#DeepVeer, #VicKat और अब मीडिया में चारों ओर एक ही नाम गूंज रहा है, #RaAlia…रणबीर कपूर और आलिया भट्ट का हाल ही में विवाह सम्पन्न हुआ, पर विवाह न हुआ मानो अखंड संकल्प पूर्ण हुआ, जिसके पीछे मीडिया तो ऐसे हाथ धोके पड़ गया कि कोई भी अपना माथा पकड़ कर बैठ जाए। इस विवाह की कवरेज के नाम पर मीडिया ने जनता की नाक में दम कर रखा है तथा रणबीर और आलिया की शादी, शादी कम और नेपोटिज्म का भद्दा प्रदर्शन अधिक है।
यदि आपको लगता है कि विकी कौशल और कैटरीना कैफ की विवाह पर मीडिया ने जमकर रायता फैलाया है, तो आप गलत हैं। मीडिया तो मानो यह सिद्ध करने पर तुला है कि कौन कितना अधिक गिर सकता है। चाहे विराट कोहली और अनुष्का का विवाह हो, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की शादी हो या फिर विकी कौशल और कैटरीना कैफ का ही विवाह क्यों न हो, मीडिया की बेतहाशा कवरेज देखकर आपको ऐसा प्रतीत होगा मानो संसार में इससे महत्वपूर्ण तो कोई वस्तु है ही नहीं। करण जौहर क्या पहनेंगे, नीतू कपूर किस डिजाइनर के कपड़े पहनेंगी, महेश भट्ट किसके नाम की हल्दी लगाए हैं, इन सबको देखकर यह प्रतीत होता है कि मीडिया अपने मूल कर्तव्य को ही भूल चुका है।
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वंशवाद का प्रत्यक्ष प्रमाण है यह विवाह
परंतु एक और बात भी है जिसपर कम ही लोगों ने ध्यान दिया है। दरअसल, ये विवाह अपने आप में नेपोटिज़्म यानी वंशवाद का सबसे प्रत्यक्ष प्रमाण है। रणबीर कपूर ने आलिया भट्ट से विवाह किया, यानी ऋषि कपूर के बेटे ने महेश भट्ट की बेटी से विवाह किया। इससे पूर्व में दोनों के संबंध कई अन्य कलाकारों से भी रहे हैं, जिनमें से कुछ तो स्पष्ट हैं और कुछ नहीं। रणबीर कपूर का संबंध प्रख्यात अभिनेत्री कैटरीना कैफ से भी रहा और साथ ही साथ दीपिका पादुकोण के साथ भी रहा, लेकिन एक समय के बाद दोनों से ही उनके संबंध टूट गए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो स्वयं कपूर परिवार भी इन दोनों के साथ रणबीर कपूर के संबंधों के विरुद्ध था, विशेषकर कैटरीना कैफ के संबंध में! वहीं, दूसरी ओर आलिया भट्ट के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं। उनके दादा नानाभाई भट्ट अपने समय के प्रख्यात फिल्म प्रोड्यूसर रहे और उसी समय से महेश भट्ट का परिवार बॉलीवुड में एक मजबूत पकड़ बनाए हुए है। ऐसे में इस शादी से सभी समीकरण एकदम सटीक बैठते हैं – घर की बात घर ही में रह जाती है।
अपनी कूप मंडूक प्रवृति से बाहर नहीं निकलना चाहता है बॉलीवुड
ये बात आज की नहीं, अपितु कई वर्षों से चली आ रही है। उदाहरण के लिए करीना कपूर का सैफ अली खान से विवाह भी इसी का प्रत्यक्ष प्रमाण है। सैफ एक अभिनेता होने के साथ साथ एक उच्च राजघराने से भी संबंध रखते हैं, जबकि करीना कपूर प्रतिष्ठित कपूर परिवार से संबंध रखती हैं। एक समय करीना कपूर का संबंध शाहिद कपूर के साथ भी था, जो प्रख्यात अभिनेता पंकज कपूर के पुत्र हैं! परंतु अपने पिता की भांति शाहिद को सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना पड़ा था और उनके पिता के नाम से तनिक भी अंतर नहीं पड़ा।
बॉलीवुड आज भी एक संकुचित दृष्टिकोण वाला उद्योग है, जहां पर अपनी छाप छोड़ना लगभग असंभव है, विशेषकर तब जब आपके ऊपर किसी गॉडफादर या प्रख्यात उपनाम का हाथ न हो। इसके अतिरिक्त सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मृत्यु ने बॉलीवुड की विश्वसनीयता पर ही एक गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। ऐसे में #Raliaजैसे विवाह इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ये उद्योग अपने कूप मंडूक प्रवृत्ति से बाहर नहीं निकलना चाहता और अपने ‘खानदान’ के बल पर ही आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन वंश के नाम पर तो धृतराष्ट्र भी आगे नहीं बढ़ पाए, तो बॉलीवुड की क्या हस्ती?
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