आम आदमी पार्टी के दस दिनों में भ्रष्टाचार खत्म करने के वादे में कितनी सच्चाई है, यहां जानिए

केजरीवाल का नया पैंतरा ?

स्रोत - गूगल

दावे करने से क्या होता है, करते जाओ और जनता लपेटती रहेगी। ऐसी ही असंख्य दावे करने वाले  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से वो मायावी दावा किया है, जिसकी परिकल्पना एक ही व्यक्ति कर सकता है- और वो हैं अरविंद केजरीवाल। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है, कि सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर पंजाब में भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया है।

आप ने की पंजाब में दस दिनों में भ्रष्टाचार को खत्म करने की अजब घोषणा 

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, पंजाब में अब कोई भ्रष्टाचार नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के बोरिया बिस्तर पैक करा दिए हैं। केजरीवाल ने कहा, मुझे नहीं पता कि राजनीति कैसे की जाती है। लेकिन मुझे पता है कि भ्रष्टाचार को कैसे खत्म किया जाए। हमने दिल्ली में भ्रष्टाचार खत्म किया, जहां अब किसी को सरकारी दफ्तरों में रिश्वत नहीं देनी पड़ती। पंजाब में भगवंत मान ने दस दिनों में भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया। वाह, गजब की जादूई छड़ी है, जो 10 दिन में भगवंत मान ने भ्रष्टाचार को बिल्कुल मिस्टर इंडिया के अनिल कपूर की तरह गायब कर दिया। वो बात अलग है, जिस जनलोकपाल की साख पर आम आदमी पार्टी का गठन हुआ, सरकार बनी उस जनलोकपाल का आजतक कहीं नामोंनिशान नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गुजरात में दावा किया, जहां उनकी पार्टी भाजपा के लिए एक चुनौती के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है। अरविंद केजरीवाल जहां भी जाते हैं, अपने ‘दिल्ली मॉडल’ का महिमामंडन करना पसंद करते हैं। लेकिन उस आधारहीन महिमामंडन का पर्दाफाश कई ज़मीनी सर्वे कर देते हैं। स्टेटिस्टा के एक सर्वेक्षण के अनुसार, जनवरी 2020 तक, दिल्ली के अधिकांश निवासियों (40 प्रतिशत) ने कहा कि केजरीवाल के शासन में भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई है। वास्तव में, 14 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने तो यहां तक ​​कहा कि आप सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 23 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार में मामूली कमी आई है।

आम आदमी पार्टी की पार्षद भ्रष्टाचार के आरोप में हुईं थी अरेस्ट 

“हम तो आम आदमी हैं जी” का गला फाड़-फाड़ कर ढोल पीटने वाले सत्ता में आते ही उसी आम आदमी और मजदूर वर्ग की गले की फांस बन गए हैं। इस वर्ष फरवरी  माह में, पूर्वी दिल्ली नगर निगम की विनोद नगर वार्ड से “आप” पार्षद गीता रावत और उनके सहयोगी बिलाल को सीबीआई ने रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि एजेंसी ने वार्ड 10-ई के पार्षद के खिलाफ एक व्यक्ति से 20 हजार रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया है। बता दें, विनोद नगर वार्ड उसी पटपड़गंज विधानसभा का एक वार्ड है, जिस विधानसभा से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी के दूसरे नंबर के नेता  मनीष सिसोदिया विधायक हैं। गीता रावत पटपड़गंज विधानसभा की अकेली पार्षद हैं, जो आम आदमी पार्टी से चुनकर आई हैं, शेष तीनों वार्ड भाजपा के कब्जे में हैं। ऐसे में डिप्टी सीएम सिसोदिया की करीबी गीता रावत का भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया जाना उनकी और उनकी पार्टी की भ्रष्टाचार विरूद्ध झूठी सोच का पर्दाफाश तो करता ही है, साथ ही 10 दिन में पंजाब में भ्रष्टाचार खत्म वाले दावे को भी स्वाहा कर देता है।

ज्ञात हो कि, कैसे अरविंद केजरीवाल और उनके इस गिरोह ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान के दौरान लोकपाल बिल लाने के लिए यूपीए सरकार को घेरा था। आज वो लोकपाल बिल का शिगूफा ठंडे बस्ते में पड़ा है।

आप पर लगातार लगता रहा है, भ्रष्टाचार का आरोप 

सरकार बनने के बाद से ही कभी विज्ञापन घोटाला तो कभी कोई घोटाला। इन सभी के प्रति जहाँ आम आदमी पार्टी के विरूद्ध विपक्ष आवाज उठा रहा था तो कई बार उसके अपने नेताओं ने ही सरकार द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली गई। 2017 में आम आदमी पार्टी में बड़ा झगड़ा हो गया था। उस समय उनके कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। यहां तक ​​कि उन्होंने सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत भी दर्ज कराई कि उन्होंने केजरीवाल को अपने सहयोगी सत्येंद्र जैन से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेते देखा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 400 करोड़ रुपये के पानी के टैंकर घोटाले की जांच में देरी की और उनके रिश्तेदार दिल्ली में छायादार भूमि का सौदा कर रहे थे।

इस सरकार का सबसे बडा मूल मंत्र विज्ञापन ही रहा है। कोई नीति-नियम लागू नहीं होते कि पूरी राजधानी दिल्ली विज्ञापनों से पाट दी जाती है। “आप सरकार” का विज्ञापन का बजट बहुत बड़ा है। इसके लिए पैसा कहां से आता है? क्या यह केजरीवाल सरकार की निजी संपत्ति है,  जो दिल्ली के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ के लिए उपयोग में लाने वाले राजस्व का इस्तेमाल फालतू के विज्ञापन अभियानों के लिए करते आए रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल की राजनीति भ्रष्टाचार खत्म करने पर केंद्रित थी। लेकिन वह यह सुनिश्चित करने में विफल रहे कि दिल्ली में भ्रष्टाचार समाप्त हो, सत्ता हासिल करने के 10 दिनों के भीतर पंजाब में ऐसा करने की बात तो दूर। वास्तव में, “आप” और उसके नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप काफी गंभीर हैं, और अगर पूरी तह से जांच की जाए, तो क्या विधायक और क्या निगम पार्षद सभी के चिट्ठे खुलेंगे।  पंजाब में, भगवंत मान ने एक व्हाट्सएप नंबर लॉन्च किया है, जिसका उपयोग लोग भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज करने के लिए कर सकते हैं। आप सरकार ने इस कदम को “अभूतपूर्व” और “ऐतिहासिक” बताया। ध्यान रहे, मान सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बस इतना ही किया है, और पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य घोषित कर दिया है |

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