हट जाओ। यह इस्लामिक नाम न रखो।” ध्यान देने वाली बात है कि इससे पूर्व भी सारा अली खान को कई बार ऐसे विरोध का सामना करना पड़ा है। कुछ ही माह पूर्व सारा अली खान केदारनाथ के दर्शन के लिए गई थी और उनके साथ अभिनेत्री जाह्नवी कपूर भी गई थी। अब उद्देश्य चाहे जो रहा हो, परंतु केदारनाथ की तीर्थ यात्रा पर जाने से दोनों ही लाइमलाइट में आए और स्वाभाविक तौर से कट्टरपंथियों के निशाने पर भीl जाह्नवी कपूर को लोगों ने उतना ही भाव दिया जितना उनकी फिल्मों को दिया जाता है, लेकिन सारा अली खान की केदारनाथ यात्रा से कट्टरपंथी मुस्लिम बुरी तरह भड़क गए। ऊपर से जब सारा अली खान ने इंस्टाग्राम पोस्ट में जय भोलेनाथ का नारा लगाया, तो कट्टरपंथी मुसलमानों के क्रोध का कोई ठिकाना ही नहीं रहा। उन्होंने सारा अली खान को काफिर से लेकर अनेकों प्रकार के अपशब्द सुनाए। ऐसे में रुबिका लियाकत पर अपने क्रंदन से वामपंथियों ने ये सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए जब एजेंडा सामने आए, तो नैतिकता, तर्क और अर्थ कुछ मायने नहीं रखता और रुबिका लियाकत को निशाने पर लेकर अपनी भद्द पिटवाते हुए उन्होंने एक बार फिर यही सिद्ध किया है।
और पढ़ें: सारा अली खान बोली जय महाकाल और कट्टरपंथियों में फिर से मचा बवाल