उन वामपंथियों और कट्टरपंथियों के घर का चूल्हा भला कैसे जले जो बीते 7 वर्षों से बेरोजगार हुए पड़े हैं, आज उसका सर्वसाधारण उपाय बन चुका है हिन्दू धर्म और उसके अनुयायियों के आराध्यों के प्रति कुंठा निकालना जिसके लिए डॉ जितेंद्र कुमार जैसे वामपंथी निचले से निचले स्तर तक जाने को आमादा हैं।
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अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉफेसर ने क्या बोला?
दरअसल, कट्टरपंथ के गढ़ में से एक अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से हाल ही में एक और नया प्रकरण सामने आया है जहां एएमयू के प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार जो यौन अपराधों के विषय पर एमबीबीएस के तीसरे वर्ष के छात्रों को पढ़ा रहे थे, जिसमें पौराणिक कथाओं में बलात्कार की घटनाओं के बारे में एक स्लाइड में कथित तौर पर हिंदू देवताओं को संदर्भित किया गया था। इसके बाद छात्रों ने रोष प्रकट किया और मामले ने तूल पकड़ लिया जिसके बाद प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया था।
Hinduphobic and baseless contents taught at Aligarh Muslîm University.
AMU issue show cause notice.
Accused Jitendra Kumar responds by apologising and justifying.
He must be booked and arrested without any delay and relevant sections of IPC imposed@Uppolice @myogiadityanath pic.twitter.com/QyNr0BmyUI
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) April 6, 2022
दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार ने बुधवार को एक कक्षा में पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई प्रस्तुति में बलात्कार पर ‘पौराणिक संदर्भ’ देते हुए विभिन्न हिन्दू धर्म के आराध्यों को दुष्प्रचारित किया। बाद में छात्रों ने इसपर आपत्ति दर्ज़ कराई जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसर को कथित तौर पर पढाई के नाम पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से छात्रों और कर्मचारियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
विवाद बढ़ने और सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया में खबर आग की तरह फैलने के बाद मेडिसिन फैकल्टी के डॉ जितेंद्र कुमार ने एक बयान में कहा कि उनका इरादा छात्रों और कर्मचारियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था। प्रोफेसर ने तब माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा किसी विशेष धार्मिक समुदाय को चोट पहुंचाने का नहीं था।” विवाद बढ़ने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को हरकत में आना पड़ा और प्रोफेसर को सस्पेंड किया गया।
Assistant professor Jitendra Kumar of Dept of forensic medicine, AMU suspended. https://t.co/OxTnMosBzc pic.twitter.com/CpS5Pwg3Gs
— Arvind Chauhan 💮🛡️ (@Arv_Ind_Chauhan) April 6, 2022
यह कोई पहला वाकया नहीं है
वैसे यह कोई पहला वाकया नहीं है जहां हिन्दू देवी-देवताओं को निशाना बनाते हुए उनके विरुद्ध आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणियां की गई हों, एएमयू का प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार अकेला नहीं है बल्कि हिंदुओं से नफरत करने वालों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है। यूं तो इस प्रोपेगंडा पर पलने वाले लोगों की देश में कभी कमी महसूस नहीं हुई है जो हिन्दू धर्म और हिन्दू देवी-देवताओं पर प्रश्न न खड़े करें या उन्हें अपशब्द न बोलें। एक बड़े पुराने हिन्दू विरोधी हैं मणिशंकर अय्यर, जिस व्यक्ति को पाकिस्तान सुहाता है और भारत का हर वो भारतीय खटकता है जिसके आराध्य श्री राम हैं। बाबरी ढांचे के विध्वंस में सबसे ज़्यादा जिस व्यक्ति की चूड़ियां टूटीं वो थे मणिशंकर अय्यर। इसी रुदाली राग को वर्ष 2019 में गाते हुए अय्यर ने “एक शाम बाबरी के नाम” कार्यक्रम में कहा था कि, “दशरथ एक बहुत बड़े महाराजा थे…कहा जाता है उनके महल में 10 हजार कमरे थे। कौन जानता है कि कौन सा कमरा कहां था…इसलिए ये कहना कि क्योंकि हम सोचते हैं कि हमारे भगवान राम यहीं पैदा हुए थे…इसलिए मंदिर वहीं बनाना है…और क्योंकि एक मस्जिद है वहां, इसलिए हम उसको पहले तोड़ेंगे…और उसकी जगह हम बनाएंगे।” राम के अस्तित्व को चुनौती देने वाले मणिशंकर अय्यर के जहरीले बोल कभी न कभी सामने आ ही जाते हैं।
कांग्रेसी नेताओं के अतिरिक्त एक पार्टी है वो जिसका उद्गम ही हिन्दू विरोध पर हुआ था उसके नेताओं के भी मुंह पर सदा से हिन्दू आराध्यों के प्रति विष भरा रहता है। एक विवादास्पद बयान में, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि रामायण और महाभारत जैसी हिंदू पौराणिक कथाएं साबित करती हैं कि “हिंदू भी हिंसक हो सकते हैं।” यह शब्द उस समुदाय के बचाव में निकले जो किसी न किसी हिंसात्मक घटना में आए दिन संलिप्त पाया जाता है, चूंकि हिन्दू धर्म से जुड़े कुछ अपवाद ही समाज में देखने मिलते हैं तो हिन्दू धर्म के विरुद्ध सीपीआई को मसाला नहीं मिल पाता यह दल कहानियां प्लांट करते हैं और अनपढ़ों की तरह उन्हें हिन्दू पौराणिक कथाओं से जोड़ देते हैं ताकि इनका मर चुका वोटबैंक वेंटिलेटर पर सांसे ले सके और कमाई का अदना सा स्त्रोत सुचारू रूप से चलता रहे।
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आराध्यों को टारगेट करने से किसी का भला नहीं होगा
हिन्दू धर्म को गरियाने और उसके आराध्यों को टारगेट करने से किसी का भी भला नहीं होगा यह सब जानते हैं पर बेवकूफों को एजेंडा चलाने की ऐसी सनक है कि मार भी खा लेंगे, गाली खाने के तो खैर आदि हो गए हैं। और तो और बाहरी दुश्मनों की भांजी लाठियां भी सहर्ष स्वीकार कर लेंगे पर बिना हिन्दू धर्म को दुष्प्रचारित करे न उनके पेट का पानी पचता है और न ही पचता। ऐसे में एक ही उपचार है ऐसे लोगों का जैसे रासूका लाकर दंगाइयों और उपद्रवियों की दुर्दशा हुई है, भगवानों को भी अपशब्द कहने वाले और पौराणिक कथाओं को अपने मनमुताबिक बदल देने वालों पर ऐसे ही सख्त प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि इसके बिना यह लोग न ही सुधरेंगे और न ही चुप होंगे।