नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में लीलाबाड़ी में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए पहले उड़ान प्रशिक्षण संगठन (FTO) का उद्घाटन किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि, असम में लीलाबाड़ी में बना FTO, जून 2022 तक बनने वाले नौ FTO में से एक है। यह FTO देश के पांच हवाई अड्डों में स्थापित होने वाले हैं। इसमें लीलाबाड़ी के अतिरिक्त कर्नाटक में बेलागवी और कलाबुरागी, महाराष्ट्र राज्य में जलगांव और एमपी में खजुराहो शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि रेडबर्डएविएशन ने लीलाबाड़ी में FTO स्थापित करने का टेंडर हासिल कर लिया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने एफटीओ के लिए जमीन लीज पर दी है। साथ ही AAI ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सोसाइटी से वैधानिक मंजूरी हासिल करने में सहयोग भी किया है। इस प्रकार के फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना का उद्देश्य भारत को फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए वैश्विक हब बनाना है।
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युवाओ के होंगे सपने साकार
लीलाबाड़ी में बना FTO पूरे पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए अपने सपने पूरे करने का माध्यम बन सकता है। पूर्वोत्तर भारत में ऐसे बहुत से युवा होंगे जो पायलट बनने का सपना देखते हैं। अब तक फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए उन्हें मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों का रुख करना पड़ता था। किंतु अब असम में रहकर यह कार्य संभव हो सकता है।
मोदी सरकार द्वारा पूर्वोत्तर के विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है और इसी क्रम में इस एप्स FTO का निर्माण किया गया है। फ्लाइंग ट्रेनिंग एक रोजगार परक कोर्स है। आर्थिक विकास कुशल श्रम पर निर्भर करता है और कुशल श्रम के निर्माण हेतु आधुनिक तकनीक का ज्ञान और अभ्यास आवश्यक है। मोदी सरकार द्वारा पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर का जो विकास किया जा रहा है वह तभी अपनी पूरी क्षमता के साथ इन राज्यों के आर्थिक प्रोन्नति को आगे बढ़ाएगा जब सरकार श्रम कौशल के विकास को भी तवज्जो देगी।
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पूर्वोत्तर का कायाकल्प
भारत सरकार ने ऐसे कई कोर्स चलाएं हैं जो युवाओं को रोजगार प्रदान करने वाले हैं। हाल ही में सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का तीसरा चरण शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत पूरे भारत में 800000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें पूर्वोत्तर भारत का विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अतिरिक्त मेडिकल की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयुष कॉलेज खोले हैं और क्रमबद्ध रूप में उसका बजट आवंटन भी बढ़ाया है। राज्य सरकारों द्वारा भी कई डिग्री कॉलेज को यूनिवर्सिटी में बदला गया है।
आधुनिक डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, IIT गुवाहाटी, लीलाबाड़ी FTO कौशल विकास योजना के साथ बेहतर रोड-रेल-एयरपोर्ट सुविधा का निर्माण एक ऐसा मिश्रण है, जो पूर्वोत्तर के कायाकल्प की कहानी लिखने वाला है।
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